PM मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आकर 'क्योटो' की हालत भी हुई पतली, पानी में डूब गईं जनता की उम्मीदें

बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर सिस्टम के बनने की वजह से बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि अभी दो-तीन दिन ऐसे ही मौसम बना रहेगा। लेकिन जलभराव लगातार समस्या खड़ी किए है...

Update: 2021-06-18 07:29 GMT

बारिश की शुरूआत में ही प्रधानमंत्री मोदी के क्योटो यानी बनारस का ये हुआ हाल.

जनज्वार, वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस से चुनाव लड़कर काशी की जनता का दिल लूट लिए थे। फिर काशी को क्योटो बनाने का वादा किया तो जनता लहालोट हो गई। काशी में पहले कोरोना हावी हुआ तो अब बरसात। अब यहां की जनता की मोदीजी से उम्मीदें पहली ही बरसात में पानी में डूब चुकी हैं।

प्रकृति की मेहरबानी से गुरूवार वाराणसी पानी से भर गया। झमाझम बरसात के बाद गली-मोहल्ले और सड़क के साथ घरों तक पानी जाने से लोगों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। वाराणसी की भीषण बारिश ने यहां नगर निगम की भी पोल खोल दी है। नगर निगम से लेकर स्मार्ट सिटी की सारी व्यवस्थाओं को इस बारिश ने सबके सामने लाकर खड़ा कर दिया है। काशी के प्रमुख मार्गों पर बारिश के पानी से पूरा जलमग्न हो गया। इस भीषण बारिश में लंबी कतारों में लगा जाम भी दिखा।

जिस तरह पीएम का संसदीय क्षेत्र क्योटो उर्फ बनारस में स्मार्ट सिटी का कार्य किया जा रहा है इस मुताबिक वह कहीं से जरा भी खरा नहीं उतरता। वाराणसी में मानसून की दस्तक के बाद दो से दिन रुक-रुक कर बारिश हो रही है। बुधवार 16 जून को हवा की रफ्तार कम होने और तेज धूप से उमस बढ़ने के बाद गुरुवार 17 जून की भोर 3 बजे से ही नम हवा के साथ लगातार झमाझम बारिश हो रही है।


हालांकि बारिश से लोगों को उमस से राहत मिली है लेकिन शहर के कई इलाकों में जल भराव से लोगो को परेशानी भी झेलनी पड़ी। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर सिस्टम के बनने की वजह से बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि अभी दो-तीन दिन ऐसे ही मौसम बना रहेगा। लेकिन जलभराव लगातार समस्या खड़ी किए है।

बारिश से शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया। साफ-सफाई न होने के कारण नालों से पानी को निकलने में घंटों समय लग रहा है। नगर निगम की लापरवाही का खामियाजा आम जनता भुगत रही है। शहर के प्रमुख इलाकों में बेनियाबाग, काली महाल, लल्लापुरा, पितर कुंडा आदि इलाकों में बारिश के बाद सीवर ओवरफ्लो कर रहा है। वही, अंधरापुल और सरैया डाटपुल के पास पानी नहीं निकलने से भरा रहा। जबकि कई बार नगर निगम के अधिकारियों ने निरीक्षण किया।

नगर निगम के दावों के उलट शहर के तकरीबन सभी मेनहोल और नालियां ओवरफ्लो हो रहा है। सफाईकर्मी भी इसको लेकर परेशान रहे, लेकिन वह भी जाम नालियों और चोक सीवर के चलते जलजमाव से जल्दी राहत नहीं दिला सके। बारिश के बाद सीवर ओवरफ्लो से लोगों के घरों में पानी घुस गया। जल निकासी की मुक्कमल व्यवस्था नहीं होने से निचले इलाकों पानी भर गया। जिनके घरों में बारिश का पानी घुसा था वे पंप लगाकर या बाल्टी से निकालते रहे।

छित्तूपुर, रेलवे कॉलोनी, दोषीपुरा, कमलगढ़हा, औसानगंज, राजापुरा, हनुमान फाटक, तेलियाना, रवींद्रपुरी कालोनी, इस्कान मंदिर, किरहिया रोड, गुलरिया मोड़, सुसुवाही, चितईपुर, अंधरापुल, नई सड़क, कोदई चौकी, गोदौलिया, गुरुबाग, औरंगाबाद, सीवर ओवरफ्लो और जलजमाव की समस्या लगातार बनी हुई है।

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