मर्डर करने के बाद आरोपी 2 हजार किलोमीटर बाइक से भागा नेपाल , लेकिन हरी सब्जी खाने की आदत ने करा दिया गिरफ्तार
सासवाद पुलिस के अनुसार उन्होंने 9 जुलाई की सुबह लगभग 11 बजे एक शव बरामद किया था। बाद में उसकी पहचान भगवान मार्कड के रूप में की गई थी। पुलिस की जांच-पड़ताल में पता चला कि मृतक की हत्या की गई थी....
जनज्वार। बिहार के हत्या आरोपित के अजीबोगरीब तरीके से पकड़े जाने का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि हत्या का आरोपी महाराष्ट्र के पुणे से अपनी बाइक पर सवार होकर लगभग 2000 किलोमीटर का सफर तय कर पड़ोसी देश नेपाल भाग गया था लेकिन हरी सब्जियां खाने की उसकी चाहत ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। दरअसल, आरोपी नेपाल से 1 किलोमीटर दूर बिहार के बॉर्डर पर हरी सब्जियां खरीदने पहुंच गया। इसी दौरान आरोपी भारतीय सीमा में प्रवेश कर गया, चूंकि उसे भारत में मिलने वाली हरी सब्जियां खाना ज्यादा पसंद था। नेपाल से भारतीय सीमा में आते-जाते देख सीमा पर तैनात सुरक्षा बल के जवानों ने शक के आधार पर पकड़ लिया।
बता दें कि भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बल के जवान काफी सतर्क रहते हैं। वे बिहार के ग्रामीणों द्वारा पहने जाने वाले सामान्य कपड़ों में रहते हैं और हर आने-जाने वालों पर काकदृष्टि लगाए रहते हैं। पकड़ा गया शख्स निरंजन साहनी बताया जाता है, जिसपर उसके मित्र भगवान मार्कड की हत्या का आरोप है। उसपर आरोप है कि सासवाद (महाराष्ट्र) में उसने बीते 9 जुलाई को भगवान मार्कड की हत्या कर दी थी और 2000 किलोमीटर दूर पड़ोसी देश नेपाल के एक छोटे से गांव में जाकर छिप गया था।
सासवाद पुलिस के अनुसार उन्होंने 9 जुलाई की सुबह लगभग 11 बजे एक शव बरामद किया था। बाद में उसकी पहचान भगवान मार्कड के रूप में की गई थी। पुलिस की जांच-पड़ताल में पता चला कि मृतक की हत्या की गई थी, जिसके बाद अज्ञात के विरुद्ध हत्या का केस दर्ज किया गया था।
पुलिस को सूचना मिली कि साहनी लगभग उसी समय से गायब है, जब से भगवान का शव बरामद किया गया था। पुलिस ने सारे सूत्रों की एक साथ तारतम्यता बिठाई। साथ ही साहनी के मोबाइल फोन को ट्रैकिंग पर डाल दिया। ट्रैकिंग में पता चला कि साहनी की लोकेशन हत्या वाली तारीख को रात के 3 बजे उत्तरप्रदेश का बता रहा था।
पुलिस की तफ्तीश में यह भी पता चला कि साहनी और भगवान दोनों रोज साथ-साथ शराब पीते थे। भगवान मार्कड सोनारी रोड स्थित टायर की एक दुकान पर काम करने वाला मजदूर था जबकि साहनी बढई का काम करता था। आरोपी साहनी सचिन बोरकर के मकान में किराए पर रहता था। जिस मकान में साहनी किराए पर रहता था, वह मकान उस जगह से महज 100 मीटर की दूरी पर था, जहां से भगवान मार्कड का शव बरामद हुआ था।
8 जुलाई की रात, जिस दिन मार्कड की हत्या हुई थी, उसने साहनी घर पर उसके साथ शराब पी थी। आरोप है कि इसी दौरान दोनों के बीच मामूली कहासुनी हुई और साहनी ने धारदार हथियार से भगवान के सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद साहनी ने भगवान के शव को पास के एक नाले में फेंक दिया और खुद बाइक से नेपाल स्थित अपने घर भाग गया।
शुरुआती छानबीन के बाद पुलिस ने एक विशेष जांच दल बनाया। जांच दल में एएसआई राहुल घुगे, कांस्टेबल विक्रम भोर और नीलेश जाधव को शामिल किया गया। यह टीम नेपाल के लिए रवाना हो गई। पुलिस टीम जबतक नेपाल के बॉर्डर पर पहुंचती, साहनी नेपाल में प्रवेश कर चुका था। आरोपित के नेपाल पहुंच जाने के कारण पुलिस के हाथ बंध चुके थे, चूंकि पुलिस अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर नेपाल जाकर उसे गिरफ्तार नहीं कर सकती थी। पुलिस अब सिर्फ इंतजार कर सकती थी और पुलिस टीम ने ठीक यही किया।
सिटी पुलिस की टीम ने निर्णय लिया कि वे स्थानीय ग्रामीणों की वेशभूषा में रहेंगे और बॉर्डर पर निगरानी रखेंगे। पुलिस टीम टीशर्ट और लुंगी पहन कर निगरानी रखने लगी, चूंकि उन्हें पता चल चुका था कि आरोपित बिहार की सीमा पर लगने वाले साप्ताहिक बाजार में खरीददारी करने आ सकता है।
13 जुलाई को साप्ताहिक बाजार लगने वाला था। पुलिस ने स्थानीय वेशभूषा धारण कर हत्यारोपित का इंतजार करना शुरू किया। हालांकि वह नहीं आया। शाम के करीब 5.30 बजे साहनी बाजार में आया और ताक में लगी पुलिस टीम ने उसे तब दबोच लिया, जब वह एक दुकान पर खरीददारी कर रहा था।
घुगे ने कहा कि महाराष्ट्र और बिहार के मौसम में काफी फर्क है और जब वे यहां थे तब यहां की प्रचंड गर्मी का मुकाबला करना काफी मुश्किल भरा काम था। उन्होंने कहा, "लेकिन हमारी टीम ने निश्चय कर लिया था कि तबतक वापस नहीं लौटेंगे, जबतक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर लेंगे। हम उसके मोबाइल की लगातार ट्रैकिंग करते गए उसपर निगाह बनाए हुए थे। हम उसे गिरफ्तार करने के लिए नेपाल में प्रवेश तो नहीं कर सकते थे लेकिन उसके जाननेवालों से उसकी हर गतिविधि की जानकारी हासिल कर रहे थे। इसी तरीके से हमें जानकारी मिली थी कि वह साप्ताहिक बाजार में आने वाला है। हमें पता चला था कि आरोपित को नेपाल की सब्जियां पसंद नहीं हैं और वह साप्ताहिक बाजार में भारतीय सब्जियां खरीदने जरूर आएगा।"
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अन्ना घोलप ने बताया कि शुरुआत में केस को अज्ञात के विरुद्ध दर्ज किया गया था लेकिन शक की सुई साहनी की तरफ घूम रही थी क्योंकि वह हत्या वाली रात से ही गायब था। पुलिस टीम को तुरंत नेपाल बॉर्डर की तरफ भेजा गया लेकिन आरोपित नेपाल स्थित अपने गांव पहुंच चुका था। उन्होंने कहा, "साहनी ने 2000 किलोमीटर का सफर अपने बाइक से पूरा कर लिया लेकिन सब्जी खरीदने के लिए उसके द्वारा भारतीय सीमा में की गई 1 किलोमीटर की यात्रा ने उसे हमारे जाल में फंसा दिया।"
पुणे के एसपी डॉ अभिनव देशमुख ने कहा कि सासवाद की पुलिस ने काफी अच्छा काम किया है। पुलिस टीम को 15000 रोये का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र से पुरस्कृत किया जाएगा।