Uttarakhand Bharti Ghotala : 2015 में हुई पुलिस दरोगा भर्ती परीक्षा भी विवादों के घेरे में, जल्द सौंपी जायेगी विजिलेंस को जांच !

Uttarakhand Bharti Ghotala : UKSSSC पेपर लीक मामले में की जा रही जांच में एसटीएफ द्वारा पंतनगर विश्वविद्यालय के रिटायर्ड ऑफिसर दिनेश चंद जोशी को गिरफ्तार किए जाने के बाद पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा कराई गई दरोगा भर्ती की परीक्षा भी शक के दायरे में आ गई....

Update: 2022-08-29 04:18 GMT

Uttarakhand Bharti SCAM : उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की खुली लूट की अगली श्रृंखला में राज्य में सात साल पहले हुई 2015 में हुई पुलिस दरोगा भर्ती परीक्षा भी विवादों के घेरे में है। उत्तराखंड में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की दो परीक्षाओं में पेपर लीक की जांच के दौरान मिले कुछ इनपुट से बीच से यह दरोगा भर्ती भी शक के दायरे में आ गई है। इस भर्ती में भी कुछ लोगों के गलत तरीके से पास होने की आशंका जताई गई है। इस मामले में पुलिस मुख्यालय ने शासन से विजिलेंस जांच की सिफारिश की था, जिसके बाद गृह विभाग ने इस मामले में कार्मिक विभाग से विजिलेंस जांच के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि जल्द ही विजिलेंस इस मामले की जांच शुरू कर सकती है।

मालूम हो कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद तीसरी बार वर्ष 2015 में दरोगा की सीधी भर्ती परीक्षा पंतनगर विश्व विद्यालय द्वारा कराई गई थी। इस परीक्षा में 339 अभ्यर्थी परीक्षा देकर दरोगा बने थे। यूकेएसएससी पेपर लीक मामले में की जा रही जांच में एसटीएफ द्वारा पंतनगर विश्व विद्यालय के रिटायर्ड ऑफिसर दिनेश चंद जोशी को गिरफ्तार किए जाने के बाद पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा कराई गई दरोगा भर्ती की परीक्षा भी शक के दायरे में आ गई थी। इस मामले में चल रही तमाम शंकाओं व शिकायतों के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने इस परीक्षा की जांच कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया था।

शुरुआत में इस भर्ती के रिजल्ट में आरक्षण का पेच फंसने के कारण इस परीक्षा का परिणाम दो बार में जारी किया गया था। उस समय भी इस परीक्षा में धांधली की बात सामने आ रही थी। लेकिन मामले के ज्यादा तूल न पकड़ने पर बात आई गई हो गई थी। लेकिन वर्तमान में चल रही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच में एसटीएफ को दरोगा भर्ती में भी धांधली के साक्ष्य मिले थे। इन साक्ष्यों के आधार पर अंदेशा जताया जा रहा था कि कुछ लोग इसमें गलत तरीके से पास हुए हैं या तो उन्होंने नकल की है या फिर उनकी अर्हता में कुछ गड़बड़ी की गई है, क्योंकि यह परीक्षा पुलिस विभाग की ही थी तो इस सूरत में पुलिस मुख्यालय के अंतर्गत आने वाली कोई एजेंसी इसकी जांच नहीं कर सकती थी।

लिहाजा पुलिस मुख्यालय ने शासन से विजिलेंस जांच की सिफारिश की था। इस मामले में बताया यह जा रहा है कि मुख्यालय की सिफारिश पर गृह विभाग ने इसे कार्मिक विभाग को भेज दिया था, जहां से विजिलेंस जांच के आदेश हो चुके हैं। हालांकि विजिलेंस डायरेक्टर अमित सिन्हा का कहना है कि अभी विजिलेंस को आदेश की कोई कॉपी नहीं मिली है।

ऋषिकेश में प्रेम अग्रवाल का पुतला फूंका, कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग

दूसरी ओर उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की हो रही लूट के खिलाफ प्रदेश में आंदोलन होने शुरू हो गए हैं। विधानसभा भर्ती घोटाला सामने आने के बाद भड़के ऋषिकेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री का पुतला फूंक अपना रोष जताया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि सत्ता की हनक के आगे अधिकारी भी नियमों को ताक पर रख भर्तियां कर रहे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि विधानसभा में 72 पदों की अवैध भर्ती पर शहरी विकास मंत्री प्रेम अग्रवाल ने जिस तरह इन भर्तियों को टेंपररी अरेजमेंट बताकर गुमराह करने की कोशिश की है उससे साफ है कि इस घोटाले में उनकी पूरी मिलीभगत है।

यह टेंपररी अरेजमेंट हो ही नहीं सकता। टैम्परेरी अरेंजमेंट वाले पदों पर इस तरह की सुविधा नहीं दी जाती। रमोला ने कहा कि सत्ता के मद इन्होंने उत्तराखण्ड विधानसभा को अपने नातेदारों रिश्तेदारों का विस्थापन क्षेत्र बना दिया। जहां सिर्फ इनके परिवार वाले या इनके चहेतों का विस्थापन किया जा रहा है। इन भर्तियों के माध्यम से लोकतंत्र से साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। रमोला ने इस पूरे मामले मे सीबीआई की जांच करवाने और वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल को बर्खास्त करने की मांग की है।

महानगर कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर राय ने कहा कि प्रदेश में लगातार एक के बाद एक घोटालों का पुलिंदा खुल रहा है और यूपीएससी भर्ती घोटाले के बाद अब विधानसभा में भर्ती का घोटाला सामने आ गया है। उत्तर प्रदेश जैसी बड़ी विधानसभा में इतनी भर्तियां नही की गई है जितनी यहां की गई है। पार्षद राकेश सिंह ने कहा की शहरी विकास मंत्री ने पहले अपने बेटे और अब अपने भांजे को नौकरी देने का काम किया। भ्रष्टाचार में भी इन लोगों ने अपनी पार्टी के किसी पन्ना प्रमुख या बूथ के योग्य कार्यकर्ता को भी इन नियुक्तियों के योग्य नहीं समझा। यहां भी मंत्री परिवारवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।

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