कृषि बिल : विपक्ष ने किया संसद की कार्यवाही का बहिष्कार, गुलाम नबी ने एक और बिल की मांग उठायी

गुलाम नबी आजाद ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुरक्षा देने के लिए संसद में एक और विधेयक लाने की मांग उठायी है...

Update: 2020-09-22 05:39 GMT

जनज्वार। कृषि विधेयक को लेकर संसद के जारी मानसून सत्र में सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच चल रहे तानातानी के बीच विपक्ष ने मंगलवार को सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्षी सांसद वाॅकआउट कर गए और गांधी प्रतिमा के सामने आठ सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन मे शामिल हुए।

इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम तब तक संसद के सत्र का बहिष्कार करेंगे जबतक सरकार हमारी तीन मंागें स्वीकार नहीं कर लेती है। उन्होंने कहा कि हम सरकार सदन में एक दूसर विधेयक लेकर आए जिसके माध्यम से किसानों को यह सुरक्षा दी जाए कि उनका फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर निजी खरीदार नहीं खरीद सकेंगे। इसके साथ ही एमएसपी स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें के अनुसार तय की जाए। साथ ही एफसीआइ जैसी सरकारी एजेंसियां भी एमएसपी से कम कीमत पर फसलों की खरीद नहीं कर सके।


इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में कहा कि जब तक हमारे सांसदों के सस्पेंशन को वापस नहीं लिया जाता है और किसान के बिलों से संबंधित हमारी मागों को नहीं माना जाता है विपक्ष सत्र से बायकाॅट करता है। आजाद ने कहा कि पिछले दो दिनों में सदन में जो हुआ, मुझे लगता है कि उससे कोई भी खुश नहीं है, करोड़ों लोगों को जो रिप्रजेंट करते हैं उन्होंने करोड़ों लोग देखते हैं। जो लक्ष्य है यहां आने का वह पूरा होना चाहिए।


संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि अगर नंबरों की बात करें तो उस दिन हमारे पक्ष में 110 वोट थे और इनके पक्ष में 721। अगर निलंबित आठ सांसद इस पर पर खेद व्यक्त करते हैं तो सरकार इस बात स सहमत है कि उन्हें सदन से बाहर नहीं होना चाहिए



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