Air Pollution Threat : वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा खतरनाक, दिल्ली वालों की 10 साल तक कम होती जा रही है उम्र
Air Pollution Threat : देश की राजधानी दिल्ली की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। वायु प्रदूषण की वजह से यहां के लोगों की उम्र 10 साल तक कम होने की आशंका जताई जा रही है।
Air Pollution Threat : पिछले 20 साल में लोगों की जीवन प्रत्याशा दर ( life expectancy rate ) में काफी कमी आई है। इसके कारणों पर गौर करें तो इसके लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ कई कारकों को जिम्मेदार मानते हैं। इनमें बढ़ता वायु प्रदूषण ( Air Pollution ) सबसे ज्यादा खतरनाक ( most dangerous ) कारकों में उभकर सामने आया है। वायु प्रदूषण ( Air Pollutin ) ने लोगों की औसत आयु को कम कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि देश की राजधानी दिल्ली ( Delhi Air Pollution ) की स्थिति इस मामले में सबसे ज्यादा खराब है। यहां के लोगों की उम्र 10 साल तक कम होने की आशंका जताई जा रही है।
1998 के बाद वायु प्रदूषण 64.1% की बढ़ोतरी
शिकागो विश्वविद्यालय स्थित ऊर्जा नीति संस्थान (ईपीआईसी) के शोधकर्ताओं ने इस पर गंभीर चिंता जाहिर की है। 2013 से दुनियाभर में प्रदूषण के आंकड़ों में 44 प्रतिशत वृद्धि अकेले भारत ( India ) से हुई है। 1998 के बाद से भारत के प्रदूषण सूचकांक ( Pollution index India ) में 61.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो बड़े खतरे ( Air Pollution threat ) का संकेत हैं।
दिल्ली दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर
यदि वायु प्रदूषण ( Air pollution ) में बढ़ोतरी का यही सिलसिला जारी रहा तो लगभग 50 करोड़ भारतीयों की जीवन प्रत्याशा दर यानि औसत आयु 7.6 साल तक कम हो जाने की आशंका है। शोधकर्ताओं के मुताबिक दिल्ली दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है। देश की राजधानी में रहने वाले लोगों की औसत आयु 10 साल तक कम होती जा रही है।
510 मिलियन से अधिक की आबादी के लिए बड़ा संकट
वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (एक्यूएलआई) के हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय लोगों की औसत आयु वायु प्रदूषण की वजह से पांच साल तक कम हो गई है। उत्तर भारत के इलाकों में इसका जोखिम सबसे ज्यादा है। उत्तर भारत में रहने वाली 510 मिलियन से अधिक की आबादी जो देश की कुल आबादी का लगभग 40 प्रतिशत है के लिए यह गंभीर खतरे का संकेतक है। वायु प्रदूषण विशेषज्ञों के मुताबिक अगर प्रदूषण का स्तर इसी तरह बना रहा तो औसत आयु 7.6 वर्ष तक कम हो सकती है।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश
रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के बाद भारत, दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है। देश के कई अन्य राज्यों का हाल भी बहुत बुरा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि भारत की बड़ी आबादी ऐसे क्षेत्रों में रहती हैं जहां का 'एनुअल एवरेज पार्टिकल पॉल्यूशन' डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों से कहीं अधिक है।
वायु प्रदूषण ज्यादा नुकसानदेह
Air Pollution Threat : भारत की 63 प्रतिशत से अधिक आबादी ऐसे क्षेत्रों में रहती है जहां की वायु गुणवत्ता राष्ट्रीय मानक 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक है। माइक्रोग्राम का बढ़ना मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है। ऐसे इलाकों में लंबे समय तक रहने वाले लोगों की औसत आयु 5 साल तक कम होती देखी जा रही है। धूम्रपान के कारण विशेषज्ञ जहां जीवन प्रत्याशा को 1.5 वर्ष कम होता मानते हैं, वहीं वायु प्रदूषण ( Air Pollution News ) के कारण यह 1.8 वर्ष के करीब देखी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर बढ़ते खतरे से पार पाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।
(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रू-ब-रू कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।
हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।
सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आयें और जनज्वार को आर्थिक सहयोग दें।)