किसान आंदोलन के बीच पंजाब के एक और किसान की मौत, तीन बच्चों का था पिता

किसान के बारे में बताया जा रहा है कि वह भटिंडा जिले के नाथाना ब्लॉक स्थित तुंग अली गांव का निवासी जय सिंह था, उसके तीन बच्चे हैं, जिनकी उम्र क्रमशः 10, 12 और 14 साल की बताई जाती है...

Update: 2020-12-17 06:19 GMT

जनज्वार। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के बीच बुधवार को जहां संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली, वहीं गुरुवार को अहले सुबह पंजाब के एक किसान की मौत की खबर आई है। मृत किसान पंजाब के भटिंडा जिले का निवासी बताया जाता है। किसान की मौत को लेकर कृषक आंदोलन से जुड़े कई लोगों ने ट्वीट कर दुःख जताया है और केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।

मृत किसान के बारे में बताया जा रहा है कि वह भटिंडा जिले के नाथाना ब्लॉक स्थित तुंग अली गांव का निवासी जय सिंह था। उसके तीन बच्चे हैं, जिनकी उम्र क्रमशः 10, 12 और 14 साल की बताई जाती है। किसान की मौत को लेकर कृषक आंदोलन से जुड़े रमनदीप सिंह मान ने ट्वीट कर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने इसके लिए सरकार को दोषी ठहराया है।रमनदीप सिंह मान ने लिखा है कि दिसंबर महीने की इस भयानक सर्दी में किसान लगातार जान गंवा रहे हैं, इसकी जिम्मेदारी कहीं न कहीं सरकार पर है। उन्होंने मृतक के बारे में भी जानकारी देते हुए यह भी कहा है कि वह उनके गांव का ही रहने वाला था।

चौधरी मोहित भुकर नाम के एक और ट्विटर हैंडल, जिसे साइमा नाम के ट्विटर हैंडल से रीट्वीट किया गया है, किसान के मौत की जानकारी देते हुए उसे शहीद बताया गया है और केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया है।इससे पहले बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर संत राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। वे पंजाब के सिंघडा नानकसर के एक गुरुद्वारे में प्रमुख थे। वे किसानों के संघर्ष और कृषि कानूनों को लेकर सरकार के रवैये से आहत थे।

उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा था 'किसानों की तकलीफ को महसूस करता हूं जो अपने अध‍िकारों के लिए लड़ रहे हैं। मैं उनका दुख समझता हूं क्योंकि सरकार उनके साथ न्याय नहीं कर रही। अन्याय करना पाप है, लेकिन अन्याय सहन करना भी पाप है। किसानों के समर्थन में कुछ लोगों ने सरकार को अपने पुरस्कार लौटा दिए। मैंने खुद को ही कुर्बान करने का फैसला किया है।'

Tags:    

Similar News