कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को भूपिंदर सिंह मान ने छोड़ा, बोले - 'देश के किसानों के साथ खड़ा हूं'
भूपिंदर सिंह मान ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख और पूर्व राज्यसभा सदस्य हैं। उनका संगठन किसानों का एक अंबरेला संगठन है जिसके अंदर कई तरह के संगठन आते हैं और उन पर मान का प्रभाव भी है।
जनज्वार। कृषि कानून पर विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार, 12 जनवरी 2021 को बनायी गयी चार सदस्यीय कमेटी को उसके एक सदस्य ने छोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट की इस कमेटी में शामिल किए गए किसान नेता भूपिंदर सिंह मान ने छोड़ने का निर्णय लिया है। मान ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब कमेटी के गठन के बाद से ही लगातार इसकी इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि इसमें शामिल किए गए सभी चार सदस्य पहले से ही तीन नए कृषि कानूनों के समर्थक हैं।
किसान संगठनों के साझा मंच किसान संयुक्त मोर्चा ने बयान जारी कर कहा था कि उनका इस कमेटी से कोई सरोकार नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इसमें एक भी निष्पक्ष सदस्य को नहीं रखा। समिति में रखे गए सभी सदस्य पहले से कृषि कानून के पक्ष में लेख लिखते रहे हैं।
भूपिंदर सिंह मान ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख और पूर्व राज्यसभा सदस्य हैं। उनका संगठन किसानों का एक अंबरेला संगठन है जिसके अंदर कई तरह के संगठन आते हैं और उन पर मान का प्रभाव भी है।
ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी ने दिसंबर में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भेंट कर कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कुछ संशोधन सुझाए थे और इसे करने की जरूरत बतायी थी। इसमें एमएसपी की लिखित गांरटी की मांग भी शामिल है।
मान ने इस संबंध में पत्र लिखा कर सुप्रीम कोर्ट के प्रति आभार जताते हुए कमेटी छोड़ने का ऐलान किया और कहा कि वे हमेशा से किसान व पंजाब के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे पंजाब और देश के हितों से समझौता नहीं करेंगे। जबकि ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रवक्ता व कोर कमेटी के सदस्य विनोद आनंद ने दावा किया है कि भूपेंद्र सिंह मान को लगातार धमकियां मिल रही थीं। उन्होंने दावा किया कमेटी के दूसरे सदस्यों को भी इस तरह के फोन आ रहे हैं। मान को ऐसे काॅल आए इसलिए उन्होंने कमेटी छोड़ दी।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित कमेटी में शामिल नहीं होंगे। मान के कमेटी छोड़ने के बाद अब इसमें कृषि अर्थशास़्त्री व कृषि उपज मूल्य निर्धारण आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुलाटी, शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवत और अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के डाॅ प्रमोद कुमार जोशी सदस्य के रूप में बचे हैं।