Chandauli Latest Crime News : बेटी को न्याय दिलाने के लिए अनशन पर बैठे पिता की तबीयत बिगड़ी, 9 मई को यादव महापंचायत में अखिलेश हो सकते हैं शामिल
Chandauli Latest Crime News :पुलिस की दबिश के दौरान गुड़िया की मौत की घटना के बाद से गांव में तनाव व्याप्त है। कई थानों की फोर्स को गांव में तैनात किया गया है। वहीं नेताओं के आने-जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है...
Chandauli Latest Crime News : चंदौली (Chandauli) के मनराजपुर गांव (Manrajpur Village) में पुलिस की दबिश के दौरान मृत गुड़िया को न्याय दिलाने का मामला अब जोड़ पड़ता जा रहा है। खबरों के मुताबिक अपनी बेटी को न्याय दिलाने की मांग पर अनशन पर बैठे गुड़िया के पिता कन्हैया यादव (Kanhaiya Yadav) की तबीयत बिगड़ गई है। बुधवार सुबह कन्हैया को जिला अस्पताल (District Hospital) में भर्ती कराया गया था। इधर, गुड़िया की घायल बहन गूंजा (Gunja) की स्थिति भी नाजुक बनी हुई है। बताया जा रहा है कि चिकित्सकों ने उसे ऑक्सीजन लगाया है। आपको बता दें कि बीते रविवार को मनराजपुर गांव में पुलिस की दबिश के बाद युवती गुड़िया की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। वहीं छोटी बेटी गूंजा भी जख्मी हालत में मिली थी। गूंजा को सोमवार रात जिला अस्पताल में भर्ती कराया। गुड़िया के परिवारवालों ने पुलिसकर्मियों पर पीट-पीटकर बेटी गुड़िया की हत्या का आरोप लगाया है।
कन्हैया यादव से मिलने अस्पताल में पहुंच रहे लोग
घटना के बाद से गांव में तनाव व्याप्त है। कई थानों की फोर्स को गांव में तैनात किया गया है। वहीं नेताओं के आने-जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। खबरों के मुताबिक इस मामले को लेकर 9 मई को यादव महापंचायत बुलाई गयी है। इस बावत सोशल मीडिया पर पम्पलेट वायरल हो रहे हैं। खबरों के मुताबिक 9 मई के इस यादव महापंचायत में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी शामिल हो सकते हैं। आपको बता दें कि इस मामले में सैयदराजा के एसएचओ उदय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में छह अन्य पुलिसकर्मियों पर भी आरोप लगाए गए हैं। खबरों के मुताबिक उदय प्रताप सिंह पर पहले भी कई बार आरोप लगते रहे हैं। यहां तक सूचना है कि सीओ चंदौली अनिल कुमार राय ने आरोपित एसएचओ को पहले भी नोटिस जारी कर कहा था कि वे जहां भी किसी कार्रवाई में जाएं तो उसका वीडियो जरूर बनवाएं पर इसका भी पालन नहीं किया गया। मामले में अब पीड़िता के परिवारवाले सभी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस ने कन्हैया यादव को बताया था गैंगस्टर
आपको बता दें कि इस मामले में पुलिस की ओर से जो पहले गया था उसके अनुसार कन्हैया यादव बालू का कारोबारी है। उसका पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। सिर्फ कन्हैया पर ही नहीं, बल्कि उसके परिवार के सभी सदस्यों के खिलाफ अलग-अलग मामलों मे मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार साल 2013 में पहला मुकदमा अपशब्दों के इस्तेमाल यानी गाली गलौज करने का दर्ज हुआ। दूसरा मुकदमा साल 2014 में निरोधात्मक कार्रवाई के तौर पर 110 जी का दर्ज हुआ। कन्हैया पर तीसरा मुकदमा चार साल बाद साल 2018 में विद्युत अधिनियम में कटिया डालकर बिजली चोरी करने का लिखा गया। कन्हैया यादव पर चौथा मुकदमा 2020 में सरकारी कर्मचारियों से मारपीट, फसाद करने और गंभीर रूप से घायल करने का लिखा गया।
कन्हैया के बेटे और बेटियों पर भी दर्ज हैं केस
पांचवा मुकदमा साल 2021 के पहले ही दिन पहला मुकदमा सैयदराजा थाने में गुंडा एक्ट का लिखा गया। छठा और आखिरी मुकदमा साल 2021 में ही घर में घुसकर मारपीट करने का लिखा गया। वहीं कन्हैया यादव के दोनों बेटे दीप नारायण यादव और विजय यादव पर भी तीन-तीन मुकदमे दर्ज हैं। साल 2021 में उसी एक घटना, घर में घुसकर मारपीट का केस दर्ज है जिसमें कन्हैया यादव, विजय यादव और दीप नारायण यादव नामजद थे। यानी पिता और दोनों भाइयों के साथ बेटी गुड़िया उर्फ निशा को भी नामजद किया गया था।
वहीं, दूसरी बेटी गुंजन यादव साल 2020 के उस केस में नामजद है, जिसमें सरकारी कर्मचारी से मारपीट और फसाद का केस दर्ज हुआ था। इसी केस में पिता कन्हैया यादव के साथ भाई विजय यादव और दीप नारायण यादव नामजद हुए थे। हालांकि अब यह भी खबर आ रही है कि जिस मामले में पुलिस कन्हैया की तलाश कर रही थी वह बिजली चोरी से जुड़ा मामला है। फिर उसपर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई कैसे की गयी? बताया जा रहा है कि यह पुलिस की ओर से कन्हैया यादव और उसके परिवार को प्रताड़ित करने के उदृेश्य से किया गया है।
बालू के अवैध कारोबार से भी जुड़ा हो सकता है मामला
खबरों के मुताबिक सैयदराजा थाना क्षेत्र बिहार और यूपी का बॉर्डर है। यह थानाक्षेत्र शुरू से ही मलाईदार पोस्टिंग वाला क्षेत्र माना जाता रहा है। ऐसी आम धारणा है कि यहां जुगाड़ और जैक से पोस्टिंग ली जाती है। और बालू डंपिंग के कारोबार को भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की ओर से संरक्षण दिया जाता है। इस खेल में बड़े पैमाने पर वहां टैक्स और राजस्व की क्षति राज्य सरकार को होती है। बताया जाता है कि आरोपित थाने उदय प्रताप सिंह भी इस खेल से जुड़ा था। जो बालू कारोबारी पैसे नहीं देते थे उन्हें वह अपनी रडार पर रखता था। कुछ लोग मानते हैं कि कन्हैया यादव से उसका विवाद इसी वसूली के खेल के कारण था।
आपको बता दें कि जिला अस्पताल में जहां कन्हैया और उसकी छोटी बेटी का इलाज चल रहा है वहां सुरक्षा की दृष्टि से दो वार्डों में दो महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया हैं। दोनों से मिलने आने वालों पर नजर रखी जा रही है। खबरों के मुताबिक बुधवार को सपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय और वाराणसी जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड़ पहलवान ने कन्हैया से मुलाकात की। वहीं वहीं दूसरी ओर अब यह मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है।
कांग्रेस नेता का आरोप- परिवार को पहले से ही प्रताड़ित किया जा रहा है
इस मामले पर बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश महासचिव देवेंद्र सिंह मुन्ना ने बताया है कि यह परिवार पहले से ही पुलिस की प्रताड़ना का शिकार रहा है। उन्होंने कहा है कि इस मामले की जांच रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को भेजा जाएगा। जन अधिकार पार्टी ने भी इस घटना की जांच की मांग की है। जाप की ओर से कहा गया है कि उनकी पार्टी पीड़ित परिवार के साथ है।
परिवार के साथ पुलिसिया बर्बरता हुई : जाप
जनअधिकार पार्टी के चंदौली जिलाध्यक्ष डॉ. सुनील मौर्य कहते हैं कि परिवार के साथ पुलिसिया बबर्रता की गयी है। पुलिस को अपनी हद या कानून के दायरे में रहरकर अपना काम करना चाहिए था। हमारी यूपी पुलिस से मांग है कि इस मामले की गहराई से जांच कर दोषी पुलिस अधिकारियों या जो भी हो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। ताकि पुलिस पर लोगों का भरोसा बचा रहे। पुलिस की ऐसी करनी से लोगों का भरोसा डिगने लगता हैं। भविष्य में ऐसी कोई घटना ना हो इसके लिए भी यूपी पुलिस की ओर से एडवाइजरी जारी की जाए।
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी उठाए सवाल
वहीं सैयदराजा के मनराजपुर में गुड़िया की मौत के मामले में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी अपनी प्रतिक्रया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। वीडियो जारी कर कहा गया है कि जिस तरह मनराजपुर में घटना हुई है और इस मामले में अधिकारियों के बयान आए हैं वे दोनों पूरी तरह से विरोधाभाषी हैं। पूर्व आईपीएस ने कहा है कि कन्हैया गैंगस्टर और जिला बदर की कार्रवाई के बाद जिले से बाहर था। वहीं उसका बेटा भी पुलिस की कस्टडी में था। पुलिस को यह पता था कि घर में सिर्फ लड़कियां ही है। बावजूद इसके पुलिस गई और मारपीट की। इसके बाद जिलाधिकारी और एसपी मौके पर पहुंचे और पहली दृष्टि में इसे आत्महत्या का मामला बताया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद भी मौत के कारण को स्पष्ट नही बताया गया। ऐसे में पूरा संदिग्ध है। ऐसे में गुड़िया को न्याय दिलाने के लिए सीबीआई जांच जरूरी है।