Coal Shortage : उत्तर प्रदेश में गहराया बिजली संकट, यहां उर्जा मंत्री के सरकारी आंकड़ों की अपेक्षा अलग है जमीनी सच

Coal Shortage : राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अधिकारियों का कहना है कि हरदुआगंज व पारीछा में कोयले का स्टॉक लगभग समाप्त हो गया है। अनपरा में दो और ओबरा में ढाई दिन का कोयला शेष बचा है...

Update: 2021-10-14 08:14 GMT

(यूपी में गहराता बिजली संकट)

Coal Shortage (जनज्वार) : त्योहारों के बीच कोयले की किल्लत के चलते उत्तर प्रदेश में बिजली संकट गहराने लगा है। मांग के उलट उपलब्धता कम होने से गांवों में भारी बिजली कटौती हो रही है। तहसील मुख्यालयों और बुंदेलखंड को भी तय शिड्यूल से कम आपूर्ति हो रही है। बिजलीघरों में कोयले का भंडार काफी कम बचा है। इस बीच उर्जा मंत्री श्रीकांत शरमा ने लोगों से महंगी दरों पर बिजली खरीदने और कम खर्चा करने की अपील की है।

वहीं कोयले की आपूर्ति जल्द ही सामान्य न हुई तो पूरा प्रदेश बिजली संकट की चपेट में आ सकता है। स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र भेजकर यूपी को अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराने और कोयले की आपूर्ति सामान्य कराने का अनुरोध किया है।

यूपी में बिजली व्यवस्था का दारोमदार राज्य के अपने चार बिजलीघरों के अलावा निजी क्षेत्र के आठ और एनटीपीसी के करीब डेढ़ दर्जन बिजलीघरों से मिलने वाली बिजली पर है। कोयले की कमी से लगभग 6873 मेगावाट क्षमता की इकाइयां या तो बंद हुई हैं या उनके उत्पादन में कमी करनी पड़ी है। इससे प्रदेश में बिजली की उपलब्धता घट गई है।

सरकारी आंकड़ों की अपेक्षा गांवों में 11 घंटे से भी कम बिजली

पंडित श्रीकांत शर्मा ने कहा कि, पिछली सरकारों की अपेक्षा यह सरकार अधिक बिजली बना रही लेकिन असल में सच्चाई इससे अलग है। क्योंकि यूपी में बिजली की मांग 17000 मेगावाट के आसपास लगातार बनी हुई है, जबकि उपलब्धता 15000-16000 मेगावाट ही है। ऐसे में 2000 मेगावाट तक की कटौती करनी पड़ रही है। इसके चलते गांवों को 18 घंटे के बजाय 11 घंटे, तहसीलों को 21.30 घंटे के बजाय करीब 17 घंटे और बुंदेलखंड को 20 घंटे के बजाय करीब 14 घंटे ही आपूर्ति हो पा रही है।

अलबत्ता कुछ जिलों में भी अघोषित कटौती हो रही है। अभियंताओं का कहना है कि अगर यही हालात रहे तो जल्द ही शहरों में भी कटौती शुरू हो सकती है। वित्तीय संकट से जूझ रहे पावर कॉर्पोरेशन को अतिरिक्त बिजली का इंतजाम करने में पसीने छूट रहे हैं। बिजली संकट पूरे देश में होने के कारण एनर्जी एक्सचेंज में बिजली की कीमत नौ रुपये से 21 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गई है। इतनी महंगी बिजली खरीदना प्रदेश की बिजली कंपनियों के लिए मुश्किल हो रहा है, इसलिए कटौती शुरू की गई है

बिजली घरों में कितना बचा है कोयला 

राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अधिकारियों का कहना है कि हरदुआगंज व पारीछा में कोयले का स्टॉक लगभग समाप्त हो गया है। अनपरा में दो और ओबरा में ढाई दिन का कोयला शेष बचा है। लिस्ट से समझिए कि कोयले का स्टॉक व कहां और कितनी रोजाना की जरूरत है।

बिजली घर                          स्टॉक              जरूरत

हरदुआगंज                          4022              8000

पारीछा                                9682             15000

अनपरा                               86426            40000

ओबरा                                42433            16000 (सभी आंकड़े मिट्रिक टन में)

इस मसले पर यूपी के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि, सरकार तय शिड्यूल के अनुसार बिजली आपूर्ति के लिए प्रयासरत है। ऊर्जा विभाग के अधिकारी केंद्रीय कोयला एवं ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं। पावर कॉर्पोरेशन को एनर्जी एक्सचेंज समेत अन्य स्रोतों से बिजली की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। कोयले की समस्या का जल्द निदान होने की उम्मीद है।'

Tags:    

Similar News