ठंड से कांप रहा उत्तर भारत, लेकिन खुले आकाश के नीचे कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर डटे किसान कर रहे रक्तदान

पूरे उत्तर भारत में शीत लहर चल रही है। मौसम विभाग ने ठंड के और बढने की चेतावनी दी है। घने कुहरे की वजह से सड़क दुर्घटनाएं भी बढने लगी हैं, लेकिन किसान अपने संकल्प पर कायम हैं कि मोदी सरकार को कृषि कानून वापस लेना ही होगा। वे इस शीत लहर में भी खुले आकाश के नीचे रात गुजार रहे हैं...

Update: 2020-12-22 05:09 GMT

टिकरी बाॅर्डर पर धरने पर बैठे किसान।  Photo Credit - ANI Twitter.

जनज्वार। पूरे उत्तरप्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड, घरे कोहरे की वजह से दृश्यता भी घट गयी है और इससे हादसे के खतरे भी बढ गए हैं। लेकिन सर्दी के इस मौसम में भी हजारों किसान दिल्ली से लगी विभिन्न सीमाओं पर डटे हैं। उनका संकल्प थोड़ा भी डगमगाया नहीं है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर पिछले 27 दिनों से धरना दे रहे हैं और खुली जगह पर तंबू के नीचे या अपने वाहन में रात गुजार रहे हैं। 


किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को एक बार फिर दोहाराया कि किसान यहां से बिना तीन कृषि कानूनों को वापस लिए हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अबतक कृषिमंत्री की ओर से उन्हें वार्ता का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सारे मुद्दों का समाधान होने में एक साल से अधिक का समय लगेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार हमारे पास वार्ता के लिए आए।

दिल्ली-यूपी के बीच गाजीपुर बाॅर्डर, टिकरी बाॅर्डर, सिंघु बाॅर्डर पर किसान लगातार प्रदर्शन के लिए डटे हुए हैं। किसानों ने कल यानी 23 दिसंबर को देशवासियों से किसान दिवस के मौके पर किसान आंदोलन के समर्थन में एक समय का भोजन त्यागने की अपील की है। 25 से 27 दिसंबर के बीच किसान टोल प्लाजा को फ्री करेंगे और 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के संबोधन के दौरान थाली पीट कर उनका विरोध जताएंगे। किसान नेता भाजपा के सहयोगी दलों से भी अब यह सीधा सवाल करेंगे कि वे मोदी के कानून के समर्थन में हैं या फिर किसानों के समर्थन में। इसके लिए उन्होंने एनडीए के प्रमुख नेताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है।

किसान जहां अपने आंदोलन को धार दे रहे हैं, वहीं के समाज कल्याण के लिए भी काम कर रहे हैं गाजीपुर बाॅर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने सोमवार को रक्तदान किया। इसके लिए एक वैन में ब्लड कैंप आयोजित किया गया जिसमें किसान नेता राकेश टिकैट सहित अन्य लोगों ने रक्तदान किया। इस दौरान एक किसान नेता ने कहा कि हमने सोचा क्यों न हम रक्त दान करें जो देश के किसानों व जवानों या किस भी जरूरतमंद के काम आए।

ठंड का क्या है उत्तर भारत में हाल?

पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि मंगलवार को पंजाब और उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में शीत लहर की स्थिति देखी गयी है। वहीं, अधिकांश उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, पश्चिम बंगाल में गंगा तट व विदर्भ में तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है, जबकि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र व ओडिशा के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री की गिरावट आयी है।

बिहार के अधिकतर हिस्सों में घटना कोहरा मंगलवार सुबह छाया रहा। पटना में एक व्यक्ति ने कहा कि तापमान बहुत ज्यादा गिर गया है जिसकी वजह से ठंड काफी लग रही है। पिछले साल के मुकाबले ठंड अधिक है। कोहरे की वजह से गाड़ी चलाने में दिक्कत आ रही है।



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