Delhi Crime News : कोरोना के कारण नौकरी छूटी तो मैथ्स के टीचर ने ढूंढ़ लिया नया धंधा, पुलिस के हत्थे चढ़ा, जानिए पूरा मामला
Delhi Crime News : आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि वह एक आईएएस अकादमी में मैथ्स और रिजनिंग के विषय पढ़ाता था। कोरोना के दौरान उसकी जॉब चली गयी। इसके बाद उसने न्यूजपेपर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी एजेंसी का विज्ञापन देकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया...
Delhi Crime News : कोरोना के कारण देश में बड़े पैमाने पर नौकरी छूट गयी थी। अब हम जो कहानी बताने जा रहे हैं उस व्यक्ति को भी अपनी नौकरी भी देश में कोरोना के कारण हुण्लॉ कडाउन के दौरान गंवानी पड़ी थी। पर उनकी कमाई के लिए उसने एक ऐसा रास्ता चुन लिया जिसने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।
दरअसल दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री मुहैया कराने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गैंग के एक सदस्य को भी गिरफ्तार किया हैं उसके पास से एक लैपटॉप, एक सीपीयू, एक वाईफाई डोंगल, पांच मोबाइल, 65 फर्जी अंक प्रमाण और दूसरे कई सामान मिले हैं।
आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि वह एक आईएएस अकादमी में मैथ्स और रिजनिंग के विषय पढ़ाता था। कोरोना के दौरान उसकी जॉब चली गयी। इसके बाद उसने न्यूजपेपर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी एजेंसी का विज्ञापन देकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया।
उसने पुलिस को बताया है कि वह कुछ लोगों के साथ मिलकर फर्जी मार्कशीट देने के नाम पर उनसे रकम ऐंठने लगा। उसके कई विश्वविद्यालय में लिंक भी थे। इसकी निशानदेही पर पुलिस ने अलग—अलग स्कूल और विश्वविद्यालय की 50 मार्कशीट भी बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार आरोपी फर्जी एजुकेशन कंसल्टटेंसी की आढ़ में यह धंधा कर रहे थे। बताया जाता है कि उनका गैंग देशभर में एक्टिव था। पुलिस ने जिस आरोपी को गिरफ्तार किया है वह 34 साल का शादीशुदा है। आरोपी की पहचान शकरपुर निवासी जितेन्द्र कुमार के तौर पर हुई है।
आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसका गैंग अब तक एक हजार से ज्यादा नामी कॉलेज की फर्जी डिग्री और स्कूल प्रमाण पत्र बेच चुका था। इस मामले में रोहिणी डिस्ट्रक डसीपी प्रणव तायल ने बताया है कि 15 अप्रैल को आॅनलाइन साइबर फ्रॉड से संबंधित एक शिकायत मिली थी, जिसमें पीड़ित दीपक कुमार ने बताया था कि उसने यमुना आईएएस इंस्टीच्यूट में कोर्स के एडमिशन से संबंधित विज्ञापन देखा था।
वह दिए गए पते पर पहुंचा जहां उसकी मुलाकात आरोपी से हुई। आरोपी ने उसका दाखिला बीएचमएस कोर्स में कराने का भरोसा दिया। जिसके बदले उसने साढ़े तीन लाख रुपए की मांग की। पीड़ित ने आरोपी को ढ़ाई लाख रुपए बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। छह महीने बीतने के बाद भी पीड़ित का कोर्स में दाखिला नहीं हो सका। इसके बाद आरोपी ने मोबाइल स्विज आॅफ कर लिया। उसका आॅफिस भी बंद हो गया। इस मामले में पुलिस ने साइबर थाने में चीटिंग का केस दर्ज किया। मामले की जांच के दौरान पुलिस टीम ने अरोपी के मोबाइल और बैंक अकाउंट की डिटेल खंगाली।
पुलिस ने कोटक महिंद्रा अकाउंट को फ्रीज करवा, दिया जिसमें 9603 रुपए थे। टेक्नीकल सिर्वलांस की मदद लेते हुए पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली। इसके बाद शकरपुर में रेड कर आरोपी को पकड़ लिया गया। इसके पास से स्कूल और कॉलेज की 14 मार्कशीट बरामद की गयी है।