दिल्ली पुलिस ने दर्ज की 25 FIR, योगेंद्र यादव, राकेश टिकैत, मेधा पाटकर सहित वार्ता में शामिल किसान नेताओं का भी नाम

दर्ज एफआइआर में सरकार के साथ कृषि कानूनों पर वार्ता में शामिल होने वाले नेताओं व संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ताओं के नाम भी शामिल हैं। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि किसान नेताओं को पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा और हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा...

Update: 2021-01-28 05:15 GMT

File photo

जनज्वार। 26 जनवरी को किसानों के दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च के दौरान भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस ने अबतक इस मामले में कुल 25 एफआइआर दर्ज किया है जिसमें 30 वैसे किसान नेताओं का भी नाम शामिल है जो कृषि कानून व एमएसपी को लेकर सरकार से वार्ता में शामिल हो रहे हैं। ये किसान नेता संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल 40 अलग-अलग किसान संघों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इसके साथ ही दर्ज एफआइआर में लाल किला पर झंडा फहराने वाले पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू व लखबीर सिंह सिधाना का नाम शामिल है। लखबीर पहले गैंगस्टर हुआ करता था लेकिन बाद में वह राजनीति में आ गया और मालवा यूथ फेडरेशन का अध्यक्ष है।

दर्ज एफआइआर में किसान संघों के संयुक्त संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के छह प्रवक्ताओं के नाम भी शामिल हैं। इसमें स्वराज पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव, भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत, जम्हूरी किसान सभा के महासचिव कुल सिंह संधु, क्रांतिकारी किसान यूनियन के दर्शन पाल, भारतीय किसान यूनियन राजावल के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजावल, भारतीय किसान यूनियन सिद्धुपुर के अध्यक्ष जगजीत सिंह धालीवाल का नाम शामिल है।

इंसपेक्टर अनिल कुमार की शिकायत पर बाहरी दिल्ली के समयपुर बदली पुलिस स्टेशन पर दर्ज की गयी एफआइआर में संयुक्त किसान मोर्चा के 37 नेताओं का नाम हैं, जिनमें छह प्रवक्ताओं का भी जिक्र है।

एफआइआर में सरकार के साथ वार्ता में शामिल किसान नेताओं में बूटा सिंह बुर्जगिल, निर्भय सिंह ढुडीके, रूलदा सिंह मानसा, इंद्रजीत सिंह, गुरबक्श सिंह, सतनाम सिंह पन्नू, कंवलप्रीत सिंह पन्नू, जोगिंदर सिंह उग्राहन, हरमीत सिंह काडियन, सतनाम सिंह साहनी सहित कई अन्य किसान नेताओं का नाम शामिल है।

पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर में मेधा पाटकर, वीएम सिंह और अभिक साहा का भी नाम शामिल है।

एफआइआर में दंगा, आपराधिक साजिश रचने, हत्या के उद्देश्य से हमला करने और लूट का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि दंगाइयों व प्रदर्शनकारियों और उनके नेताओं का एक पूर्व नियोजित उद्देश्य था जिन्होंने परस्पर सहमति से तय रूट का पालन नहीं किया। इसमें कहा गया है कि दिल्ली पुलिस से बातचीत के बाद किसानों के ट्रैक्टर परेड के लिए चार मार्ग तय किए गए थे और 18 किसान यूनियनों ने उसके पालन का वादा किया था।

दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा है कि 10 जिलों में 25 एफआइआर दर्ज की गयी है और 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भड़कने को लेकर 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस इस मामले की जांच के लिए सीसीटीवी व वीडियो फुटेज का सहारा ले रही है। पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और किसान नेताओं से पूछताछ होगी।

दिल्ली पुलिस ने कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी कर ट्रैक्टर रैली में समझौतों के उल्लंघन को लेकर तीन दिन में जवाब मांगा है। जिन नेताओं को नोटिस भेजा गया है उनमें योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर सिंह राजेवाल आदि शामिल हैं।

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