Joshimath news : मौत के मुहाने की तरफ बढ़ते जोशीमठ के मामले में चेती धामी सरकार, तकनीकी विशेषज्ञों की टीम पहुंची प्रभावित इलाके में
Joshimath news : जोशीमठ शहर के जिन सैकड़ों घरों में दरारें आ गई हैं, उन घरों से पानी की धार भी फूटने लगी है, शुरू में लोगों के आवाज उठाने के बाद भी सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब हालात बेकाबू होने के बाद शहर में स्थित एशिया की सबसे लंबी जोशीमठ-औली रोपवे सेवा के टॉवर नंबर 1 की जमीन धंसने के कारण रोपवे को पर्यटकों के लिए बंद करवाकर सरकार ने पास में स्थित एनटीपीसी की एक परियोजना को बंद कर दिया है......
Dehradun : भूमि में धंसते चमोली जिले के जोशीमठ कस्बे पर भले ही अभी तक राज्य सरकार ने आंखें मूंद रखी हों, लेकिन इसके तबाही के मुहाने पर पहुंचने के बाद सरकार ने इसे बचाने के लिए अब सक्रियता शुरू कर दी है। जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव के इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज शुक्रवार 6 जनवरी को जहां एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है तो वहीं आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा के नेतृत्व में तकनीकी विशेषज्ञों का एक दल भी शुक्रवार को जोशीमठ पहुंच गया है।
यह दल शनिवार 7 जनवरी को मुख्यमंत्री के प्रस्तावित जोशीमठ ग्राउंड जीरो निरीक्षण से पूर्व उन्हें यहां के वास्तविक हालात की जानकारी देगा। राज्य सचिवालय में होने वाली इस बैठक में जोशीमठ में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और नगर के पुनरूद्धार कार्ययोजना पर फैसले होने की उम्मीद है, जबकि दूसरी ओर जोशीमठ में जोशीमठ को बचाए रखने के लिए धरना आज दूसरे दिन भी जारी रहा।
शुक्रवार 6 जनवरी को आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा के नेतृत्व में तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने जोशीमठ में भू धंसाव से प्रभावित कई क्षेत्रों का दौरा किया। आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि हमने सर्वे किया जहां नई दरारें आई हैं, कुछ होटल झुके हैं। कुछ जगहों पर नए जल स्रोत उभरे हैं। जबकि बैठक से पहले सीएम धामी ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि 'जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव पर हम पूरी सजगता से कार्य कर रहे हैं। इस मामले में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर इस समस्या से संबंधी विषयों पर गहन मंथन कर हम इसके समाधान के लिए कार्यरत हैं। तकनीकी विशेषज्ञों की टीम वहां पहुंच चुकी है। मैं स्वयं भी जाकर स्थिति का जायजा लूंगा।'
पलायन के लिए मजबूर लोग
जोशीमठ शहर के जिन सैकड़ों घरों में दरारें आ गई हैं, उन घरों से पानी की धार भी फूटने लगी है, जिस वजह से हजारों लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं। शुरू में लोगों के आवाज उठाने के बाद भी सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब हालात बेकाबू होने के बाद शहर में स्थित एशिया की सबसे लंबी जोशीमठ-औली रोपवे सेवा के टॉवर नंबर 1 की जमीन धंसने के कारण रोपवे को पर्यटकों के लिए बंद करवाकर सरकार ने पास में स्थित एनटीपीसी की एक परियोजना को बंद कर दिया है।
561 घरों में दरारों की बात कबूली प्रशासन ने
प्रशासन के अनुसार जोशीमठ में करीब 561 घरों में दरारें आ गई हैं, जबकि नगर पालिका अध्यक्ष के अनुसार 576 घरों में दरारें आई हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह संख्या स्थिर नहीं है। इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। शहर के लोग एक डिग्री सेल्सियस में मशाल जुलूस निकालकर मदद व विस्थापन कर पुर्नवास कराने की गुहार लगा रहे चुके हैं, लेकिन इसके बाद उनका दो दिन से धरना भी जारी है।