कानपुर के धनकुबेरों ने BIC की सांठगांठ से 800 करोड़ की अंग्रेजी संपत्ति 72 करोड़ में खरीदी

बीआईसी यानी ब्रिटिश इंडिया कार्पोरेशन से कौड़ियों के दाम खरीदे गए 19 बंगले अफसरों की मिलीभगत का जीता जागता नमूना हैं। कपड़ा मंत्रालय के निर्देश पर बीआईसी ने 27 मई को इन सभी खरीददारों को नोटिस जारी करते हुए 30 दिन का समय दिया है...

Update: 2021-06-02 03:37 GMT

शहर के 27 आलीशान ब्रिटिश बंगलों को कौड़ियों के दाम बेंट दिया गया.नोटिस के बाद अब खाली करने पड़ेंगे. file photo - janjwar 

जनज्वार, कानपुर। यूपी के मैनचेस्टर कानपुर के सबसे वीआईपी इलाकों में बने अंग्रेजी हुकूमत के जमाने के आलीशान बंगलों को शहर के धन्नासेठों ने कौड़ियों के भाव खरीद डाला। यह सब हुआ खुद बीआईसी की सांठगांठ के बाद। लेकिन अब धनकुबेरों के सभी अरमानो पर पानी फिर गया है, क्योंकि बंगले खाली करने का नोटिस आ गया है।

बीआईसी यानी ब्रिटिश इंडिया कार्पोरेशन से कौड़ियों के दाम खरीदे गए 19 बंगले अफसरों की मिलीभगत का जीता जागता नमूना हैं। कपड़ा मंत्रालय के निर्देश पर बीआईसी ने 27 मई को इन सभी खरीददारों को नोटिस जारी करते हुए 30 दिन का समय दिया है। यह सभी बंगले खाली कर अपने रूपये वापस लेंगे।

ताज्जुब की बात यह है कि इन 19 बंगलों को धनकुबेरों ने महज 25-25 प्रतिशत भुगतान कर ही खरीद लिया। साल 2003 में हुए सौदे के वक्त इन बंगलों की कीमत 72 करोड़ रूपये थी। जबकी अब इनकी बाजारी कीमत 800 करोड़ रूपये के आस-पास पहुँच चुकी है।

सौदे में हुई गड़बड़ी की सीबीआई जांच के चलते इन बंगलों का कब्जा अभी बीआईसी के पास ही है। सूत्रों की माने तो बीआईसी की आंतरिक जांच में भी भृष्टाचार का खुलासा सामने आया है। कौड़ियों के दाम पर बेचे गए ये 19 बंगले अब सेल डीड निरस्त होने के बाद खेल में शामिल अफसरों पर भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।


कब क्या हुआ?

बीआईसी की सरप्लस संपत्तियों की साल 2003 में बिक्री की गई। इन सभी बेशकीमती बंगलों को शहर के तमाम धन्नासेठों को कौड़ियों के भाव बेचा गया। साल 2006 में इसकी शिकायत कपड़ा मंत्रालय में की गई। नवंबर 2018 में बीआईसी की संपत्तियां खरीदने वाले एक व्यक्ति की पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए। जिसके बाद नवंबर 19, 2018 को सीबीआई ने बीआईसी के पूर्व कंपनी सचिव केसी बाजपेई सहित सीएमडी केएस दुग्गल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

ये हैं आलीशान 19 बंगले

शहर के सबसे बेशकीमती कहे जाने वाले 19 बंगलों में नॉरमन हर्स्ट, क्लॉक टॉवर, मॉरटन लॉज, निरबान, ग्लेन व्यू, ग्लेन लॉज, जंगल एनेक्सी, एल्डीन, अबॉट फोर्ड, एयरडॉल, पाम, वेस्टेरिया, बीआईसी क्लब, वुडलैंड, न्यू पैलेस, सीसामन, मैफील्ड, मैकराबर्टगंज पार्ट एक तथा पार्ट चार शामिल हैं। यह सभी बंगले शहर के पॉश इलाकों खलासी लाईन, चुन्नीगंज, सिविल लाईन, पार्वती बांग्ला रोड पर स्थित हैं।

इन्हें खरीदा किसने है?

इन सभी 27 आलीशान बंगलों को पीसी कुरेले, मेसर्स जार्ज एंड संस, मेसर्स शीलिंग हाउस स्कूल, मेसर्स एसपीएफएल प्रा.लि., भार्गव प्रा.लि., हिडेन ब्यूटी डेवलपर्स, बालाजी कंस्ट्रक्शन, कमल किशोर चौरसिया, आनंद कुमार चौरसिया, एमवीआर बिल्डर्स, फ्लोमोर बिल्डर्स, फैजान मलिक, एस तिवारी, टीपी गुप्ता, सुशांत तिवारी, एमजी डेवलपर्स एण्ड मिर्जा टेनर्स लिमिटेड, मेसर्स एमेजान इंटरप्राईजेज लिमिटेड, मेसर्स एसपीएफआर रियल इस्टेट ने खरीदे हैं। 

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