किसान आंदोलन : शिव कुमार कक्का ने कहा गुरनाम सिंह चढूनी पर अखबार ने छापी गलत खबर, करूंगा मुकदमा
संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरनाम सिंह चढूनी के संगठ से निष्कासन की बातों को खारिज करते हुए एक जांच कमेटी बनायी है। वहीं, शिव कुमार कक्का ने एक बयान जारी कर चढूनी पर अपना पक्ष रखा है...
जनज्वार। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के कथित रूप से कांग्रेस के एक नेता से मोटी राशि लेने को लेकर मीडिया में आयी खबरों पर किसान एकता मोर्चा ने अपना पक्ष रखा है। किसान एकता मोर्चा ने ट्वीट कर इसको लेकर शिव कुमार कक्का का बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि चढूनी पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और इस तरह की भ्रामक खबरें छापने के लिए उन्होंने संबंधित पत्रकार को फटकार लगायी है। यह खबर शिव कुमार कक्का के दावे के रूप में छापी गयी थी।
शिव कुमार कक्का ने कहा है कि गुरनाम सिंह चढूनी को लेकर दैनिक भास्कर अखबार में खबर छपी है कि गुरनाम सिंह चढूनी ने 10 करोड़ लिए, इसको सिंघु बाॅर्डर पर तैनात भास्कर के एक पत्रकार ने छापी है। उन्होंने कहा कि इस खबर को लेकर उन्होंने पत्रकार को फोन कर फटकार लगायी है और जरूरत पड़ने पर वे उनके खिलाफ मानहानी का मुकदमा भी करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अखबार के मालिक व संपादक को पत्र लख रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरनाम सिंह चढूनी उनके मित्र हैं और वे उनको लेकर चिंता करते हैं और उनको लेकर जो चीजें हैं।
शिव कुमार कक्का ने कहा है कि किसानों के बीच काम करते हुए उनके 50 साल हो गए हैं और कभी उनका कोई बयान विवादों में नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि वे इस तरह के दावे नहीं करते। उन्होंने कहा कि पत्रकार ने उन्हें फोन कर कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि गुरनाम सिंह चढूनी ने 10 करोड़ रुपये लिए है। कक्का ने कहा कि पत्रकार के ऐसा कहने पर उन्होंने कहा कि वे इस तरह का दावा नहीं करते हैं और न ही उन्हें इसकी जानकारी है।
वहीं, किसान एकता मोर्चा ने बैठक कर गुरनाम सिंह चढूनी से जुड़े मामले की जांच के लिए एक समिति नियुक्त किया है। मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि चढूनी को किसान एकता मोर्चा से बाहर नहीं किया गया है। मोर्चा ने यह भी स्पष्ट किया है कि मोर्चा चढूनी द्वारा बुलायी गयी समस्त राजनीतिक दलों की बैठक से कोई संबंध नहीं रखता है और राजनीतिक दलों के साथ उनकी गतिविधियों से मोर्चा का कोई संबंध नहीं है।
मोर्चा ने कहा है कि सोमवार, 18 जनवरी को मोर्चा ने इस मामले में आम सभा में चर्चा कर एक समिति का गठन किया है जो इस मामले की जांच करेगी और तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा इस संबंध में आगे कदम उठाएगा।
उधर, 19 जनवरी को सरकार व किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली बैठक टल गयी है। अब अगली बैठक बुधवार, 20 जनवरी को दोपहर दो बजे विज्ञान भवन में होगी।