Mi-17 V5 Helicopter Crash : देश के पहले CDS थे General Bipin Rawat, जानें उनके बारे में ये खास बातें

General Bipin Rawat सीडीएस बनाए जाने से पहले 31 दिसंबर 2016 को 27वां थल सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। बिपिन रावत के पास आतंकवाद रोधी अभियानों को अंजाम देकर बनाई थी अपनी अलग पहचान।

Update: 2021-12-08 09:05 GMT

CDS बिपिन रावत 2015 में भी हुए थे विमान हादसे के शिकार

नई दिल्ली। तमिलनाडु ( Tamil Nadu ) के कुन्नूर ( Coonoor ) में हेलीकॉप्टर क्रैश ( MI-17 Helicopter Crash ) में गंभीर रूप से घायल जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया। वह भारतीय सेना के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ( Chief Of Defence Staff ) थे। बिपिन रावत, 31 दिसंबर को सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए थे। इसके बाद अब उन्हें देश के पहले सीडीएस ( CDS ) के रूप में नियुक्त किया गया था। इस पद पर बिपिन रावत ( General Bipin Rawat ) 1 जनवरी, 2020 से कार्यरत हैं। भारत सरकार ने बिपिन रावत को सीडीएस बनाने के लिए 30 दिसंबर, 2019 को सेना के नियमों में संशोधन कर उम्र की सीमा को बढ़ाकर 65 साल कर दिया था।

2016 में आर्मी चीफ बने थे बिपिन रावत

सीडीएस बनाए जाने से पहले बिपिन रावत ( General Bipin Rawat ) 27वें थल सेनाध्यक्ष (Chief of Army Staff) थे। आर्मी चीफ बनाए जाने से पहले उन्हें 1 सितंबर 2016 को भारतीय सेना का उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना को कई आतंकवादी मिशनों में सफलता मिली थी। आतंकवादी मिशनों में वे 10 से ज्यादा वर्षों तक सक्रिय रहे।

विशिष्ट सेवाओं के लिए हो हुए सम्मानित

जनरल बिपिन रावत को उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र और आतंकवाद रोधी अभियानों में कमान संभालने का अनुभव था। उन्होंने पूर्वी क्षेत्र में एक इन्फैंट्री बटालियन की कमान संभाली थी। एक राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर और कश्मीर घाटी में एक इन्फैंट्री डिवीजन की भी कमान संभाली थी। रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज पाठ्यक्रम के एक पूर्व छात्र, जनरल बिपिन रावत, ने सेना में 38 से अधिक वर्षों तक देश की सेवा की थी। इस दौरान उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवाओं के लिए यूआईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम के साथ सम्मानित किए गए थे।

नेशनल सिक्योरिटी और लीडरशिप पर कई लेख हुए चर्चित

उन्होंने 'राष्ट्रीय सुरक्षा' और 'लीडरशिप' पर कई लेख लिखे, जो विभिन्न पत्रिकाओं और प्रकाशनों में प्रकाशित हुए थे। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एम फिल की डिग्री हासिल थी। उन्होंने मैनेजमेंट और कंप्यूटर स्टडीज में डिप्लोमा हासिल किया। जनरल बिपिन रावत ने सैन्य मीडिया रणनीतिक अध्ययन पर अपना शोध पूरा किया और 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) से उन्हें सम्मानित किया गया था।

सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला से की थी बिपिन रावत ने पढ़ाई

जरनल बिपिन रावत सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के पूर्व छात्र थे। उन्हें दिसंबर 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें 'स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर 'से सम्मानित किया गया था। उनके पास आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का 10 वर्षों का अनुभव था।

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