प्राथमिकता के आधार पर नहीं हुआ टीकाकरण तो बंद होंगे मेडिकल स्टोर, केमिस्ट के अखिल भारतीय संघ ने दी चेतावनी

एसोसिएशन के मुताबिक 650 से अधिक दवा विक्रेता व फार्मासिस्ट कोविड-19 संक्रमण के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।

Update: 2021-05-21 10:30 GMT

प्रतीकात्मक फ़ोटो

जनज्वार ब्यूरो। आल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ने टीकाकरण न होने पर अपने सदस्यों के जीवन को बचाने के लिए लॉक डाउन में शामिल होने की धमकी दे दी है। देशभर में इस संगठन के  9.40 लाख सदस्य हैं। संगठन ने कहा है देशभर के दवा विक्रेताओं व दवा निर्माण में लगे कर्मचारियों का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया है कि अब तक टीकाकरण की प्रक्रिया में उन्हें दरकिनार किया गया है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष एस शिंदे कहते हैं- केमिस्ट और दवा वितरक मार्च 2020 से जरूरतमंद मरीजों की आवश्यक सेवाओं के लिये दिन रात काम कर रहे हैं। शिंदे ने कहा जब से महामारी आयी है तब से हम दवाओं का वितरण कर रहे हैं। हमारा टीकाकरण फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ किया जाना चाहिए था लेकिन हमें प्राथमिकता में नहीं रखा गया।

एसोसिएशन के मुताबिक 650 से अधिक दवा विक्रेता व फार्मासिस्ट कोविड-19 संक्रमण के कारण अपनी जान गवां चुके हैं। उन्होंने दावा किया है कि जब रेमेडीसीवर जैसी दवाइयों को सरकार द्वारा अपने नियंत्रण में ले लिया गया था तब यह दवाइयां उनके लिए भी उपलब्ध नहीं थी। एसोसिएशन ने कहा है हम जन स्वास्थ्य रक्षक केमिस्ट हैं। हम कोविड-19 के इस गंभीर समय के दौरान दवाओं की उपलब्धता बनाए रखना चाहते हैं, इसलिए हमने किसी हड़ताल या तालाबंदी का सहारा नहीं लिया। एसोसिएशन ने मांग करते हुये कहा है कि हम अपने सदस्यों को और जोखिम में नहीं डालना चाहते हैं और इसलिए प्राथमिकता के आधार पर हमारा टीकाकरण हो।

एसोसिएशन ने दवा विक्रेताओं और मेडिकल उपकरण कंपनी के कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन आवंटन व टीकाकरण मांग करते हुए नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य वी के पौल को भी पत्र लिखा है।

इससे पहले भी18 अप्रैल को एसोसिएशन ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन व प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें फ्रन्टलाइन वर्कर के रूप में पहचानने व प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करवाने की मांग की थी। 


देश के विभिन्न जिलों में वहाँ के जिला दवा विक्रेता संघ द्वारा भी दवा वितरकों, विक्रेताओं को कोरोना योद्धा के रूप में पहचाने जाने और प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने की मांग लगातार की जा रही है। 

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