Jharkhand General Workers Union : 'मजदूर और आदिवासी विरोधी कार्य कर रही झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार', यूनियन के नेताओं ने बोला हमला
Jharkhand General Workers Union : यूनियन के मुख्य वक्ता जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार भी मजदूर और आदिवासी विरोधी कार्य कर रही है, आज झारखंड के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है....
Jharkhand General Workers Union : झारखंड के मनोहरपुर प्रखंड में झारखंड जनरल कामगार यूनियन का सम्मेलन आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता हुए मानसिंह त्रिया ने किया। यूनियन के मुख्य वक्ता जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) सरकार भी मजदूर और आदिवासी विरोधी कार्य कर रही है। आज झारखंड के बेरोजगार युवाओं को रोजगार (Employement) के लिए पलायन करना पड़ रहा है जबकि हमारा इलाका खनिज संपदा से भरा पड़ा है।
मुंडा ने कहा कि मैंने मजदूरों और बेरोजगारी (Unemployement) के सवाल पर आंदोलन किया तो पूंजीपतियो के इशारों पर तड़ीपार घोषित कर दिया गया लेकिन मैंने भी यहां भूख और गरीबी की आवाज उठाने का राजनीति का बीड़ा उठाया है।
उन्होंने कहा कि आज मनोहरपुर (Manoharpur) को मैंने एक राजनीति अवसर में बदला है। पूंजीपतियो के इशारे पर जितना भी झूठा मुकदमा डालकर हमको अपराधी बनाने का कोशिश हो लेकिन मैं हमेशा से जनता के लिए नायक रहूंगा। मैं यंहा पर चिड़िया खदान के सेल प्रबंधन से मशीन हटाकर रोजगार देने और खेतों में सिंचाई सुविधा की मांग करता हूं।
यूनियन (Jharkhand General Workers Union) के महामंत्री अंजनी कुमार पांडेय ने कहा कि झारखंड आदिवासी राज्य के रूप में बहुत बड़ा उम्मीद था लेकिन आज झारखंड लूटखंड बन गया है जो भी सरकार में आया लूटने का काम किया। अगर झारखण्ड के मजदूरों को 800 रुपये मजदूरी मिलती और किसानों के लिए सिंचाई सुविधा होती तो कोई लकड़ी दातुन पत्ता नहीं बेचता।
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया मे पश्चिमी सिंहभूम तीसरी सबसे धनी जगह है लेकिन यहां लागों की भूख और गरीबी को देखकर आंसू आने लगते हैं। पांडेय ने कहा कि गरीब आदिवासी और सीआरपीएफ के गरीब आदिवासी दोनों आपस में मारा-मारी कर रहे हैं लेकिन समस्या कैसे दूर होगी कोई नहीं सोच रहे हैं।
अंत मे माधव चन्द्र ने धन्यवाद ज्ञापन भाषण देकर कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम में चिड़िया, दिमबुली, ग़ोइलकेरा, आनंदपुर, सोनुवा, गोपीपुर आदि जगहों से भारी संख्या में मजदूर शामिल हुए।