Jharkhand News : ग्रामीणों ने खुद श्रमदान कर 1 किलोमीटर लंबी सड़क का शुरू किया निर्माण

Jharkhand News : झारखंड के लातेहार जिले के बरवाडीह के सैदूप गांव के टिकोनी टोला के कोरवा समुदाय के परिवारों ने लगभग एक साल पहले नरेगा के तहत मिट्टी मोरम सड़क बनाने की मांग प्रशासन से की थी...

Update: 2022-08-01 15:27 GMT

Jharkhand News : आदिवासी बहुल झारखंड के लातेहार जनपद में आज भी लोग सड़कों से महरूम हैं। आदिवासियों के विकास, उत्थान के दावे हर सरकार द्वारा किये जाते हैं, मगर बार बार गुहार लगाने के बावजूद शिक्षा, स्वास्थ्य तो छोड़िये सड़क जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं करवायी जा रही। ये हाल भी तब है जबकि जनता लंबे समय से सड़क की मांग कर रही है। अब ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि वह खुद श्रमदान से सड़क का निर्माण करेंगे।

गौरतलब है कि झारखंड के लातेहार जिले के बरवाडीह के सैदूप गांव के टिकोनी टोला के कोरवा समुदाय के परिवारों ने लगभग एक साल पहले नरेगा के तहत मिट्टी मोरम सड़क बनाने की मांग प्रशासन से की थी। तब बीडीओ बरवाडीह ने तत्कालीन मुखिया को ग्रामसभा से सड़क निर्माण का प्रस्ताव पारित करने का निर्देश दिया था, लेकिन मुखिया सड़क निर्माण के काम को आगे नहीं बढ़वा पाये। इस बीच पंचायत चुनाव के बाद नए मुखिया ने सड़क के प्रस्ताव को पारित करने के लिए अपनेू स्तर पर कोशिशें कीं, लेकिन अभी तक सड़क निर्माण शुरु नहीं हो पाया है। थक-हारकर ग्रामीणों ने श्रमदान से सड़क निर्माण का निर्णय लिया है।

प्रशासन की उदासीनता को देखते हुए आदिम जनजाति कोरवा संगठन ने बैठक कर निर्णय लिया कि वे स्वयं सड़क का निर्माण करेंगे। ग्रामीणों ने स्वयं श्रमदान कर लगभग 1 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण शुरु कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं होने के कारण टोला तक राशन नहीं पहुंच पाता है। ग्रामीणों को पैदल या साइकिल से दूसरे टोला में राशन लेने जाना पड़ता है।

गौरतलब है कि झारखंड में डाकिया योजना के तहत आदिम जनजाति समुदायों के घर तक 35 किलो राशन पहुंचाने का प्रावधान है ।

झारखंड में सुखाड़ अकाल की स्थिति को देखते हुए सरकार को नरेगा के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन करना चाहिए । ग्रामीणों का मजबूरन श्रमदान करना सरकार व प्रशासन की विफलता को दिखाता है।

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