Kanpur News: कानपुर में चाय-पान दुकान की तरह चल रहे अस्पताल, मरीज तो हैं लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ का टोटा

आपको अस्पताल में घुसते ही डॉक्टरों की लंबी चौड़ी सूची जरूर दिखती है। जिनमें शहर के कई नामी चिकित्सकों का नाम भी लिखा है। इन नर्सिंग होम्स को कमाई के चक्कर में बंद करने की बजाए पाला-पोषा जा रहा है...

Update: 2022-03-04 03:47 GMT

(रोगियों की जान से खेल रहे कानपुर के नकली अस्पताल)

Kanpur News: कानपुर नगर में जितने अस्पताल वैध हैें उसके सात गुना अस्पताल (Hospitals) अवैध तौर पर संचालित हो रहे हैं। जिनमें प्रशिक्षित डॉक्टर और स्टाफ नहीं हैं। इन अस्पतालों को चाय-पान की दुकानों की तरह खोल दिया गया है। यहां रोगियों को फंसाकर लाया जाता है। हद तो ये है कि रोगी की मौत के बाद कुछ पैसे देकर परिजनों को शांत करवा दिया जाता है। 

कल्याणपुर (Kalyanpur) के नया शिवली रोड (New Shivli Road) पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) की नाक के नीचे एक दर्जन से अधिक झोलाछाप अस्पताल संचालित हैं। छोटे-छोटे मकानों और दुकानों में संचालित इन क्लीनिक रूपी अस्पतालों में कुछ को तो लाइसेंस भी मिल गया है, जो स्वास्थ्य विभाग के निगरानी तंत्र और लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को कठघरे में खड़ा करता है। 

यहांं फंसाकर लाए जाते हैं मरीज

इन अस्पतालों में हालात तो यह हैं कि इलाज करने वाले अधिकतर स्टाफ प्रशिक्षित ही नहीं है। ड्यूटी डॉक्टर तो कहीं दिखता ही नहीं। हालांकि आपको अस्पताल में घुसते ही डॉक्टरों की लंबी चौड़ी सूची जरूर दिखती है। जिनमें शहर के कई नामी चिकित्सकों का नाम भी लिखा है। इन नर्सिंग होम्स को कमाई के चक्कर में बंद करने की बजाए पाला-पोषा जा रहा है। किसी के खिलाफ ठोस कार्यवाही नहीं होती।

खींच लो फोटो कोई फर्क नहीं 

अस्पताल की फोटो खींचने पर इलाज का पैकेज तैयार कर रहे एक स्टाफ ने कहा, खींच लो फोटो..उपर तक सेटिंग है..कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। शिवली रोड पर खुला एक अस्पताल जिसे कुछ माह पहले तमाम शिकायतों के बाद सील कर दिया गया था, अधिकारियों से सांठगांठ कर यह अस्पताल फिर से खुल गया है। पांच कमरे के इस अस्पताल में कोई ड्यूटी डॉक्टर नहीं है। यहां ऑपरेशन तो होते हैं लेकिन ऑपरेशन थियेटर का पता नहीं है।

निर्माण हुआ नहीं इलाज शुरू है 

डिवाइन मेडिकल सेंटर, शुभम हॉस्पीटल व राम जानकी अस्पताल अभी निर्माणाधीन हैं। बावजूद इसके यहां मरीजों का इलाज जारी है। डिवाइन में दो मरीज भर्ती हैं, जिनकी तीमारदारी में नर्सिंग या पैरामेडिकल छात्रों को लगाया गया है। शुभम हॉस्पीटल में स्टाफ नहीं है। राम जानकी अस्पताल में डॉक्टरों की लंबी-चौड़ी सूची जरूर है लेकिन डॉक्टर कोई नहीं मिलता।  

Tags:    

Similar News