Kanpur News : रेप और हत्या के बाद आरोपी का बेखौफ होकर गुनाह कबूल कर जेल जाना कार्यपालिका के गाल पे तमाचा मारने जैसा है

Kanpur News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को समझना होगा की महज योजनाओं को नाम बदलकर चलाने मात्र से कुछ नहीं होगा बल्कि ट्वीटर से बाहर आकर जमीन पर उतरकर काम करना होगा...

Update: 2021-09-23 13:25 GMT
(लड़की का रेप और मर्डर करने के बाद डेयरी मालिक ने कहा 'सब मैनेज हो जाएगा)

मनीष दुबे की रिपोर्ट

Kanpur News (जनज्वार) : उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित कल्याणपुर गुलमोहर अपार्टमेंट (Kalyanpur Gulmohar Apartment) की दसवीं मंजिल से फेंककर 19 वर्षिय लड़की का हत्यारा डेयरी मालिक प्रतीक वैश्य का थाने में बेखौफ होकर बैठा रहा। और तो उसने पुलिस के हर सवाल का बड़ी बेतकल्लुफी वाले अंदाज में जवाब दिया। सब कुछ ऐसा लग रहा था जैसे उसे पुलिस नाम की चीज का खौफ ही ना हो।   

19 वर्षीय लड़की की बहन द्वारा दी गई तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद गिरफ्तार (Arrest) कर लिया था। पुलिस के मुताबिक जिस समय आरोपी डेयरी मालिक को हिरासत में लिया गया था वह शराब के नशे में था। सूत्रों की माने तो गिरफ्तारी के बाद आरोपी का यह कहना कि, कुछ नहीं होगा सब मैनेज हो जाएगा, पुलिस व कानून के मुँह पर जोरदार तमाचा है।

अपराधियों को अपराध करने के बाद पुलिस का भय ही नहीं है, उन्हे पता है ज्यादा से ज्यादा क्या होगा? पुलिस जेल ही भेजेगी। रूपयों की दम पर वह जेल में भी मौज ही काटेगा। जब दिल्ली की तिहाड़ (Tihar Jail) जैसी अति सुरक्षित जेल में दलाल किस्म के सुरक्षाकर्मी चंद सिक्कों की खनक में सब सुविधाएं मुहैया करा देते हैं तो फिर तो यह यूपी की कानपुर जेल (Kanpur Jail) है। वैसे भी यहां के जेल मंत्री जय कुमार सिंह जैकी के फ्लैट दर फ्लैट बनते व बढ़ते जा रहे हैं।

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उदय देसाई (Udai Desai) व राहुल कोठारी (Rahul Kothari) जैसे धन्नासेठ भी तो कानपुर जेल में रहे। और जेल में क्या रहे जेल से ज्यादा वो लोग अस्पताल के बिस्तर में सुख उठाते रहे। कानपुर से लेकर लखनऊ (Lucknow) तक सिफारिशों का दौर चलता रहा। यूपी पुलिस का तो रवैया जगजाहिर है। तिसपर कानपुर पुलिस (Kanpur Police) के तो दूर-दूर तक जयकारे लगते हैं। आरोपी भी जानता है कि, टीवी, प्रेस, अखबार भला कितने दिन उसे याद रखेंगे।

देर सबेर दूसरा मामला आने पर उसे भुला दिया जाएगा। महीने दस दिन में मृतका के खुद के घरवाले उसे भूल जाएंगे। कुछ महीनों में कहीं ना कहीं से मामले में ढ़ील मिलते ही उसे जमानत मिल ही जानी है। आखिर रूपयों में बहुत दम होती है, जिसका सही इस्तेमाल करने वाला इस चीज की ताकत (Power Of Money) बखूबी जानता है। क्या पता हत्यारे डेयरी मालिक को भी अंदाजा हो की उसके रूपयों में कितनी ताकत है।

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पुलिस, न्यायालय, जेल का चाल, चलन, चरित्र एक बार देख आने वाले व्यक्ति को पानी की गहराई का बखूबी अंदाजा हो जाता है, की कितने गहराई में जाने पर सामने वाला बुलबुला छोड़ने लगेगा। नीचे से उपर तक कितनी और कैसी हड्डियां उसे फेंकनी पड़ेंगी। शायद अपने इसी अंदाजे को लेकर आरेपी डेयरी मालिक प्रतीक वैश्य (Dairy Owner Prateek Vaisya) पुलिस, न्यायालय व जेल को लेकर बेफिक्र हो। और सही मायनो में होना भी चाहिए।

तभी तो कल को वह जल्दी छूटकर बाहर आएगा, फिर दूसरों की भी हिम्मत बढ़ेगी इस तरह का गुनाह (Crime) करने की। क्योंकि वह अंजाम जान चुका होता है। सरकार (Government) से पुलिस व न्याय प्रक्रिया में किसी सुधार की उम्मीद भी करना बेइमानी से बढ़कर कुछ नहीं। क्योंकि वह तो खुद भी सिर तक बेइमानी और भृष्टाचार में डूबी हुई है। फिर वह भला क्यों सुधार की तरफ कदम बढ़ाएगी।

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वैसे भी लड़कियों महिलाओं से अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सभी राज्यों का सिरमौर बना हुआ है। राष्ट्रीय महिला आयोग के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश 10,084 से प्राप्त हुईं। वहीं, इस मामले में राष्ट्रीय राजधानी यानी दिल्ली दूसरे नंबर पर रही, जहां महिलाओं के खिलाफ शिकायतों की संख्या 2,147 रहीं। आयोग ने बताया कि हरियाणा में यह आंकड़े 995 और महाराष्ट्र में 974 हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को समझना होगा की महज योजनाओं को नाम बदलकर चलाने मात्र से कुछ नहीं होगा बल्कि ट्वीटर से बाहर आकर जमीन पर उतरकर काम करना होगा। मिशन शक्ति, नारी सशक्तिकरण योजनाएं किस पिटारे में बिला गईं किसी को पता नहीं। सीएम साहब हवाई बातों से 2022 चुनाव की तैयारी में मशरूफ हैं। अब लाभ कितना मिलता है यह विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में ही देखने को मिलेगा।

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