उम्रकैद की सजा भुगत रहे अपराधी की मौत पर केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम ने ऐसे श्रद्धांजलि दी जैसे वह कोई हीरो हो

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने स्वयं शोक व्यक्त कर अगुवाई की। मंत्री इपी जयराजन ने विरोधियों के हमले का जबाब देते हुए सीपीआई (एम) को क्षेत्र में स्थापित करने में कुंजनाथन के योगदान को अमूल्य बताया।

Update: 2020-06-14 05:12 GMT
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन. File Photo.

जनज्वार। देश के वामपंथी दलों की पहचान गरीबों के लिए संघर्ष और सिद्धांतों की राजनीति के लिए होती रही है। वामदलों के लिए हिंसक संघर्ष भी नई बात नहीं। केरल में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसमें प्रतिद्वंद्वी नेता की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा भुगत रहे सीपीआई(एम) नेता को एक नायक की तरह अंतिम विदाई दी गई। प्रतिद्वंद्वी नेता टीपी चंद्रशेखरन की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे सीपीआई(एम) नेता पीके कुंजनाथन का बीमारी के कारण निधन हो गया था।

स्वयं मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शोक व्यक्त करने में पार्टी नेताओं की अगुवाई की।

केरल के कन्नूर जिले के पानुर के एरिया कमिटी सदस्य 72 वर्षीय पीके कुंजनाथन का आंतों के इन्फेक्शन के कारण गुरुवार 11 जून को तिरुअनंतपुरम के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निधन हो गया था। वे सीपीआई (एम) के ही अपने प्रतिद्वंद्वी नेता टीपी चंद्रशेखरन की वर्ष 2012 में कोझिकोड में हुई हत्या के मामले में 11 अन्य आरोपियों के साथ दोषी पाए गए थे। इसे लेकर कोझिकोड की जिला अदालत ने कुंजनाथन समेत अन्य सभी 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अभी वे स्वास्थ्य कारणों के आधार पर जमानत पर थे। उत्तर केरल में राजनैतिक हत्याओं का लंबा इतिहास रहा है और उस समय ऐसे मामले में किसी पार्टी नेता को सजा होना एक अभूतपूर्व घटना थी।

इधर, उनकी मृत्यु के बाद सीपीआई (एम) सेंट्रल कमिटी सदस्य ए विजयराघवन और एमवी गोविन्दन समेत कई नेता अस्पताल पहुंच गए थे और स्लोगन लहराते हुए नारे लगाए थे।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपने शोक संदेश में कहा 'एक ऐसे कॉमरेड, जिन्होंने निःस्वार्थ रूप से पार्टी से प्यार किया और समाज के प्रति जिम्मेदारी दिखाई। एक समाजसेवी के रूप में उन्होंने पानुर के हर तबके के लोगों की स्वीकार्यता और प्यार प्राप्त किया।'

राज्यमंत्री और सीपीआई (एम) सेंट्रल कमिटी मेंबर इपी जयराजन ने कहा 'प्रतिद्वंद्वियों के हमलों का प्रतिरोध कर पानुर क्षेत्र में पार्टी को स्थापित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका पार्टी के प्रति गहरा लगाव था।'

उधर, पानुर में भारी संख्या में सीपीआई(एम) नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हड़ताल कर कुंजनाथन को श्रद्धांजलि दी।

वर्ष 2016 में सीपीआई (एम) नीत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट जैसे ही सत्ता में आई, कुंजनाथन को लगातार पैरोल मिलने लगे। चंद्रशेखरन की विधवा केके रामा ने कई बार इन पैरोल पर सवाल उठाए। विगत 14 मार्च को जब केरल उच्च न्यायालय ने कुंजनाथन को इलाज के लिए तीन महीने की जमानत दी, तबतक वे आश्चर्यजनक रूप से 400 दिनों के पैरोल का लाभ उठा चुके थे।

कुंजनाथन के साथ उम्रकैद की सजा पाए अन्य 11 दोषियों के भी जेल में विशेष व्यवस्था किए जाने के आरोप लगते रहे हैं। अपने पैरोल के दिनों में कुंजनाथन ने पार्टी कार्यक्रमों में तो शिरकत की ही, सजायाफ्ता होने के बावजूद सीपीआई (एम) की एरिया कमिटी में जगह बनाने में भी कामयाब रहे।

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