लखनऊ KGMU कर्मचारी ने पोस्टमार्टम के बदले मांगे हजारों रुपये, सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल
मृतक की लाश के पोस्टमॉर्टम के बदले हजारों रुपये मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इस वीडियो में पोस्टमॉर्टम करने वाला अस्पताल कर्मी 3800 रुपये मांग रहा है और लाश बहुत बुरी हालत में पड़ी हुयी है...
जनज्वार, लखनऊ। कोरोना की भयावहता के बीच इंसानियत को शर्मसार करने वाली तमाम तस्वीरें और वीडियो सामने आये हैं। लाशों के ढेरों के बीच मानवता जैसे कहीं खो गयी हो। अस्पतालों से लेकर श्मशान तक पीड़ितों को न सिर्फ लाइन लगानी पड़ी, भारी भरकम रकम भरने के अलावा जगह-जगह लाशों की दुर्दशा के वीडियो भी सामने आये।
अब एक मामला लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से सामने आया है, जहां मृतक की लाश के पोस्टमॉर्टम के बदले हजारों रुपये मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पोस्टमॉर्टम करने वाला अस्पताल कर्मी 3800 रुपये मांग रहा है और लाश बहुत बुरी हालत में पड़ी हुयी है। हालांकि केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि उनके अस्पताल में ऐसा कोई वीडियो सामने नहीं आया है, अगर यह वीडियो केजीएमयू का होगा तो वीडियो की जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी।
इस वीडियो को शेयर करते हुए पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट किया है, 'शव का अपमान व निशुल्क होने वाले पोस्ट मोर्टेम के लिए रु 3800 की वसूली- UP की राजधानी लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में वीडियो 18/06/2021 समय 16.00 बजे, बेहद असंवेदनशील व अनुचित! देखें, समुचित कार्यवाही करें।'
इस वीडियो के वायरल होने के बाद KGMU प्रशासन की तरफ से बयान आया है कि वीडियो में जो पैसा दिया जा रहा है, वह मृतक के अंतिम संस्कार के लिए लिया जा रहा है, पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल कर्मचारी को पैसे देने की बात पूरी तरह निराधार और गलत है।
KGMU प्रशासन ने इस बारे में प्रेस नोट जारी करते हुए कहा है, 'अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर ने पक्के पुल स्थित लखनऊ मेडिकल कॉलेज मर्चुरी में कुव्यवस्था, अराजकता तथा अवैध वसूली की शिकायत की है। लखनऊ के डीएम तथा पुलिस कमिश्नर सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजी शिकायत में उन्होंने कहा कि उन्हें प्राप्त वीडियो में मर्चुरी में शव के साथ असम्मान दिख रहा है, जो शराब के प्रभाव में किया जाना बताया गया है।'
अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर ने मांग की है कि इंसान के शव का इस तरह अपमान धारा 297 आईपीसी में अपराध है, अतः इस मामले में विधिक कार्रवाई की जाये। इसी प्रकार मर्चुरी के लोगों द्वारा वीडियो में शव देने के लिए रुपये 3800 लेना दिख रहा है तथा दी गई जानकारी के अनुसार प्रत्येक शव के लिए रुपये 3500-4000 इसी प्रकार अवैध ढंग से किया जा रहा है, जबकि पोस्टमॉर्टम पूरी तरह नि:शुल्क व शासकीय व्यय पर किया जाता है, अतः यह भ्रष्टाचार है।'
गौरतलब है कि लखनऊ का KGMU अस्पताल सरकारी अस्पताल है और यहां लाशों का पोस्टमॉर्टम बिल्कुल फ्री में किया जाता है। अस्पताल के कर्मचारी द्वारा मरे हुए इंसान के परिजनों से रुपये की मांग करना सीधे—सीधे घूसखोरी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो शनिवार 19 जून का बताया जा रहा है।
वहीं KGMU के पीआरओ सुधीर कुमार ने मीडिया को दिये बयान में कहा है, पोस्टमॉर्टम में किसी भी तरह से पैसों का लेनदेन नहीं होता है। यह बिल्कुल निःशुल्क है। इस वीडियो की जांच के बाद ही पता चलेगा कि उस व्यक्ति से शव के क्रियाकर्म के लिए अलग से किसी अन्य व्यक्ति को पैसा दिया गया था या नहीं।
अमिताभ ठाकुर द्वारा ट्वीट किये गये इस वीडियो पर कई लोगों ने कमेंट किये हैं। उज्जवल लिखते हैं, 'एक तरफ बस्ती दूसरी तरफ कब्रिस्तान थे हड्डी पर पर टीका तो हड्डी के यह बयान थे। चलने वाले चल संभलकर कभी हम भी इंसान थे। आज लखनऊ में योगी आदित्यनाथ की सरकार में जिंदा आदमी तो क्या शव का भी सम्मान नहीं किया जा रहा घूसखोरों पर तत्काल कार्रवाई हो।'
कुंदन सिंह लिखते हैं, ''समाज की मानसिकता इस तरह नीचे गिर गई है कि लोग पैसों के लिए मुर्दों को भी नहीं छोड़ते अत्यंत निंदनीय यदि आज राजतंत्र होता तो जरूर उस मुर्दे के साथ न्याय होता उसके शव को फेंकने वाले को सूली पर लटकाया गया होता।'
लवकेश ने कमेंट किया है, 'रामराज्य की बात भूल गए रहेंगे, जब विभीषण ने रावण का अंतिम संस्कार करने से मना किया था क्योंकि वह राक्षसकुल का व दुराचारी था तब प्रभु राम जी ने कहा मेरे लिए जैसे तुम हो, वैस ही रावण भी है, इसलिए इनका भी अंतिम संस्कार पूरे विधि- विधान से होना चाहिए, और हां अघोरी भी ऐसा नहीं करता।'