Mathura Tensions : 6 दिसंबर को लेकर सुरक्षा का ब्लू प्रिंट तैयार, CRPF DG की रिपोर्ट पर सतर्कता एजेंसियां अलर्ट, धारा 144 लागू

Mathura Tensions : 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद का विध्वंस वर्षी है। उसी दिन को लेकर अभी से मथुरा में तनाव है। तनाव की वजह शाही ईदगाह पर लड्डू गोपाल के जलाभिषेक कार्यक्रम की योजना है। जन्मस्थान यानि मथुरा में पुलिस का सख्त पहरा है और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में है।

Update: 2021-12-01 05:32 GMT

मथुरा में तनाव को लेकर धीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट

Mathura Tensions : आगामी 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस की वर्षी है। उसी दिन को लेकर मथुरा पुलिस-प्रशासन अभी से सतर्क है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। दूसरी तरफ सीआरपीएफ डीजी की रिपोर्ट और लड्डू गोपाल के जलाभिषेक कार्यक्रम को लेकर तनाव का माहौल है। सीएम योगी पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि इस बार कारसेवकों पर गोली नहीं चलेगी। इन बातों को ध्यान में रखते हुए मथुरा में धारा 144 अभी से लागू है। इस बीच डीएम और एसएसपी ने शनिवार को शाही ईदगाह और भगवान श्री कृश्ण जनमस्थल की सुरक्षा का जायजा लिया और सख्ती बरतने की आदेश दिए हैं।

बता दें कि मस्जिद के अंदर मूर्ति की स्थापना के लिए चुनी गई तारीख 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस की सालगिरह के साथ मेल खाती है।

कानून विरोधी गतिविधियों पर पैनी नजर

डीएम नवनीत सिंह चहल ने बताया कि जनपद में धारा 144 लागू कर दी गई है। किसी भी गैर परंपरागत और नियम विरोधी कार्यक्रम को करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसेे आयोजनों से जुड़ने वाले लोगों को पुलिस चिंहित कर रही है जिनपर पैनी नजर रखी जाएगी। विदित रहे कि हिंदू संगठनों ने बाबरी विध्वंस की बरसी को विजय दिवस और अल्पसंख्यक संगठनों ने काला दिवस मनाते आ रहे हैं।

डीजी सीआरपीएफ की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख

24 नवबंर, 2021 को सीआरपीएफ महानिदेशक की तरफ से मथुरा को लेकर एक विशेष रिपोर्ट केंद्र को भेजी गई है। इस रिपोर्ट मे कहा गया है कि मथुरा के हालात ठीक नही हैं और वहां कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की भी संभावना है। इस रिपोर्ट ने केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं। ध्यान रहे कि सीआरपीएफ की यूपी में कानून व्यवस्था में सहयोग करने के लिए अनेक कंपनिया मौजूद हैं और उन्हीं के आकलन के आधार पर डीजी सीआऱपीएफ ने ये रिपोर्ट भेजी है।

डीजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जब से यह तनाव शुरू हुआ है मथुरा के एक संप्रदाय विशेष की इबादतगाह में लोगों की संख्या बढ गई है। यह भी सूचना दी गई है इनमें अनेक लोगों की गतिविधियां बेहद संदेहास्पद है और संभवत ये लोग छिप-छिपकर इबादतगाह की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं कि कितने-कितने जवान कहां तैनात हैं, पूरी सुरक्षा व्यवस्था क्या है। सीआरपीएफ महानिदेशक के इस आकलन को लेकर केंद्रीय खुफिया एजेंसियो की अनेक टीमों ने मथुरा और आसपास के इलाको में डेरा जमा लिया है और हर घटनाक्रम पर उनकी चौकन्नी निगाहें हैं। वहीं स्थानीय प्रशासन ने भी 6 दिसंबर की टाइमलाइन को लेकर अपनी कमर कस ली है।

याद कीजिए, सीएम योगी ने क्या कहा था?

03 नवंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि 1990 में कारसेवकों पर चलाई गई। गोलियों की याद दिलाते हुए और बिना नाम लिए पूर्व की सपा सरकार पर निशाना साधा। सीएम ने कहा, "आज से ठीक 31 साल पहले आज के दिन अयोध्या में क्या हो रहा था? 30 अक्टूबर 1990 और 2 नवंबर 1990 को इसी अयोध्या में राम भक्तों पर, कारसेवकों पर गोलियां चलाई गई थीं। बर्बर लाठी चार्ज हो रहा था। तब जय श्री राम बोलना एक अपराध माना जाता था, तब राम मंदिर की बात बोलना अपने आप में एक अपराध होता था।''

लेकिन, भाइयों-बहनों आपकी ताकत, लोकतंत्र की ताकत कितनी मजबूत होती है, आपने उसका एहसास कराया। उस ताकत का एहसास है जो कल तक राम भक्तों पर 31 वर्ष पहले गोलियां चला रहे थे, आज वह आपकी ताकत के सामने झुके हैं। अब लगता है कि अगर कुछ और वर्ष आप इसी प्रकार से चले तो अगली कार सेवा के लिए वे और उनके पूरे खानदान लाइन पर खड़े होते हुए दिखाई देंगे। आप देखना अगली कारसेवा जब होगी तब गोलियां नहीं चलेंगी, तब राम भक्तों पर, कृष्ण भक्तों पर पुष्पों की वर्षा होगी।

पहले प्रदेश का पैसा कब्रिस्तान की बाउंड्री पर खर्च होता था, आज मंदिरों के पुननिर्माण और सुंदरीकरण पर खर्च हो रहा है। जिनको कब्रिस्तान प्यारा था वो जनता का पैसा वहां लगाते थे और जिन्हें धर्म और संस्कृति प्यारी है वो धर्म और संस्कृति के उत्थान लिए उस पैसे का उपयोग कर रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

इस बार 6 दिसंबर को शाही ईदगाह मस्जिद में एक संगठन ने बाल गोपाल की प्रतिमा स्थापित करने और उसके अभिषेक की घोषणा की है, जिससे मामला गरमाया हुआ है। उसके बाद से काफी समय बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोगाें ने भी शुक्रवार को जुमे की नमाज ईदगाह पर अदा की। उसके बाद से पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया है। डीएम नवनीत सिंह चहल, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर और सीओ सिटी अभिषेक तिवारी ने शनिवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान, शाही मस्जिद ईदगाह के आसपास के क्षेत्र का भ्रमण किया और अधीनस्थों को इन दोनों स्थलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक दिशानिर्देश दिए।

थुरा में करेंगे गोपाल की प्रतिमा स्थापित

अखिल भारत हिंदू महासभा ने घोषणा की है कि वह देवता के 'वास्तविक जन्मस्थान' पर भगवान कृष्ण की एक मूर्ति स्थापित करेगी, जो दावा करते हैं कि वह यहां एक प्रमुख मंदिर के पास मस्जिद में है। इसके तहत महासभा ने शाही मस्जिद ईदगाह में लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करने का एलान किया है.। जानकारी के मुताबिक देश के विभिन्न हिस्सों से पवित्र नदियों का जल लेकर महासभा के पदाधिकारी मथुरा पहुंचेंगे। इस जल से आराध्य का अभिषेक किया जाएगा और उनका पूजन होगा। लड्डू गोपाल का विग्रह खुद महासभा ईदगाह में ले जाएगी। गौरतलब है कि स्थानीय अदालतें कटरा केशव देव मंदिर के करीब स्थित 17वीं शताब्दी की मस्जिद को 'हटाने' की मांग करने वाली याचिकाओं की एक श्रृंखला पर सुनवाई कर रही हैं। हिंदू महासभा के नेता राज्यश्री चौधरी ने कहा कि प्रतिमा को छह दिसंबर को 'महा जल अभिषेक' के बाद जगह को 'शुद्ध' करने के लिए स्थापित किया जाएगा। मस्जिद के अंदर मूर्ति की स्थापना के लिए चुनी गई तारीख 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस की सालगिरह के साथ मेल खाती है।

शाही ईदगाह के अंदर अनुष्ठान करने के लिए महासभा की धमकी ऐसे समय में आई है जब स्थानीय अदालतें कटरा केशव देव मंदिर के करीब स्थित 17वीं शताब्दी की मस्जिद को 'हटाने' की मांग करने वाली याचिकाओं की एक श्रृंखला पर सुनवाई कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महासभा चाहती है कि आजाद भारत उभर कर आए हमारा मस्जिद या किसी परिसर से कोई मतलब नहीं है। ये मस्जिद नहीं ईदगाह है और इसका मतलब है पब्लिक मीटिंग प्लेस, तो फिर ये विवादित कैसे? यहां कोई भी कभी भी जा सकता है। ईदगाह में हम खोदाई करेंगे तो आज भी ठाकुर केशवदेव मंदिर से जुड़ी मूर्तियां निकलेंगी।

महासभा जिलाध्यक्ष और शहर अध्यक्ष को हिरासत में लिया

30 नवंबर को मंगलवार सुबह पुलिस ने महासभा की जिलाध्यक्ष छाया गौतम व शहर अध्यक्ष ऋषि भारद्वाज को उठा लिया है। इसकी जानकारी स्थानीय पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को दी। राष्ट्रीय अध्यक्ष नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पड़पोती राज्यश्री चौधरी ने बताया कि पुलिस ने उनके जिला और शहर अध्यक्ष उठा लिए हैं। पुलिस उनका उत्पीड़न कर रही है और उनसे जबरन कार्यक्रम स्थगित किए जाने संबंधी वीडीओ बनाने को दबाव डाल रही है। हमारा जलाभिषेक कार्यक्रम हर हाल में होगा। हमारे पूजा के अधिकार को कोई कैसे छीन सकता है।

श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति दल को नहीं मिली संकल्प यात्रा की इजाजत

श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति दल के राष्ट्रीय प्रमुख राजेश मणि त्रिपाठी ने छह दिसंबर को रामलीला मैदान में संकल्प यात्रा की अनुमति सिटी मजिस्ट्रेट जवाहर लाल श्रीवास्तव से मांगी थी। मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट ने उनको इस आयोजन की अनुमति नहीं दी। सिटी मजिस्ट्रेट ने थाना गोविंद नगर से रिपोर्ट लेने के बाद संकल्प यात्रा की अनुमति देने से इंकार कर दिया। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि संकल्प यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है।

Tags:    

Similar News