मोदी के मंत्री ने कहा - श्रीलंका संकट से सीख लेने की जरूरत, मुफ्त की योजनाओं से परहेज जरूरी
जयशंकर ने कहा कि श्रीलंका आर्थिक संकट से सबक लेते हमें मुफ्त की संस्कृति ( free culture) से बचने की जरूरत है।
Sri lanka Crisis : पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka Crisis ) में जारी आर्थिक संकट ( economic crises) को लेकर भारत ( India ) में भी असर देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि इस मसले पर एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक ( All party Meeting ) हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ( S jaishankar ) ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि श्रीलंका के हालात बहुत खराब हैं। राजनीतिक दलों ( political parties ) को फ्री के कल्चर ( Free culture ) यानि रेवड़ी कल्चर ( Rewaru culture ) से बचना चाहिए। सरल शब्दों में कहें तो राजनीतिक दलों (political parties) को वोट के लिए मुफ्त के कल्चर से बचना चाहिए।
सर्वदलीय बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए श्रीलंका संकट ( Sri lanka Crisis ) पर बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन तुलनाओं के बारे में भी अपनी बात रखी जिसमें कहा जा रहा है कि भारत में भी श्रीलंका जैसे हालात हो सकते हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ( S jaishankar ) ने कहा कि श्रीलंका को लेकर भारत में कई गलत तुलनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि हमें अपने पड़ोसी देश में हो रहे आर्थिक संकट की घटना से सबक लेने की ज़रूरत है। राजकोषीय विवेक, जिम्मेदार शासन और मुफ्त की संस्कृति ( free culture) नहीं होनी चाहिए। इसीलिए सरकार ने पहल करते हुए 46 दलों के नेताओं को सर्वदलीय बैठक में बुलाया था। बैठक में 28 दलों के 38 नेता शामिल हुए। सरकार चाहती है कि सभी दलकर मिलकर श्रीलंका के हालात को बारीकी से देखें।
भारत ने श्रीलंका की 3.8 बिलियन डॉलर की मदद की
सर्वदलीय बैठक में शामिल होने वाले नेताओं में कांग्रेस से पी चिदंबरम, एनसीपी से शरद पवार, डीएमके से टीआर बालू, AIADMK से एम थंबीदुरई, तृणमूल कांग्रेस से सौगत रे, नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारुक अब्दुल्ला और आम आदमी पार्टी से संजय सिंह शामिल हुए। इस दौरान DMK और AIDMK जैसे दलों ने सरकार से श्रीलंका मामले में हस्तक्षेप करके की मांग की। विदेश मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने श्रीलंका की किसी भी देश की तुलना में सबसे ज्यादा 3.8 बिलियन डॉलर ( billion dollar) की मदद की है और आगे भी श्रीलंका की स्थित पर नजर रख रहा है। हमने जो भी मदद की है नेवर हुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत की है।
टीएमसी, वाईआरएस सहित कई दलों ने किया विरोध
सर्वदलीय बैठक के दौरान टीएमसी वाईआरएस कांग्रेस, डीएमके, टीआरएस सहित कई दलों ने जयशंकर ( S jaishankar ) द्वारा राज्यों के माली हालात की चर्चा का विरोध किया। विरोध करने वाली अधिकांश पार्टियों ने मांग थी कि श्रीलंका बैठक में संकट से उबरने की बात होनी चाहिए। यदि राज्यों के माली हालत पर बात करनी है तो इसके लिए अलग बैठक होनी चाहिए।
इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ( S jaishankar ) कहा कि उन राज्यों के नाम इसलिए ऊपर थे क्योंकि उनकी उधारी ज्यादा थी। हम किसी एक स्टेट का नहीं बल्कि तुलनात्मक डेटा बता रहे थे। अगर किसी राज्य की उधारी ज्यादा होगी तो उनके नाम ऊपर आएंगे।