पेगासस जासूसी मामला : दूसरा हलफनामा दाखिल नहीं कर पाया केंद्र, समय मांगा, SC ने सुनवाई 13 सितंबर तक की स्थगित

भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हलफनामा दाखिल करने में कुछ कठिनाई हैं क्योंकि कुछ अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने गुरुवार तक के लिए केस को स्थगित करने का अनुरोध किया.....

Update: 2021-09-07 08:16 GMT

(केंद्र सरकार ने कहा कि हम हलफनामे के जरिए ये जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते।)

जनज्वार। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of India) ने पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Spyware Case) में केंद्र की ओर से और अधिक समय मांगे जाने के बाद सुनवाई को 13 सितंबर तक के लिए टाल दिया है। सीजेआई जस्टिस एनवी रमना (CJI NV Ramana), जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बोपन्ना की बेंच पेगासस स्पाइवेयर मामले पर सुनवाई कर रही थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पत्रकारों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, नेताओं के द्वारा कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं जिनमें कोर्ट की निगरानी में एसआईटी द्वारा जांच या न्यायिक जांच की मांग की गई है।

इस मामले पर कोर्ट में जैसे ही सुनवाई शुरु हुई भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने कहा कि हलफनामा दाखिल करने में कुछ कठिनाई हैं क्योंकि कुछ अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने गुरुवार तक के लिए केस को स्थगित करने का अनुरोध किया। सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ''उस हलफनामे के संबंध में कुछ कठिनाई है। मैं रुख सुनिश्चित नहीं कर सका। कृपया मुझे परसों तक समायोजित करने पर विचार करें।''

इस पर सीजेआई रमना ने कहा, 'लेकिन आपने पहले ही एक हलफनामा दायर कर दिया है।' फिर सॉलिसिटर जनरल ने कहा, हां लेकिन पिछली बार आपने पूछा था कि क्या हम एक और हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं। किसी कारणवश कुछ अधिकारी वहां नहीं हैं, मैं नहीं मिल सका, यह पता नहीं चल सका।'

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि अगर याचिकाकर्ताओं के वरिष्ठ अधिवक्ता आपत्ति नहीं कर रहे हैं तो गुरुवार तक या अगले सोमवार तक मामले को स्थगित कर दें।

वहीं पत्रकार एन राम और शशि कुमार द्वारा दायर याचिका में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 13 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। इसके बाद केंद्र ने कोर्ट में कहा था कि वह पेगासस मु्द्दे में कोई अतिरिक्त हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहती, क्योंकि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा के पहलू शामिल हैं। केंद्र ने कहा था कि वह मुद्दों की जांच के लिए उसके द्वारा गठित की जाने वाली प्रस्तावित विशेषज्ञ समिति के समक्ष विवरण रखने को तैयार है। 

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 16 अगस्त को सुनवाई एक दिन के लिए स्थगित की थी और सॉलिसिटर जनरल से यह पता लगाने के लिए कहा था कि क्या केंद्र मामले में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करना चाहता है।

सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा था कि मामले में केंद्र के द्वारा पहले ही दायर किया गया हलफनामा पर्याप्त है और एक और हलफनामा की आवश्यकता नहीं है। अगर सरकार सार्वजनिक रुप से यह खुलासा करती है कि वह एक विशेष इंटरसेप्शन सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं कर रही है, तो आतंकवादी संगठन अपनी संचार सेटिंग्स को बदलने के लिए उस जानकारी का लाभ उठाएंगे। 

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