किसान सम्मान निधि पर गरमायी बंगाल की राजनीति, ममता बोलीं - 'अर्धसत्य' बोल लोगों को गुमराह कर रहे हैं मोदी

ममता बनर्जी ने पिछले कुछ दिनों से खुद पर किसान सम्मान निधि के लाभ से बंगाल के किसानों को वंचित रखने के आरोप का आज तब जवाब दिया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में उन पर आरोप मढा...

Update: 2020-12-25 15:00 GMT

Mamata Banerje. Photo Credit _ ANI Twitter.

जनज्वार। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल के किसानों के किसान सम्मान निधि से वंचित रहने के लिए राज्य के जिम्मेवार होने के आरोपों पर पलटवार किया है। ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल की मदद के लिए कुछ नहीं किया है। यहां तक कि केंद्र के पास राज्य के बकाया 85 हजार करोड़ रुपये की एक किस्त भी वे जारी नहीं कर सके हैं। इसमें 8000 करोड़ रुपये जीएसटी की भी राशि है।

ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानोें के मुद्दे हल करने के लिए लगातार काम करने के बजाय टीवी के जरिए संबोधन में उनके लिए चिंता जतायी। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत पश्चिम बंगाल के किसानों की मदद करने के अपने इरादे का दावा किया, लेकिन वास्तव में वे अधूरा सच बोल रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किसानों को अपने संबोधन में कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल में 70 लाख से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 13 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन, राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया इतनी लंबे समय से रोक रखा है।

मोदी ने यह भी कहा कि जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते, वो यहां दिल्ली में आकर किसान की बात करते हैं। इन दलों को आजकल एपीएमसी मंडियों की बहुत याद आ रही है, लेकिन ये दल बार-बार भूल जाते हैं कि केरल में एपीएमसी मंडिया नहीं हैं।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने क्या बोला

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत भारत के हर किसान को सालाना 6000 रुपये मिल रहे हैं। पर, पश्चिम बंगाल के 73 लाख किसानों को यह लाभ नहीं मिला है। धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री का ध्यान लगातार उन्होंने आकर्षित किया है।

उन्होंने कहा कि उनका सरोकार इस बात से है कि शासन व्यवस्था संविधान के अनुरूप हो। अगर भारत के संविधान को चीर फाड़ कर उसे तार-तार कर प्रशासन कोई कदम उठताा है तो राज्य के लिए चुप रहना अपराध होगा, यह मैं किसी हालत में करने को तैयार नहीं हूं।

उधर, पश्चिम बंगाल के प्रभारी भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपये डाले लेकिन बंगाल के किसान इससे वंचित हैं, क्योंकि दीदी कहती हैं कि पहले मेरे खाते में पैसे डालो। बंगाल में बिचैलिए कृषि मंडी में किसानों की उपज खरीदने के लिए पांच-छह प्रतिशत तक कमीशन लेते हैं।


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