Prashant Kishor and Congress : वो 05 कारण जिसके चलते कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच नहीं बन पायी बात

Prashant Kishor and Congress : आपको बता दें कि पिछले दिनों प्रशांत किशोर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने एक प्रज़ेंटेशन रखा था. माना जा रहा था कि उन्होंने पार्टी के लिए 2024 चुनावों का एक रोडमैप तैयार किया था. सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर को पार्टी में जगह देने के लेकर एक समिति का भी गठन किया था...

Update: 2022-04-26 15:00 GMT

Prashant Kishor and Congress : वो पांच कारण जिसके चलते कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच नहीं बन पायी बात

Prashant Kishor and Congress : सियासी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के कांग्रेस (Congress) में शामिल होने की बात पर फिलहाल विराम लग रहा है। कई दफे प्रशांत किशोर की कांग्रेस हाई कमान से बैठक भी हुई लेकिन अब आधिकारिक रूप यह बात साफ कर दी गयी है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस पार्टी में शामिल नहीं होंगे। इस बारे में प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए कहा है, "मैंने ईएजी (एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप) के हिस्से के रूप में पार्टी में शामिल होने और चुनावों की ज़िम्मेदारी लेने के कांग्रेस के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। मेरी विनम्र राय ये है कि मुझसे ज़्यादा पार्टी को नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की ज़रूरत है ताकि परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से संरचनात्मक समस्याओं को ठीक किया जा सके, जिसकी जड़ें काफ़ी गहरी हैं।"

आपको बता दें कि पिछले दिनों प्रशांत किशोर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने एक प्रज़ेंटेशन रखा था. माना जा रहा था कि उन्होंने पार्टी के लिए 2024 चुनावों का एक रोडमैप तैयार किया था. सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर को पार्टी में जगह देने के लेकर एक समिति का भी गठन किया था।

वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला की ओर से कहा गया है कि प्रशांत किशोर के प्रेजेंटेशन और उनके साथ चर्चा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक एक्शन ग्रुप 2024 का गठन किया है।

सुरजेवाला के मुताबिक़ सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर को इस ग्रुप के हिस्से के तौर पर पार्टी में शामिल होने का न्यौता दिया था, जिसमें कुछ तय ज़िम्मेदारियाँ थी। मगर प्रशांत किशोर ने इससे इनकार कर दिया है। उन्होंने लिखा है, "हम उनके प्रयासों और पार्टी को दिए उनके सुझावों की सराहना करते हैं।"

आइए जानते हैं वे 5 कारण जिस कारण प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल नहीं हो पाए-

1. विरोधी दलों का गठबंधन बनाने में प्रशांत किशोर का अहम रोल हो सकता था पर कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता इससे सहमत नहीं थे। इसलिए वे शुरू से ही दबी जुबान में कांग्रेस में पीके को शामिल कराने की बात को हजम नहीं कर पा रहे थे और तरह-तरह के बयान दे रहे थे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब दिल्ली पहुंचे थे उस दौरान भी उन्होंने कुछ ऐसा बोला था जो पीके को कम से कम अच्छी तो नहीं ही लगी होगी।

2.वरिष्ठ पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी के अनुसार कुछ कांग्रेस के नेताओं का कहना था कि आप एक चुनावी चुनावी रणनीतिकार या मार्केटिंग स्ट्रेजिस्ट रखना चाहते तो आप रखें, लेकिन पूरी दुकान किसी और को चलाने दे देंगे, तो कहीं आगे चल कर दुकान ही ना बंद हो जाए। शायद इसलिए कांग्रेस नेतृत्व ने पीके के सामने कुछ शर्तें रख दीं। पर उन शर्तों को प्रशांत किशोर ने नहीं माना।

3. प्रशांत किशोर के कांग्रेस में नहीं शामिल होने के फैसले पर वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई ने बीबीसी से बातचीत में बताया है कि प्रशांत किशोर की कांग्रेस से जो बातचीत हुई थी उसका एक मूल आधार ये था कि वो कांग्रेस में बदलाव लाने की कोशिश करेंगे, बशर्ते उन्हें एक फ्री हैंड दिया जाए। यानी उन्हें स्वतंत्र रूप से काम करने का मौका दिया जाए। शायद इस बात पर पार्टी नेतृतव से उनकी नहीं बनी।

4. कांग्रेस में एक बात बनी कि प्रशांत किशोर आएं लेकिन वो कांग्रेस की शर्तों पर आएं, शायद प्रशांत किशोर ये चाह रहे थे कि कांग्रेस पार्टी उन्हें उनकी शर्तों पर पार्टी में शामिल करे ताकि वे प्लान ऑफ एक्शन को लागू कर सकें. इसी बात को लेकर टकराव हुआ है प्रशांत किशोर सिर्फ कांग्रेस में शामिल होने को लेकर इच्छुक नहीं थे, वे पार्टी में हाथ दिखाना चाहते थे लेकिन उन्हें लगा कि उनके हाथ बांधे जा रहे हैं और वहीं  लगता है कि बातचीत टूट गई।

5. कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है जो बदलाव से थोड़ा झिझकती है। अगर कांग्रेस का राजनीतिक सफर देखें तो पाएंगे कि बदलाव शीर्ष नेतृत्व ने ही किया है। इसमें सोनिया गांधी ने कांग्रेस के नेताओं की राय लेने की कोशिश की। उनकी राय यही थी कि जैसा चल रहा है वैसा चलने दें।

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