रामदेव के पतंजलि के खिलाफ कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने जारी किया नोटिस - शुगर, ब्लड प्रेशर और लीवर के इलाज के दावे को बताया भरमाने वाला

Notice to Patanjali : उपभोक्ता अधिकार संरक्षण निकाय ने पतंजलि आयुर्वेद को अपनी दवाओं के भ्रामक विज्ञापन के लिए एक नोटिस जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि इसने ब्लड प्रेशर और शुगर से लेकर लीवर की बीमारियों तक की कई स्थितियों को ठीक किया है...

Update: 2022-10-06 12:58 GMT

रामदेव के पतंजलि के खिलाफ कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने जारी किया नोटिस - शूगर, ब्लड प्रेशर और लीवर के इलाज के दावे को बताया भरमाने वाला

Notice To Patanjali : उपभोक्ता अधिकार संरक्षण निकाय ने पतंजलि आयुर्वेद को अपनी दवाओं के भ्रामक विज्ञापन के लिए एक नोटिस जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि इसने ब्लड प्रेशर और शुगर से लेकर लीवर की बीमारियों तक की कई स्थितियों को ठीक किया है।

उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने की कार्रवाई

कन्नूर स्थित नेत्र रोग विशेषज्ञ केवी बाबू द्वारा पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई के बारे में विवरण मांगने के लिए सूचना का अधिकार (आरटीआई) दायर करने के बाद उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कार्रवाई की।

 बता दें कि 20 जुलाई, 2020 को लागू हुए नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत CCPA को उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन की जांच करने का अधिकार है, जिसमें दवा कंपनियों द्वारा भ्रामक विज्ञापन भी शामिल हैं। प्राधिकरण भ्रामक विज्ञापनों के निर्माताओं, समर्थनकर्ताओं, प्रकाशकों पर जुर्माना भी लगा सकता है।

पतंजलि के दवाओं का विज्ञापन भ्रामक

केवी बाबू की नवीनतम आरटीआई क्वेरी के जवाब में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि दिव्या फार्मेसी और पतंजलि वेलनेस को नोटिस भी आयुष मंत्रालय को भेज दिया गया है। मंत्रालय ने पहले पाया था कि पतंजलि द्वारा 'लिपिडोम', 'लिवोग्रिट' और 'लिवामृत' ब्रांडों की दवाओं को बढ़ावा देने के लिए विज्ञापन भ्रामक थे और ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 का उल्लंघन करते थे।

विज्ञापन में किया था बीमारियों को ठीक करने का दावा

बताया गया है कि दिव्य फार्मेसी द्वारा बनाए गए लिपिडोम ने इस साल फरवरी में विज्ञापन दिया था कि यह एक सप्ताह के भीतर कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, हृदय की समस्याओं, स्ट्रोक और ब्लड प्रेशर को रोकता है। फैटी लीवर, लीवर सिरोसिस और पाचन तंत्र के इलाज के लिए लिविग्रिट और लिवामृत का विज्ञापन किया गया था।

भ्रामक विज्ञापन के लिए पतंजलि को नोटिस जारी

इंडियन एक्स्पस में छपी खबर के अनुसार केवी बाबू ने बताया कि चूंकि पतंजलि 'बार-बार उल्लंघन' है, इसलिए उनके खिलाफ 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। केवी बाबू ने कहा है कि 'मैं इस कदम से बहुत खुश हूं। यह पहली बार है, जब सीसीपीए ने 2022 में भ्रामक विज्ञापन के लिए पतंजलि को नोटिस जारी किया है। यह भ्रामक विज्ञापन के खतरे को दूर करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।'

साथ ही उन्होंने कहा कि सीसीपीए के पास उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ जांच और कार्रवाई करने का कानूनी अधिकार है।

'मुझे यकीन है कि सीसीपीए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को लागू करेगा और इसे लागू करेगा।  एक बार जब कार्रवाई की जाती है, तो यह न केवल पतंजलि के लिए बल्कि अन्य लोगों के लिए भी एक निवारक के रूप में कार्य करेगा।'

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