RBI Monetary Policy : भारतीय रिजर्व बैंक ने घटाया GDP ग्रोथ का अनुमान, महंगाई बढ़ने का अंदेशा

RBI Monetary Policy : केंद्रीय बैंक के गवर्नर दास ने आगे बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के सभी सदस्यों ने एकमत से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है, सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए ऐसा किया गया है.....

Update: 2022-04-08 09:30 GMT

Repo Rate Increased News : रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में किया इजाफा, महंगाई और बढ़ने का खतरा, लोन भी होगा महंगा

RBI Monetary Policy : भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पहली मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policey) जारी कर दी है। आरबीआई गवर्नर (RBI Governor Shaktikant Das) ने कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी में इस बार ब्याज दरों में कई बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया है। रेपो रेट को चार फीसदी और रिजर्व रेपो रेट को 3.35 फीसदी रखा गया है।

केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है। फरवरी में हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.8 फीसदी जताया गया था। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 16.2 फीसदी रहने का अनुमान है। दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.1 फीसदी और चौथी तिमारी में 4 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रहने का अनुमान है।

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए महंगाई का अनुमान 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया है। पहली तिमाही में 6.3, दूसरी तिमाही में 5 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है। 

केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के सभी सदस्यों ने एकमत से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए ऐसा किया गया है।

क्या है रेपो रेट

रेपो रेट वह दर होती है जिसपर सभी बैंक केंद्रीय बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं। बैंकों द्वारा इस कर्ज का उपयोग आगे बैंकों द्वारा लोगों को होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि देने के लिए किया जाता है। इस समय आरबीआई द्वारा रेपो रेट 4 प्रतिशत तय की गई है। 

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