RBI News : RBI के बोर्ड शामिल होने के लिए 'तुगलक' के संपादक पर डाला गया था दबाव, अब किया ये बड़ा खुलासा

RBI News : अपने ई-मेल में गुरुमूर्ति ने वेंकटचलम से कहा, 'आप सभी सोचते हैं कि मेरा आरबीआई बोर्ड में शामिल होना एक बड़ी बात है। मुझ पर उस पद को लेने के लिए दबाव डाला गया था, क्योंकि आरबीआई बोर्ड में काउंटर व्यू (counter view) रखने के लिए बहुत ज्यादा लोग नहीं थे...

Update: 2022-05-18 09:00 GMT

RBI News : RBI के बोर्ड शामिल होने के लिए 'तुगलक' के संपादक पर डाला गया था दबाव, अब किया ये बड़ा खुलासा

RBI News : चार्टर्ड अकाउंटेंट और तमिल पॉलिटिकल मैगजीन 'तुगलक' के एडिटर एस. गुरुमूर्ति ने बैंक कर्मचारियों पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी (RBI News) के बाद अब अपने बारे में एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि उन पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में बोर्ड का पद संभालने के लिए दबाव डाला गया था।

समाचार फोर मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार गुरुमूर्ति ने यह बात अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम को भेजे एक ई-मेल में कही और बाद में उन्होंने संघ के सदस्यों के साथ भी मेल साझा किया है।

अपने ई-मेल में गुरुमूर्ति ने वेंकटचलम से कहा, 'आप सभी सोचते हैं कि मेरा आरबीआई बोर्ड (RBI News) में शामिल होना एक बड़ी बात है। मुझ पर उस पद को लेने के लिए दबाव डाला गया था, क्योंकि आरबीआई बोर्ड में काउंटर व्यू (Counter View) रखने के लिए बहुत ज्यादा लोग नहीं थे।' उन्होंने कहा, 'मुझे इसकी जरूरत नहीं थी और न ही मैंने इसकी इच्छा व्यक्त की थी। दशकों तक मैंने कभी भी सरकार में या सरकार से कोई पद नहीं लिया और न ही कभी लूंगा।'

गुरुमूर्ति ने कहा, 'भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड में पश्चिमी फाइनेंशियल मीडिया द्वारा मेरी आलोचना की गई थी और मुझे खुशी है कि आप कम्युनिस्ट अब अपने विचार साझा करते हैं।' गुरुमूर्ति ने कहा कि उन्होंने किसी भी सार्वजनिक मंच पर किसी को यह बताने की अनुमति नहीं दी कि वह आरबीआई बोर्ड में हैं।

गुरुमूर्ति ने आगे कहा, 'आपने आरबीआई बोर्ड (RBI News) में मेरे होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। शायद आप इस बात को नहीं जानते कि यदि मैं आरबीआई के बोर्ड में नहीं होता तो मेरे लिए चीजें थोड़ी अलग होतीं। गुरुमूर्ति ने वेंकटचलम को यह पत्र उस कमेंट्स के जवाब में लिखा, जो सोशल मीडिया पर उन्हें मिल रहे हैं। दरअसल 'तुगलक' पत्रिका के वार्षिक समारोह में उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकर्स को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोग उनकी निंदा कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एस. गुरुमूर्ति ने चेन्नई में तमिल पत्रिका 'तुगलक' की 52वीं वर्षगांठ समारोह में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उनके लिए तमिल शब्द 'काझीसदाई' का प्रयोग किया था, जिसका अर्थ मैला या गंदा होता है।

दरअसल, पत्रिका 'तुगलक' की 52वीं वर्षगांठ समारोह में उपस्थित एक श्रोता के सवाल का जवाब देते हुए गुरुमूर्ति ने कहा था कि सरकारी बैंकों (RBI News) के अच्छे कर्मचारी अपनी नौकरी इस कारण से छोड़ रहे हैं क्योंकि उनका पैकेज बहुत कम है और वे स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पा रहे हैं। अब हमारे पास केवल 'काझीसदाई' (मैले या गंदे) बचे हैं और यह उनके साथ मिलकर देश को वित्तीय क्षेत्र में विश्व स्तर पर कंपटिशन करना है।'

गुरुमूर्ति के इस बयान (RBI News) का सरकारी बैंक यूनियनों ने कड़ा विरोध किया है। इस मामले में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ की तमिलनाडु यूनिट ने बयान जारी करते हुए कहा, 'हमें उम्मीद नहीं थी कि उनके जैसा शख्स इस तरह के शब्दों का प्रयोग कर सकता है। वो आरबीआई में सर्वोच्च पद पर हैं और उन्होंने बैंककर्मियों के लिए आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने किया, जिन्होंने कोरोना महामारी के समय बैंक कर्मचारियों के निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें सलाम किया है।'

इस मामले (RBI News) में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के सचिव वेंकटचलम ने कहा, 'हम गुरुमूर्ति की विवादित टिप्पणी के लिए कड़ी निंदा करते हैं और उनसे मांग करते हैं कि वो अविलंब बैंक कर्मचारियों से मांफी मांगे। इसके अलावा हम सरकार से मांग करते हैं कि उनके खिलाफ एक्शन ले और उन्हें आरबीआई के बोर्ड से बाहर करे।

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