स्मृति ईरानी ने प्रियंका गांधी को निशाने पर लेते हुए क्यों कहा - "घर पर लड़का है, लड़ नहीं सकता, पब्लिक है सब जानती है"
महिला उम्मीदवारों को 40 फीसदी टिकट देने के प्रियंका गांधी के प्रस्ताव पर पलटवार करते हुए कहा कि इसका अर्थ यह है कि कांग्रेस महिलाओं को 60 प्रतिशत टिकट नहीं देना चाहतीं।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज होता जा रहा है। एक दिन पहले बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रानौत ने आजादी और भीख की आड़ में कांग्रेस पर सीधा हमला बोल सबकों चौंका दिया था। अब एक और टीवी कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ( Smriti Irani ) ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ( Priyanka Gandhi Vadra ) को अपने निशाने पर लिया है। उन्होंने प्रियंका के नारे ''लड़की हूं, लड़ सकती हूं" पर तंज कसते हुए कहा कि क्या करे, ''घर पर लड़का है, पर लड़ नहीं सकता।"
विकास के मुद्दे पर लड़े जाएंगे चुनाव
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने टाइम्स नाउ चैनल के कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) को लेकर भी व्यंग्य भी किया। स्मृति ने कहा कि कि यूपी चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़े जाएंगे। चुनावी घमासान के दौरान नीति एवं विकास और लोकतंत्र को मजबूत करने पर विचार गंभीर विमर्श होगा।
तो कांग्रेस महिलाओं को 60 फीसदी सीट नहीं देना चाहती
स्मृति ईरानी ने एंकर का सवाल कि प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रियंका के 40 प्रतिशत सीटों पर महिला उम्मीदवारों को खड़ा करने और उनके नारे ''लड़की हूं, लड़ सकती हूं" के जवाब में दिया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि संभवत: प्रियंका गांधी कहना चाहती हैं कि ''घर पर लड़का है, पर लड़ नहीं सकता। यानि वो सियासी संघर्ष करने में सक्षम नहीं है। महिला उम्मीदवारों को 40 फीसदी टिकट देने के प्रियंका गांधी के प्रस्ताव पर पलटवार करते हुए कहा कि इसका अर्थ यह है कि कांग्रेस महिलाओं को 60 प्रतिशत टिकट नहीं देना चाहतीं।
हम केवल महिलाओं के लिए काम नहीं करते
अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं यह नहीं कह रही कि राजनीति और लोकतंत्र में लोगों को कोशिश नहीं करनी चाहिए। जीत और हार राजनीति का हिस्सा हैं। मैं भी 2014 में हार गई थी, लेकिन सवाल यह है कि लोगों का आपके प्रयासों पर कितना विश्वास है। राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि क्या लोगों में उस व्यक्ति को लेकर भी यह भावना है? महिला नेताओं से यह अपेक्षा नहीं करनी चाहिए कि वे केवल समाज की महिला सदस्यों के लिए ही काम करेंगी।