अनाज से लेकर फल, फूल, दूध तक की MSP तय करो, नहीं तो जनवरी में दिल्ली में दूंगा धरना : अन्ना हजारे

अन्ना हजारे ने किसानों की फसलों का एमएसपी तय करने का फार्मूला सुझाया है। उन्होंने कहा है कि मांगें नहीं पूरी होने पर वे जनवरी में दिल्ली में धरना देंगे...

Update: 2020-12-29 06:34 GMT

जनज्वार। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने एक सार्वजनिक बयान जारी कर कहा है कि सरकार किसानों की मांगें पूरी करे और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के अनुसार, हर चीज की एमएसपी तय की जाए। अन्ना हजारे ने कहा है कि अनाज के साथ फल, फूल और दूध की भी एमएसपी तय की की जानी चाहिए ताकि किसानों की आत्महत्या रूके। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होगा तो वे जनवरी में दिल्ली में धरने पर बैठेंगे।

अन्ना हजारे ने अपने वक्तव्य में कहा है कि राज्य कृषि मूल्य आयोग फसलों की जुताई, बुनाई, बीज, उर्वरक सहित सभी तरह के खर्चाें को जोड़कर उसका मूल्य निर्धारित करता है और उसे केंद्रीय कृषि आयोग को भेज देता है। केंद्रीय कृषि आयोग कृषि मंत्री के मातहत काम करता है, इसलिए बिना वजह राज्य मूल्या आयोगों से सिफारिश की गयी कीमत में 10 से 50 प्रतिशत तक की कटौती कर दी जाती है, जिससे किसानों को सही कीमत नहीं मिल पाती है।

अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार के उस दावे को खारिज किया जिसमें फसलों की दाम को लागत में 50 प्रतिशत अतिरिक्त जोड़ कर एमएसपी दिए जाने की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि राज्य मूल्य आयोग की सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य में 50 प्रतिशत अतिरिक्त जोड़ कर किसानों को देना चाहिए। इससे ही उनकी समस्याएं कम होंगी। उन्होंने कहा है कि सरकार ने किसानों को अनाज के साथ फल, फूल, सब्जियों व दूध का एमएसपी नहीं दिया है, इस कारण वे टमाटर, आलू व दूध सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं।

हजारे ने कहा है कि केंद्रीय चुनाव आयोग की केंद्रीय कृषि आयोग को स्वायत्त व संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए ताकि वह सरकारों के प्रभाव से मुक्त होकर काम करे। इससे राज्य कृषि आयोग की सिफारिशों में कटौती नहीं की जाएगी और किसानों को उचित कीमत उनकी फसलों की मिल सकेगी।

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