Spicejet emergency landing: लैंडिंग से पहले तूफान में फंसा स्पाइसजेट का विमान, 40 यात्री घायल, देखें वीडियो
Spicejet emergency landing: मुंबई से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर जा रहा स्पाइसजेट बोइंग B737 विमान रविवार को एक तूफान में फंस गया। इस वजह से इसमें सवार लगभग 40 यात्री घायल हो गए।
Spicejet emergency landing: मुंबई से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर जा रहा स्पाइसजेट बोइंग B737 विमान रविवार को एक तूफान में फंस गया। इस वजह से इसमें सवार लगभग 40 यात्री घायल हो गए। इनमें से 10 हालत गंभीर बताई जा रही है। हालांकि, पायलट की सूझबूझ की वजह से विमान सुरक्षित रनवे पर उतर गया। घायलों का हॉस्पिटल में इलाज जारी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह विमान दुर्गापुर स्थित काजी नजरुल इस्लाम एयरपोर्ट पर लैंडिंग कर रहा था, तभी यह काल बैसाखी तूफान में फंस गया। जिसके बाद फ्लाइट के डगमगाने से केबिन में रखा सामान गिरने लगा और इससे 40 के करीब यात्री घायल हो गए। पायलट ने खतरे को भांपते ही सीट बेल्ट का साइन ऑन कर दिया था। इसके बाद भी फूड ट्रॉली से टकराने से दो यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
Extreme turbulence in a flight between Mumbai to Durgapur. I can feel what's going on in the minds of passengers when oxygen masks are coming down.
— Yuvraj Sharma (@SharmaYuv1) May 1, 2022
Airline was SpiceJet. Again it was B737 MAX.
Never travelling in this aircraft.
But thankfully no major accident. 🙏#SpiceJet pic.twitter.com/j7225Ag0UZ
एयरपोर्ट प्रशासन के अनुसार विमान में करीब 188 यात्री थे। इनमें से कुछ यात्रियों को सर भी चोट लगी है, जिन्हें पास ही के अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए स्पाइसजेट की ओर कहा गया कि मुंबई से दुर्गापुर जाने वाली स्पाइसजेट बोइंग बी737 विमान संख्या एसजी-945 में उतरने के दौरान तूफान का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप दुर्भाग्य से कुछ यात्रियों को चोटें आईं। दुर्गापुर पहुंचने पर घायल लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की गई।
दरअसल, अप्रैल और मई में पूर्वी भारत में बादलों की गर्जना के साथ, बिजली गिरना और तेज हवा चलना आम मौसमी घटना है। चूंकि हिंदी कैलेंडर से यह समय बैसाख का महीना होता है इसलिए लोग इसे काल बैसाखी कहते हैं। विज्ञान की भाषा में इसे नार्वेस्टर कहते हैं। काल बैसाखी का असर झारखंड, बिहार, प.बंगाल और ओडिशा में दिखता है।