Supreme Court on Bulldozer Action : बुलडोजर की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा-'सबकुछ निष्पक्ष होना चाहिये'

Supreme Court on Bulldozer Action : जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा है कि नागरिकों में यह भावना होनी चाहिए कि देश में कानून का शासन है। मामले में अब अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा है कि सबकुछ निष्पक्ष होना चाहिये। हम अधिकारियों से कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने की उम्मीद करते हैं...

Update: 2022-06-17 10:00 GMT

SC on Bulldozer Action in UP : यूपी में बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, 10 अगस्त को होगी सुनवाई

Supreme Court on Bulldozer Action : पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) के खिलाफ भाजपा नेता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) की टिप्पणी के बाद देशभर में मचे बवाल के बीच प्रयागराज में हुई हिंसा के आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गयी है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 16 जून यूपी सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि यूपी सरकार अदालत में तीन दिनों में जवाब दाखिल करे। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा है कि 'सबकुछ निष्पक्ष होना चाहिये' और अधिकारियों को कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन हर हाल में करना करना चाहिये।

जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा है कि नागरिकों में यह भावना होनी चाहिए कि देश में कानून का शासन है। मामले में अब अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा है कि सबकुछ निष्पक्ष होना चाहिये। हम अधिकारियों से कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने की उम्मीद करते हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और कानपुर व प्रयागराज नगर अधिकारियों का कोर्ट में प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कोर्ट के सामने तथ्य रखा कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया गया है और एक मामले में तो अगस्त 2020 में विध्वंस का नोटिस जारी किया गया था। मेहता ने कहा कि कोई भी पीड़ित पक्ष अदालत के समक्ष पेश नहीं हुआ है, बल्कि एक मुस्लिम निकाय जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अदालत का रुख करके यह आदेश देने की अपील की है कि विध्वंस नहीं होना चाहिये।

आरोप-​ बिना मौका दिए बुलडोजर से किया गया विध्वंश

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं सी.यू सिंह, हुजेफा अहमदी और नित्य राम कृष्णन ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे अधिकारियों की तरफ से बयान जारी किये जा रहे हैं और कथित दंगा आरोपियों को घर खाली करने का मौका दिये बगैर विध्वंस की कार्रवाई की जा रही है।

शीर्ष अदालत (Supreme Court) जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema e Hind) की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थीं, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) को यह निर्देश देने की अपील की गई है कि राज्य में हाल में हुई हिंसा के कथित आरोपियों की संपत्तियों को न ढहाया जाए।

आपको बता दें कि यूपी (UP) सहित देश के कई राज्यों में भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों हिंसक प्रदर्शन किए थे। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज मे हुए एक ऐसे ही मामले के कथित मास्टरमाइंड जावेद पंप के घर पर बुल्डोजर चलाने की कार्रवाई कर दी थी।

यूपी सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulema e hind news) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल कर यूपी सरकार की इस तरह की कार्रवाइयों पर रोक लगाने की मांग की थी। साथ ही, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया था।

यूपी सरकार से तीन दिनों में मांगा गया है जवाब

जमीयत (Jamiat Ulema e hind news) की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) में सुनवाई हुई। जमीयत की याचिका पर सुनवाई जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने की। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुलडोजर वाली कार्रवाई पर फिलहाल रोक नहीं लगाई है। शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार से सख्त लहजे में कहा कि 3 दिनों के अंदर नोटिस का जवाब दाखिल करें। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर अगले हफ्ते सुनवाई की तारीख तय कर दी है।

जमीयत उलेमा ए हिंद ने दाखिल की थी याचिका

गुरुवार को बुलडोजर पॉलिटिक्स (Bulldozer politics ) के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulema e hind news ) ने यूपी और दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा मामले में बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान जमीयत के वकील ने अदालत से कहा कि बुलडोजर वाली कार्रवाई के तहत एक ही समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। बुलडोजर से मकान को ध्वस्त करने की कार्रवाई से पहले नोटिस भी जारी नहीं किया जा रहा है। बुलडोजर की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है।

दरअसल, 10 जून 2022 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज सहित कई शहरों में हुई हिंसा के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस पर अमल करते हुए अधिकारियों ने कानपुर में जफर हयात हाशमी के करीबी और प्रयागराज में जावेद पंप के घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। साथ ही हिंसा के कई अन्य आरोपियों को भवनों को सील भी किया गया है। हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई भी पहले की तरह जारी है। 

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