जातीय जनगणना को लेकर पीएम मोदी से मिलने पहुंचे जदयू, राजद समेत 10 राजनीतिक दल

जातीय जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार विधानसभा में जातीय जनगणना के मुद्दे पर दो बार प्रस्ताव पारित किया गया और केंद्र को भेजा गया। हम लगातार मांग कर रहे हैं, इस कदम से काफी कल्याणकारी काम होगा.....

Update: 2021-08-23 08:23 GMT

(जायीत जनगणना की मांग को लेकर एक मंच पर आए बिहार के सभी राजनीतिक दल)

जनज्वार। बिहार में राजद और जदयू के बीच यूं तो हर मुद्दे पर झगड़ा होता रहता है लेकिन जातीय जनगणना ऐसा मुद्दा है जिसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव दोनों एक ही मंच पर नजर आ रहे हैं। यही नहीं बिहार के अन्य विपक्षी राजनीतिक दल भी जातीय जनगणना का समर्थन कर रहे हैं। सोमवार को इस मुद्दे को लेकर जदयू, राजद समेत दस पार्टियों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे। 

जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात पीएम मोदी से हुई। इस मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमने जातीय जनगणना पर अपनी बाद प्रधानमंत्री के सामने रखी है। उन्होंने हमारी बात पूरे तौर पर ध्यान से सुनी है। हमे उम्मीद है कि वो इस पर विचार करेंगे।

वहीं जातीय जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार विधानसभा में जातीय जनगणना के मुद्दे पर दो बार प्रस्ताव पारित किया गया और केंद्र को भेजा गया। हम लगातार मांग कर रहे हैं, इस कदम से काफी कल्याणकारी काम होगा।

तेजस्वी ने कहा कि आखिरी बार जातीय जनगणना 1931 में हुई। इससे पहले दस-दस साल में ये होती रही। जातीय जनगणना से हम ऐसे आंकड़े प्राप्त कर सकते हैं जो समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए प्रासंगिक लाभ योजनाएं तैयार करने में मदद कर सकें। अभी कानून बनाया गया कि ये राज्य तय करेगा कि कौन सी जाति को ओबीसी में डालना है। जब आंकड़े सामने होंगे तो ही आप तय करेंगे कि किसे ओबीसी में डालना है किसे ईबीसी में डालना है।

तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना को लेकर कहा कि जब तक बीमारी का पता नहीं चलेगा तब तक उसका उपचार कैसे होगा। 

इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के प्रमुक जीतन राम मांझी भी शामिल हुए। जातीय जनगणना को लेकर उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना कराने के लिए बिहार विधानसभा ने  दो बार सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। 1931 के बाद कोई जातिगत जनगणना नहीं हुई है। बिहार के सत्ता और विपक्ष सभी इस मुद्दे के लिए तैयार हैं। 

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा नेता जनक राम ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा ता और इस पर प्रधानमंत्री ने आज 11 बजे का समय दिया। प्रधानमंत्री इस पर जो निर्णय लेंगे वो हम सब मानेंगे। 

वहीं कांग्रेस नेता अजीत शर्मा भी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आरक्षण को पारदर्शी बनाया गया तो समाज में द्वेष दूर होगा, क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर में लोगों का प्रतिशत सभी को पता चल जाएगा। इसेे बिहार ही नहीं पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। 

सीपीआई-एम के नेता अजय कुमार ने कहा- हमने सीएम से कहा है कि हमें पीएम से मिलना चाहिए क्योंकि जाति आधारित जनगणना की जरूरत है। जाति आधारित शोषण आज भी होता है। जाति आधारित जनगणना इसे सुधारने में एक आईने की तरह होगी। इसलिए, हम आज सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में पीएम से मिलेंगे।

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