आजमगढ़ एयरपोर्ट पर लगी आग पर 1 घंटे बाद पाया जा सका काबू, किसान नेता ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

अभी आजमगढ़ के मंदुरी स्थित एयरपोर्ट के उद्घाटन को एक महीना भी नहीं बीता कि आग लग गई और कहा जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी, यानी कि गुणवत्ता से काम नहीं हुआ, यानी भ्रष्टाचार...

Update: 2024-04-15 07:07 GMT

आजमगढ़। आजमगढ़ जनपद के मंदुरी एयरपोर्ट पर शनिवार 13 अप्रैल की सुबह अचानक शार्ट-सर्किट से कंट्रोल रूम के पास में स्थित एक टॉवर में आग लग गई। आग लगने के बाद एयरपोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मची, मगर एक घंटे के बाद किसीी तरह फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 मार्च को मंदुरी एयरपोर्ट का लोकार्पण किया था। इसके बाद यहां से 19 सीटर विमान की उड़ान शुरू की गयी थी और फिलहाल यहां से हफ्ते में दो दिन उड़ान हो रही है। एयरपोर्ट निदेशक मुकेश यादव कहते हैं, अभी घटना को लेकर कुछ कहना मुश्किल है। इससे हुए नुकसान की छानबीन की जा रही है।

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आजमगढ़ एयरपोर्ट पर आग लगने पर सोशलिस्ट किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव राजीव यादव ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वह कहते हैं, जिस एयरपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'एयरपोर्ट नहीं कैंटीन लग रहा है' बोला था उसको चंद दिनों में चुनावों को देखते हुए उद्घाटन करवा दिया गया। यह यात्रियों की जिंदगी से जुड़ा गंभीर मसला है। इस एयरपोर्ट के बारे में भाजपा संसद दिनेश लाल निरहुआ तक कह चुके हैं कि कोई कंपनी आजमगढ़ नहीं आना चाहती, उड़ान नहीं हो सकती।

किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि आजमगढ़ के मंदुरी एयरपोर्ट में शनिवार 13 अप्रैल को जिस तरह से आग लगी कि एटीसी सर्वर रूम जलकर खाक हो गया, यह नागरिकों के जीवन से जुड़ा गंभीर सवाल हें एक महीने पहले 10 मार्च को अफरा-तफरी में किसानों की खड़ी फसलें रौदकर प्रधानमंत्री द्वारा एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गयां एक महीना नहीं बीता कि आग लग गई और कहा जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट यान कि गुणवत्ता से काम नहीं हुआ, यानी की भ्रष्टाचार।

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राजीव यादव ने कहा कि अखबारी खबरों के अनुसार तीन हजार रुपये के करीब आजमगढ़ से लखनऊ का किराया वाले 19 सीटर विमान से कभी छह तो कभी दस यात्रियों ने ही यात्रा की। हमने पहले भी कहा था कि जब पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, नेशनल हाई वे और ट्रेन से कम समय में आसान और सस्ती यात्रा हो सकती है तो क्यों कोई महंगी यात्रा करेगा। शासन-प्रशासन के जो लोग कहते थे कि आजमगढ़ से बहुत से यात्री जाएंगे उनसे जवाब तलब करना चाहिए, जिन्होंने घाटे की इस परियोजना को बनाया। उनकी संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए कि किसी लाभ के लिए तो इस परियोजना को नहीं बनाया गया, क्योंकि प्राईवेट कंपनी के विमान के जरिए यात्रा हो रही है।

जब कभी भी किसी विमान ने फुल होकर उड़ान नहीं भरी तो स्पष्ट है कि उड़ान घाटे का सौदा है। आखिर कोई कंपनी घाटे का सौदा क्यों कर रही है। इलेक्ट्रोरल बांड के दौर में यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला हो सकता है। आम जन में यह बात है कि भाजपा के लोग और सरकार के लोग ही यात्रा कर रहे हैं। हफ्ते में दो दिन उड़ान भरने वाला हवाई अड्डा चुनाव के बाद बंद हो जाएगा। यह चुनावी झुनझुना मात्र भर है।

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