तीन राज्यों में कल नहीं होगा चक्का जाम, दिग्विजय सिंह का तंज-दिल्ली नहीं, मुंबई में बना कृषि कानूनों का मसौदा
किसान नेताओं का कहना है कि कल की बंदी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए आहूत की गई है, वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर तंज किया है..
जनज्वार। तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ कल 6 फरवरी को किसान देशभर में चक्का जाम करने वाले हैं। हालांकि यह बंदी तीन घण्टों की ही होगी। इसमें भी तीन राज्यों को चक्का जाम से मुक्त रखने की बात कही गई है। किसान नेताओं का कहना है कि कल की बंदी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए आहूत की गई है।
इस बीच एक बार फिर कांग्रेस ने किसानों के प्रति समर्थन व्यक्त किया है, वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर तंज किया है।
किसान नेताओं ने कहा कि बंद के दौरान प्रमुख सड़कों पर, 6 फरवरी की दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच गाड़ियां नहीं चलने दी जाएंगी। लेकिन इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि यूपी, उत्तराखंड में 'चक्का जाम' नहीं किया जाएगा।
राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि "जो लोग यहां नहीं आ पाए, वो अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे। इस दौरान प्रमुख सड़कों पर कोई गाड़ी नहीं चलने दी जाएगी।'
वहीं भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय के मुताबिक, इस चक्का जाम के लिए किसान दिखना चाहते हैं कि वे एकजुट हैं। राय ने कहा, "पूरा देश किसानों के साथ है। हमें सरकार को अपनी ताकत दिखानी है।"
उधर दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक बाद कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, 'बैठक में हमने किसानों के आंदोलन का समर्थन करने की बात कही है। हमारी पार्टी का निर्णय है कि नए कृषि क़ानून वापस होने चाहिए। कांग्रेस किसानों के साथ है।'
वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, 'दो मंत्रियों ने किसानों के साथ बातचीत की थी, जिनमें से एक नरेंद्र सिंह तोमर जी हैं, जो अच्छे व्यक्ति हैं। मगर उन्हें खेती के बारे में कुछ भी पता नहीं है। वहीं दूसरे पीयूष गोयल हैं, जो कॉर्पोरेट सेक्टर के प्रवक्ता हैं। मुझे लगता है कि दिल्ली में नहीं मुंबई में कृषि कानून का मसौदा तैयार किया गया था।'
इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'मैंने आज राज्यसभा में देखा विपक्ष कृषि बिलों को काला क़ानून कह रहे हैं। वे यह नहीं बता रहे हैं कि उसमें काला क्या है। क़ानून का विरोध कर रहे हैं तो क़ानून के प्रावधान पर चर्चा होनी चाहिए। मैंने सभी दल और किसानों से कहा है कि सरकार बातचीत करने के लिए तैयार है।'