UN ने तीस्ता सीतलवाड़-जुबैर की गिरफ्तारी पर चिंता जताते हुए की रिहाई की मांग, मोदी सरकार ने पलटकर दिया ये जवाब
भारत सरकार ने नियमों के तहत कार्रवाई की है। ओएचसीएचआर ( OHCHR ) की टिप्पणियां पूरी तरह से अनुचित थीं। यूएन ( UN ) द्वारा कानूनी-कार्रवाई को उत्पीड़न बताना, गुमराह करने वाला और अस्वीकार्य है।
नई दिल्ली। दो दशक पहले गुजरात दंगे ( Guj riots ) मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ( Teesta Setalwad ) और पैंगबर मोहम्मद के मसले को लेकर जुबैर ( Mohammed Zubair ) की गिरफ्तारी पर यूएन मानवाधिकार कार्यालय ( UN OHCHR ) ने 28 जून को चिंता जताई थी। साथ ही भारत सरकार ( Modi Government ) से दोनों की रिहाई की मांग की थी। अब भारत सरकार ने इस मसले पर पलटवार किया है। भारत सरकार ने तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR ) की टिप्पणी को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
क्या कहा एमईए ने
ओएचसीएचआर (OHCHR ) के इस ट्वीट पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ( Arindam Bagchi ) ने कहा कि हमने तीस्ता सीतलवाड़ और दो अन्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय का बयान देखा है।
ओएचसीएचआर ( (OHCHR ) ) का बयान पूरी तरह से गैर जरूरी और भारत की स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली में दखल है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (ओएचसीएचआर) की टिप्पणी को पूरी तरह से अवांछित करार देते हुए बुधवार को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में कहा कि भारतीय प्राधिकार ने स्थापित न्यायिक नियमों के तहत कानून के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की है। ओएचसीएचआर की टिप्पणियां पूरी तरह से अनुचित थीं। यूएन द्वारा कानूनी-कार्रवाई को उत्पीड़न बताना, गुमराह करने वाला और अस्वीकार्य है।
क्या कहा था UN OHCHR ने
यूएन मानवाधिकार ने तीस्ता और दो अन्य पूर्व पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी पर चिंता जताते हुए उन्हें तुरंत रिहा किए जाने को कहा था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने मंगलवार यानि 28 जून को ट्वीट कर कहा था कि भारत में हम सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और दो अन्य पूर्व पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी को लेकर बहुत चिंतित हैं और उनकी तुरंत रिहाई की मांग करते हैं। 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों का साथ देने और अपना काम करने के लिए उनका उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।
साजिश रचने का मामला दर्ज
दरअसल, गुजरात दंगों के मामले में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व IPS संजीव भट्ट और DGP आरबी श्रीकुमार के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाकर साजिश रचने का मामला दर्ज किया है। संजीव भट्ट पहले से जेल में हैं, जबकि तीस्ता और श्रीकुमार को अब गिरफ्तार किया गया है। गुजरात दंगा केस में तीस्ता सीतलवाड़ (बाएं) जकिया जाफरी की सह-याचिकाकर्ता थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तीस्ता की भूमिका की जांच हो। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली SIT रिपोर्ट के खिलाफ याचिका को शुक्रवार यानी 24 जून को खारिज कर दिया था। यह याचिका जकिया जाफरी ने दाखिल की थी। जकिया जाफरी के पति एहसान जाफरी की इन दंगों में मौत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जकिया की याचिका में मेरिट नहीं है। को-पेटिशनर सीतलवाड़ ने जकिया जाफरी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। कोर्ट ने तीस्ता की भूमिका की जांच की बात कही थी।