Aligarh News : बलात्कार के आरोपी शख्स को 22 साल बाद मिला बदनुमा दाग से मुक्ति, बोला - अब राहत महसूस कर रहा हूं
Aligarh News : अलीगढ़ किशोर न्याय बोर्ड ने में 22 साल बाद रेप के आरोपी को शख्स को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। विरोधियों ने जमीन विवाद की वजह से युवक पर रेप का गलत आरोप लगाया था।
Aligarh Crime News : अलीगढ़ किशोर न्याय बोर्ड ( Aligarh Juvenile Justice Board ) ने रेप के आरोपी ( Rape Accused ) एक शख्स को 22 साल बाद सभी आरोपों से बरी कर दिया। बलात्कार के आरोप से बरी होने के बाद आरोपी शख्स ने कहा कि अब मुझे रेपिस्ट कहे जाने के दंश से मुक्ति मिल गई है। अब मैं काफी राहत महसूस कर रहा हूं।
उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के अलीगढ़ ( Aligarh ) में एक व्यक्ति पर 22 साल पहले रेप का आरोप ( Rape case ) लगा था। बलात्कार का आरोप लगने के बाद से आरोपी शख्स को लोग बलात्कारी कहने लगे थे। घर के आसपास के लोगों ने भी हिकारत भरी नजरों से युवक को देखना शुरू कर दिया था। कई लोग परिवार से अपने संबंध तोड़ लिए थे। जबकि युवक खुद के रेप के मामले में दुहाई देता रहा कि वो निर्दोष है, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।
अब लोग मुझे बलात्कारी नहीं कहेंगे
22 साल बाद किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) ने उसे बरी कर दिया। किशोर न्याय बोर्ड का फैसला आने के बाद से शख्स काफी खुश है और कह रहा है कि अब लोग उसे बलात्कारी नहीं कहेंगे। समाज में खोई हुई इज्जत को हासिल करने में यह फैसला मदद करेगा।
मुझ पर ऐसा आरोप लगा जिसे मैंने किया ही नहीं
अलीगढ़ में रेप का यह मामला साल 2000 में सामने आया था। इसमें पीड़ित पक्ष ने एक 16 साल के युवक पर रेपिस्ट होने का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद समाज में युवक और परिवार की भारी बदनामी हुई। उसे कानूनी प्रक्रिया का भी सामना करना पड़ा। मामला किशोर न्याय बोर्ड में चला। अब वह युवक 38 साल का है और खुद के ऊपर से रेपिस्ट का आरोपी के टैग हटने से खुश है। शख्स का कहना है कि अंतत: मैं बलात्कारी कहलाने के टैग से मुक्त हो गया। मुझ पर एक ऐसे अपराध का आरोप लगाया था जिसे मैंने कभी नहीं किया।
बदले की भावना से लगाया था आरोप
रेप के आरोप से बरी युवक ने कहा कि 22 वर्षों तक में इस कलंक का सामना करता रहा। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए दर्दनाक और अपमानजनक रहा। दो पक्षों के बीच भूमि विवाद के कारण मुझे इस मामले में घसीटा गया। फिर भी मुझे इस प्रकार की स्थिति का सामना करना पड़ा। शुरू से ही युवक खुद को निर्दोष बताता रहा था। तब किसी ने यकीन नहीं किया लेकिन अब कोर्ट का आदेश आने के बाद हर कोई युवक को निर्दोष मानने लगा है।
साक्ष्य के अभाव में हुआ बरी
Aligarh Crime News : बता दें कि किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट नरेश कुमार दिवाकर और सदस्य साधना गुप्ता एवं प्रशांत सिंह राघव ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा है कि आरोपी ने बलात्कार ( Rape accused ) किया था। साक्ष्य के अभाव में आरोपी को बरी किया गया है। आरोपी के वकीलों जीसी सिन्हा और के के गौतम ने कहा कि उनके मुवक्किल एवं उसके दोस्त के खिलाफ 26 अगस्त 2000 को अतरौली पुलिस स्टेशन में पड़ोस की एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।