7 दिन में इलाज पर खर्च किए 17 लाख फिर भी कोरोना से न बच पाए, डेढ़ साल के बेटे ने मां-बाप को दी मुखाग्नि

गोरखपुर के पादरी बाजार निवासी 37 वर्षीय अजय जायसवाल और उनकी पत्नी अंशिका 35 वर्ष कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित हुए थे...

Update: 2021-04-25 14:50 GMT

जनज्वार डेस्क। कोरोना महामारी से मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माने जाने वाला गोरखपुर भी इससे अछूता नहीं है। गोरखपुर से एक दुखद तस्वीर सामने आई है जहां एक दंपत्ति ने कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज पर लाखों रुपये खर्च कर दिए लेकिन फिर उनकी जान न बच सकी। आखिर डेढ़ साल के संक्रमित मासूम ने अपने माता पिता को श्मशान घाट पर मुखाग्नि दी।

खबरों के मुताबिक गोरखपुर के पादरी बाजार निवासी 37 वर्षीय अजय जायसवाल और उनकी पत्नी अंशिका 35 वर्ष कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित हुए थे। बाद में जांच की तो पता चला कि उनकी 6 वर्षीय बेटी गुनगुन और डेढ़ साल का बेटा आंनद भी कोरोना पॉजिटिव था। दंपति को 70 प्रतिशत संक्रमण फैल चुका था, जिसकी वजह से उन्हें राजेंद्र नगर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। वहां स्थिति बिगड़ने लगी तो डॉक्टर्स ने रेफर कर दिया।

इसके बाद 20 अप्रैल को छात्रसंघ चौराहे स्थित एक हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। दंपति की स्थिति लगातार बिगड़ती रही, जिसके बाद परिजन ने अमेरिका के एक बड़े अस्पताल में भी संपर्क किया। 7 दिन में 17 लाख रुपये खर्च हो गए लेकिन दंपति को नही बचाया जा सका। आखिरकार शुक्रवार को अंशिका और अजय कोरोना से जंग हार गए।

डेढ़ वर्षीय संक्रमित बेटे ने माता पिता को दी मुखाग्नि शनिवार को अंशिका और अजय की मौत की सूचना बच्चों को दी गई। इसके बाद डेढ़ वर्षीय कोरोना संक्रमित बेटे आंनद ने शनिवार को माता पिता के चिता को मुखाग्नि दी। दुधमुंहे बच्चे को मुखाग्नि देते देख घाट पर मौजूद लोगों के आंखों से आंसू छलक गए।

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