UP : बेटी की मौत के बाद नहीं मिले चार कंधे, रोते हुए पिता ने रेहड़ी पर ले जाकर किया अंतिम संस्कार

पड़ोसियों से मदद न मिलने के बाद मजबूर पिता ने किसी तरह एक ठेले का प्रबंध किया और ठेले पर ही कंडे रखकर तीनों लोग बेटी के अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़े...

Update: 2021-05-03 03:45 GMT

जनज्वार, लखनऊ। देशभर में कहर बरपा रहे कोरोना से मरने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। हालत यह हैं कि श्मशान घाटों पर 24 घंटे चिताएं जल रही है। कोरोना से पैदा हुए  हालात डरा रहे हैं। इस मुश्किल वक्त में जब लोगों को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए तो ऐसे में कहीं न कहीं इंसानियत पर भी कोरोना का कहर नजर आ रहा है। 

मानवता को शर्मसार कर देने वाली यह तस्वीर पीलीभीत देशनगर मोहल्ले की है। यहां रहने वाले कंचनलाल की 22 वर्षीय बेटी सुमन लंबे अरसे से बीमार थी और उसका इलाज चल रहा था। शनिवार 1 मई को उसकी सुमन की मौत हो गई थी। उसकी मौत की खबर से मोहल्ले में सन्नाटा पसर गया। कोरोना से मौत समझकर पड़ोसी भी मदद के लिए आगे नहीं आए। 

ऐसे में दो रिश्तेदार जरूर उसकी मदद के लिए पहुंचे और उन्होंने बेटी के पिता को ढांढस बंधाया। कंचनलाल के सामने बेटी के शव को मुक्ति धाम तक ले जाने और अंतिम संस्कार करने की समस्या थी। पड़ोसियों से मदद ना मिलने के बाद मजबूर पिता कंचनलाल ने किसी तरह एक ठेले का प्रबंध किया और ठेले पर ही कंडे रखकर तीनों लोग बेटी के अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़े। 

मुक्ति धाम में घंटों इंतजार के बाद उनकी बेटी का अंतिम संस्कार हो सका। यहां बेटी की मौत के बाद उसे चार कंधे तक नसीब नहीं हुए। जिसके बाद मजबूर पिता बेटी के शव को ठेले पर रखकर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान पहुंचा। मदद करने की बजाए यहां जमा लोग इश्वर को ही कोसते नजर आए।  

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