कौन था विकास दुबे का करीबी अमर दुबे, STF ने जिसका किया एनकाउंटर

कानपुर के बिकरू गांव में छह दिन पहले मुठभेड़ में अपने आठ जवानों को गंवाने वाली यूपी पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है...

Update: 2020-07-08 10:55 GMT

जनज्वार। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में नामजद अमर दुबे को एसटीएफ ने बुधवार को हमीरपुर में मार गिराया है। विकास दुबे का सबसे करीबी और विश्वासपात्र अमर दुबे दरअसल में उसका भतीजा था, जो साये की तरह विकास दुबे के साथ रहता था। अमर दुबे 25 हजार रुपए का इनामी बदमाश था। हमीरपुर में एसटीएफ से हुई भिड़ंत के बाद वह घिर गया था और आखिरकार उसे मार गिराया गया। इससे दो दिन पहले ही पुलिस ने मारे गए बदमाश की मां को जेल भेजा था। उस पर अपराधियों को भगाने का आरोप लगाया गया है।

पुलिसकर्मियों की हत्या में अमर दुबे को भी नामजद आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने बताया कि अमर दुबे पर चौबेपुर थाने में 5 मुकदमे दर्ज हैं, इसके अलावा भी इस पर कई मुकदमे दर्ज होने की बात कही जा रही है। पुलिस अब शिवली और शिवराजपुर थाने में उसका आपराधिक इतिहास खंगाल रही है।

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पुलिसकर्मियों की हत्या को अंजाम दी गई वारदात में भी अमर दुबे शामिल था। उसे विकास का शातिर शार्प शूटर बताया जाता है। वह विकास की गाड़ी चलाता था और उसकी सुरक्षा में चौबीसों घंटे तैनात रहता था। वह घटना वाले दिन ही सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अतुल दुबे का सगा भतीजा है। अमर के पिता संजू दुबे की एक सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। उसके पिता संजीव उर्फ संजू दुबे के खिलाफ भी 12 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

नौ दिन पहले ही विकास ने लड़की वालों पर दबाव बनाकर घर पर ही उसकी शादी कराई थी। दरअसल, अमर दुबे के आपराधी होने की जानकारी मिलने के बाद लड़की वालों ने शादी करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद विकास दुबे ने लड़की वालों पर जबरदस्त दबाव बनवाया और लड़की वालों को बिकरू गांव में घर पर ही बुलाकर 29 जून को अमर की शादी कराई थी।

पुलिस को विकास दुबे के घर से मिले दो मोबाइल फोन मिले हैं। कॉल डिटेल में कानपुर, लखनऊ, इटावा के करीब 18 प्रॉपर्टी डीलर व बिल्डर के भी नंबर सामने आए हैं। पिछले महीने ही उनमें से सात लोगों से विकास की फोन पर बात हुई थी। पुलिस अब उनसे पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि प्रॉपर्टी डीलरों के जरिए विकास या तो जमीनों की खरीद-फरोख्त में जुटा था या फिर उन्हें धमका रहा होगा।

29 अगस्त 2019 को विकास के जेल से छूटने के बाद से पुलिस ने उसके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकलवाई है। इसके जरिए विकास की लोकेशन, कनेक्शन व आपराधिक नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पिछले माह विकास की लखनऊ के एक बिल्डर और शहर के छह लोगों से बात हुई थी। पुलिस उन सभी से पूछताछ करने से पहले उनके मोबाइल नंबरों की छानबीन कर रही है। एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कॉल डिटेल के आधार पर कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है।

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