नैनीताल हाईकोर्ट को दूसरे शहर में शिफ्ट किये जाने के विरोध और समर्थन में बंटे लोग, 8 नवंबर को विरोध में मार्च आयोजित
नैनीताल हाईकोर्ट के लिए बढ़ी विभिन्न शहरों में रस्साकशी, रामनगर और नैनीताल में बड़े आंदोलन की सुगबुगाहट, हल्द्वानी भी भर रहा है जोर, नैनीताल में कल मार्च....
Dehradun news : नैनीताल स्थित उत्तराखंड उच्च न्यायालय को नैनीताल शहर से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने के मामले में जिले के तीन शहर आंदोलन के लिए मुखर हो चले हैं। नैनीताल के लोग हाईकोर्ट को नैनीताल में ही बनाए रखने के लिए तो रामनगर हल्द्वानी के लोग कोर्ट की स्थापना अपने अपने शहर में कराए जाने को लेकर आंदोलन की राह पकड़ रहे हैं। सोमवार 7 नवंबर को नैनीताल में जहां हाईकोर्ट को वहीं रोके रखने के लिए तो रामनगर में कोर्ट शिफ्ट होने की स्थिति में उसे रामनगर लाए जाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
रामनगर में हाईकोर्ट को रामनगर लाने के लिए तमाम संगठनों ने एकजुट होकर आंदोलन को तेज करने पर सहमति बनाई। हाईकोर्ट उत्तराखंड नैनीताल को रामनगर शिफ्ट करने की मांग को लेकर रामनगर बार एसोसिएशन की रामनगर के समस्त सामाजिक, राजनीतिक, व्यापारिक संगठनों ने समर्थन देकर रेलवे आंदोलन की तरह जन आंदोलन चलाने पर सहमति जताई।
रामनगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन सिंह चौहान की अध्यक्षता एवं सचिव सुखदेव सिंह के संचालन में हुई रामनगर विकासखंड कार्यालय के सभागार सभा में संपन्न बैठक में वक्ताओं ने कहा कि बिना किसी संघर्ष के रामनगर को कुछ भी नहीं मिला है। रामनगर को जो कुछ भी हासिल हुआ है वह सब लंबे आंदोलनों के दम पर ही मिला है। इसलिए रामनगर की जनता के साथ सभी सामाजिक, राजनीतिक, छात्र, व्यापारिक संगठनों से जुड़े लोगों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हाईकोर्ट उत्तराखंड नैनीताल को रामनगर स्थानांतरित करने के बड़े आंदोलन को शुरू करना होगा।
बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि रामनगर विधायक माननीय दीवान सिंह बिष्ट एवं सांसद पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी की अगुवाई में शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर रामनगर हाईकोर्ट उत्तराखंड नैनीताल को रामनगर स्थापित करने की मांग करेगा।
इस बैठक में सांसद प्रतिनिधि इंदर सिंह रावत, विधायक प्रतिनिधि गणेश रावत, नगर पालिकाध्यक्ष मौ. अकरम, पूर्व पालिकाध्यक्ष भगीरथलाल चौधरी, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश सचिव अनिल अग्रवाल खुलासा, देवभूमि व्यापार मंडल के संरक्षक मनमोहन अग्रवाल, देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल के हेम चंद्र भट्ट, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिमवाल, वरिष्ठ नागरिक समिति से पीसी जोशी, ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी, महेश भारद्वाज, डॉ. निशांत पपनै, उपपा के लालमणि, अशोक गोयल, बहुजन समाज पार्टी के विनोद अंजान, सभासद तनुज दुर्गापाल, राज्य आंदोलनकारी पान सिंह नेगी, जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र सिंह चौहान, क्षेत्र पंचायत सदस्य महावीर सिंह रावत, सहकारी समिति के विजय पाल सिंह रावत, डॉ. जफर सैफी, नदीम अख्तर, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जगदीश मासीवाल, सुरेश नैनवाल, ललित तिवारी, बालम सिंह बिष्ट, अतुल अग्रवाल, प्रभात ध्यानी, जगतपाल सिंह रावत, ललित मोहन पांडे, गिरधर सिंह बिष्ट, प्रदीप अग्रवाल, रवि चौधरी, तरुण बिष्ट, बलवंत सिंह बिष्ट, बृजेश शुक्ला, गणेश कुमार गगन, सहाना सैफी, सुनीता रानी, नाज, दीप्ति खुल्बे सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे।
हाई कोर्ट की शिफ्टिंग पहाड़ के खिलाफ साजिश
दूसरी तरफ सोमवार 7 नवंबर को ही जिला बार एसोसिएशन नैनीताल के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों व समितियों—संस्थानों से जुड़े लोगों ने सोमवार को बार सभागार में एक बैठक में नैनीताल से लगातार शिफ्ट हो रहे कोर्ट व विभिन्न दफ्तरों को एक सुनियोजित तरीके की साजिश बताया, जिसके नैनीताल से इनको धीरे धीरे तराई व अन्यत्र स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है।
अधिवक्ताओं की राय में सरकार के यह फैसले पर्वतीय राज्य की अवधारणा के विरोध में है। बार एसोसिएशन के सदस्यों ने एक स्वर में हाइकोर्ट सहित अन्य न्यायालयों व दफ्तरों को यहां से शिफ्ट करने के खिलाफ लड़ाई के लिये तैयार रहना का आह्वान करते हुए कहा कि पूर्व नैनीताल जिला बार ने हाइकोर्ट के लिये लंबी लड़ाई लड़ी है। वह आगे भी इसके लिये तैयार है। एसोसिएशन ने कल मंगलवार 8 नवंब को मल्लीताल से निकलने वाले मार्च को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की।
इस दौरान बार एसोसिएशन अध्यक्ष नीरज साह सचिव दीपक रुबाली, संजय सुयाल, तरुण चंद्रा, उमेश कांडपाल, शिवांशु जोशी, मनीष कांडपाल, राजेश त्रिपाठी, किरन आर्य, व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नन्दन साह,पूर्व पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी, मनीष मोहन जोशी, राजेन्द्र कुमार पाठक, राजेश चंदोला, पंकज बिष्ट, गोपाल सिंह कपकोटी, पंकज कुलौरा, बलवंत सिंह थलाल, पंकज कुमार, कैलाश ब्ल्यूटिया, संजय त्रिपाठी, अनिल बिष्ट, नवीन पंत, प्रकाश पांडेय, भरत भट्ट, हरीश भट्ट, यशवंत सिंह बिष्ट, अरुण बिष्ट, दयाकिशन पोखरिया, गिरीश बहुखंडी, अनिल हर्नवाल, सुभाष जोशी, कमल चिलवा, मुकेश कुमार, अर्चित गुप्ता, हेम चंद्र बोरा ,रमेश भट्ट, शंकर चौहान, संतोष आगरी, मोहम्मद खुर्शीद, सुनील कुमार, दीपक दानु, कमलेश बिष्ट, सरिता बिष्ट, मुन्नी आर्य, जया आर्य के अलावा मुख्य रूप से वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र सिंह पाल, हाइकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष सय्यद नदीम मून, नितिन कार्की, कुमाऊँ विश्वविद्यालय कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष दीपक बिष्ट, टैक्सी यूनियन अध्यक्ष नीरज जोशी सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग मौजूद रहे।