Dehradun News: अस्पताल में इलाज के नाम पर नाबालिग के साथ अश्लील हरकत, डॉक्टर पर POCSO एक्ट में मुकदमा दर्ज

Dehradun News: चिकित्सा पेशे को शर्मसार करते हुए एक डॉक्टर इलाज के लिए अस्पताल आई एक नाबालिग लड़की पर ही गन्दी नजर डाल बैठा।

Update: 2022-04-01 10:31 GMT
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Dehradun News: चिकित्सा पेशे को शर्मसार करते हुए एक डॉक्टर इलाज के लिए अस्पताल आई एक नाबालिग लड़की पर ही गन्दी नजर डाल बैठा। इलाज के बहाने अपना कुत्सित एजेंडा सेट कर रहे इस डॉक्टर की कारस्तानी से परेशान लड़की ने अपने पिता को सारी बात बताई तो पिता ने इस कामुक डॉक्टर के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया। मुकदमा दर्ज होते ही डॉक्टर फरार हो गया है। मामला उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून के सबसे बड़े जाने-माने अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज का है।

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के नाम पर 16 वर्षीय छात्रा का आरोप है कि टीबी के इलाज करने के नाम पर डॉक्टर ने उसके साथ अश्लील हरकत की। 10वीं में पढ़ने वाली इस नाबालिग छात्रा के अनुसार साल 2021 से उसका इलाज दून सरकारी अस्पताल के टीबी डॉट्स डिपार्टमेंट में चल रहा था। 22, फरवरी 2021 को वह चेकअप के लिए संबंधित डॉक्टर के पास गई। जहां पहले से एक्स-रे और अन्य जांच रिपोर्ट के आधार पर बताया गया कि अब वह पूरी तरह से नॉर्मल है, लेकिन रेगुलर चेकअप के लिए उन्हें बीच-बीच में आना पड़ेगा। ऐसे में 4 मार्च, 2022 को जब पीड़िता दून अस्पताल के टीवी डॉट्स डिपार्टमेंट में चेकअप के लिए गई तो वहां नए डॉक्टर अयोध्या प्रसाद मिला। जिसने छात्रा को फिर से अपने एक्स-रे और अन्य टेस्ट कराने को कहा। लेकिन पैथोलॉजी वालों ने छात्रा की दुबारा जांच करने से इसलिए मना कर दिया, क्योंकि लैब रिकॉर्ड अनुसार कुछ दिन पहले ही छात्रा की सभी रिपोर्ट नॉर्मल आई थी।

पीड़िता ने डॉक्टर से सारी बात बताई तो डॉक्टर ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। जांच में कुछ समस्या है। वह खुद सब करवा लेंगे। इसी तरह टीबी के इलाज के नाम पर डॉक्टर अयोध्या प्रसाद छात्रा को लगातार गुमराह करता रहा। इसी बीच डॉक्टर ने छात्रा को लगातार चेकअप करने के बहाने बुलाकर उसके साथ अश्लील हरकत की तो छात्रा डॉक्टर के गलत इरादे भांप गई। छात्रा ने अब अस्पताल आने से मना कर दिया तो डॉक्टर प्रसाद लगातार उसे डरा-धमका कर अस्पताल आने में मजबूर करने लगा। लेकिन वावजूद पीड़िता ने आरोपी डॉक्टर से फोन पर साफ मना करने के भी डॉक्टर मानसिक रूप से लगातार फोन कर छात्रा को परेशान करता रहा।

छात्रा के मुताबिक डॉक्टर ने उसे इतना मेंटल टॉर्चर करना शुरू कर दिया कि वह आत्महत्या करने की सोचने लगी थी। वह तीन बहनें हैं। भाई की कुछ समय पहले ही मौत हो चुकी है। ऐसे में उसकी मौत से परिवार टूट ना जाए, इसलिए उसने आत्मघाती कदम उठाने की बजाय पिता को सारी बातें बताई।

जिसके बाद पीड़िता के पिता ने बेटी से मिले सभी पर्याप्त फोन कॉल्स और मैसेज को सबूत के तौर पर कोतवाली पुलिस के सामने पेश कर तहरीर दी है। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर अयोध्या प्रसाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (क) छेड़छाड़ उत्पीड़न, 504, 506 लैंगिक अपराध, बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत धारा 7 और 8 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मुकदमा दर्ज होने की भनक लगते ही आरोपी डॉक्टर फरार हो गया है।

पुलिस का कहना है कि बीमारी नॉर्मल होने के बावजूद आरोपी डॉक्टर ने चेकअप के बहाने नाबालिग को बुलाया और उसका शारीरिक उत्पीड़न किया। पीड़िता ने परेशान होकर आत्महत्या का भी मन बनाया था। फिलहाल पुलिस इस मामले में दून अस्पताल के टीबी डॉट्स डिपार्टमेंट में तैनात फरार डॉक्टर अयोध्या प्रसाद की तलाश में जुटी है।

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