Haldwani News: हल्द्वानी में आदमखोर बाघ की वापसी, इस बार महिला बनी सातवीं शिकार
Haldwani News: बीते दो महीने में कई लोगों को अपना शिकार बना चुके आदमखोर बाघ की गुरुवार को एक बार फिर खूनी वापसी हो गई। इस बार इस आदमखोर ने जंगल में घास लेने गई एक महिला को अपना शिकार बना लिया है।
Haldwani News: बीते दो महीने में कई लोगों को अपना शिकार बना चुके आदमखोर बाघ की गुरुवार को एक बार फिर खूनी वापसी हो गई। इस बार इस आदमखोर ने जंगल में घास लेने गई एक महिला को अपना शिकार बना लिया है। महिला की मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने धरना शुरू कर दिया है। खबर भेजे जाने तक अधिकारी ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम नवाड़ सैलानी फतेहपुर निवासी नंदी भट्ट (65 वर्ष) पत्नी खीमा नंद चार अन्य महिलाओं के साथ वसुंधरा कॉलोनी के पीछे जंगल में घास लेने गई थीं। सभी महिलाएं अलग अलग जगह घास काट रहीं थी कि इसी बीच झाड़ियों में पहले से ही घात लगाए बैठे एक बाघ ने नंदी पर हमला कर दिया। खूंखार बाघ नंदी को खींचकर जंगल की तरफ ले जाने लगा। नंदी की चीख पुकार सुनकर साथ की महिलाएं घटना स्थल की तरफ भागी। नंदी को बाघ के जबड़े में फंसे देखकर महिलाओं ने शोर मचाना शुरू किया। शोर शराबा होने पर बाघ नंदी को वहीं छोड़कर भाग गया। लेकिन तब तक नंदी देवी की मौत हो चुकी थी। महिलाओं ने इसकी सूचना नंदी देवी के परिजनों व ग्रामीणों को दी।
घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने नंदी के शव को रामनगर कालाढूंगी मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया। मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग के फतेहपुर रेंज की टीम रेंजर केआर आर्या के नेतृत्व में मौके पर पहुंच गई। इस दौरान गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे रेंजर केआर आर्या का घेराव करते हुए बाघ के आतंक से निजात दिलाने की मांग की। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए मौके पर हल्द्वानी एसडीएम मनीष कुमार सिंह भी पहुंच गए। मौके पर अधिकारी गुस्साए लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे लेकिन नाराज ग्रामीण मानने को तैयार नहीं है। रेंजर आर्या के मुताबिक बाघ ने फतेहपुर रेंज के जंगल में करीब डेढ़ किमी भीतर नंदी देवी पर हमला किया है।
बता दें कि क्षेत्र के ग्रामीण बाघ के आतंक से लगातार परेशान होकर वन विभाग से अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगाते हुए आ रहे हैं। लेकिन वन विभाग बाघ को पकड़ने में अभी तक नाकामयाब रहा है।
फतेहपुर रेंज में बाघ इससे पहले छः लोगों को अपना निवाला बना चुका है। आज की घटना में बाघ द्वारा यह सातवीं मौत है। इस आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग एक महीने तक शिकारियों के दल के साथ जंगल में अभियान भी चला चुका है। लेकिन बाघ के पकड़ में न आने की वजह से शिकारियों का दल वापस चला गया है। ऐसे में गुरुवार को फिर हुई इस टाइगर किलिंग के बाद एक बाद लोगों में वन विभाग के प्रति जबरदस्त आक्रोश गुस्सा है।