Pithoragarh News: अब इंसाफ मांगना भी जातिवाद है उत्तराखंड में, दलित नेता पर पिथौरागढ़ में 2 मुकदमे, हत्यारोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर किया था प्रदर्शन

Pithoragarh News: जातीय सड़ांध से बदबू मार रहे उत्तराखंड में जातीय उत्पीड़न के एक मामले की खबर पुरानी नहीं हो पाती, उससे पहले ही एक नया मामला सामने आ जाता है। उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी के उभार के बाद राज्य में भी भीम आर्मी ने अपना विस्तार किया है।

Update: 2022-11-26 16:15 GMT

Pithoragarh News: अब इंसाफ मांगना भी जातिवाद है उत्तराखंड में, दलित नेता पर पिथौरागढ़ में ठोक दिए दो मुकदमे, हत्यारोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर किया था प्रदर्शन

Pithoragarh News: जातीय सड़ांध से बदबू मार रहे उत्तराखंड में जातीय उत्पीड़न के एक मामले की खबर पुरानी नहीं हो पाती, उससे पहले ही एक नया मामला सामने आ जाता है। उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी के उभार के बाद राज्य में भी भीम आर्मी ने अपना विस्तार किया है। भीम आर्मी जहां जातिगत मामलों को लेकर मुखरता से उठाकर दलितों को न्याय दिलाने का प्रयास करती है तो प्रशासन की नजरों में इसकी गतिविधियां हमेशा चुभती रहती हैं। ऐसा ही एक मामला जिला पिथौरागढ़ में सामने आया जब एक दलित व्यक्ति की हत्या के बाद न्याय की उम्मीद में प्रदर्शन कर रहे भीम आर्मी नेता पर प्रशासन ने गंभीर धाराओं में दो-दो मुकदमें ठोक दिए।

मामले के संदर्भ के तौर पर बता दे कि जिले की इग्यार पट्टी के बेड़ा गांव निवासी चनरराम 23 नवम्बर को खितौली गांव के खुशालराम का नाती होने की खुशी में रखे गए एक समारोह में शामिल होने के लिए बुधवार की रात्रि अपने घर से निकला था। लेकिन इसके बाद 42 वर्षीय चनरराम घर नहीं पहुंचा। अगली सुबह यानी गुरुवार को चनरराम का शव ग्रामीणों के माध्यम से एक नौले के पास झाड़ियों में पड़ा होने की जानकारी मिली। इस मामले में मृतक चनरराम के बड़े भाई रमेश राम ने राजस्व पुलिस को तहरीर देकर अपने भाई की हत्या की आशंका जाहिर की थी। दूसरी तरफ नौले में डेड बॉडी मिलने की खबर पर एसडीएम अनुराग आर्य और तहसीलदार पंकज चंदोला ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा करवाकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। राजस्व पुलिस ने भी लाश की दशा और प्रारंभिक जांच के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या के जुर्म में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 तथा 201 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। पोस्टमार्टम के बाद राजस्व उपनिरीक्षक शैलेंद्र सिंह ने शव को चनरराम के भाई रमेश राम के सुपुर्द कर दिया। लेकिन प्रशासन की इस मामले में अब तक की कार्यवाही से असंतुष्ट परिजन कुछ लोगों के साथ शव को मोर्चरी से लेकर कलेक्ट्रट पहुंच गए। यहां लोगों ने शव को कलेक्ट्रट के प्रवेश द्वार पर रख कर नारेबाजी करनी शुरू कर दी। लोगों की मांग इस मामले को नियमित पुलिस को सौंपने और संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी करने की थी। भीड़ के तेवर देखते हुए मामले को जिलाधिकारी के आदेश पर राजस्व पुलिस से लेकर नियमित पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। जिसके बाद लोग मृतक के शव को लेकर बेड़ा गांव लौट गई।


लेकिन लोगों के कलेक्ट्रेट से लौटने के राजस्व उप निरीक्षक ने आठ से दस ज्ञात अज्ञात लोगों के खिलाफ मृतक के शव को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करके सरकारी काम में बाधा डालने और शव का अपमान करने का मुकदमा दर्ज करा दिया। इल्जाम था कि इस प्रदर्शन से अपने कामों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे जिले भर के कई लोगों को अंदर जाने में परेशानी हुई। जिससे कलेक्ट्रेट का काम-काज भी इससे प्रभावित हुआ। राजस्व उपनिरीक्षक शैलेंद्र सिंह की तहरीर पर अमित, गोविंद बौध, सुरेश राम एवं 8-10 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने, मृतक के परिजनों को भड़काने, और शव अपमान करने के आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, उसमें शैलेन्द्र सिंह राजस्व उपनिरीक्षक सल्ला प्रभारी इग्यार द्वारा पिथौरागढ़ पुलिस को दी शिकायत में लिखा है कि 24 नवम्बर को श्री रमेश राम पुत्र देवराम निवासी ग्राम बेडा पट्टी- इग्यार तहसील व जिला पिथौरागढ़ वाले द्वारा उनके भाई चनर राम की हत्या का मुकदमा पट्टी इग्यार अन्तर्गत दर्ज करवाया गया था। जिसमें मृतक के शव का आज दिनांक 25.11.2022 को जिला मोर्चरी में पोस्टमार्टम करा शव मृतक के भाई रमेश राम को सुपुर्द किया गया था। पोस्टमार्टम किये जाने के बाद अमित पुरानी, गोबिन बौध, सुरेश राम एवं 8-10 अन्य व्यक्तियो द्वारा बार-बार शव को नही ले जायेगे, शव को D.M. ऑफिस में सडने देगे कह रहे थे। जब मेरे द्वारा मृतक का शव उसके भाई के सुपुर्द किया गया तो ये लोग मृतक के परिजनों को गुमराह कर शव को कलेक्ट्रेट ले आये, और शव को गेट के पास रख कलेक्ट्रेट का रास्ता बन्द कर नारे बाजी करने लगे जिससे कलेक्ट्रेट मे काम से आने जाने वाले लोगो को परेशानी होने लगी जिस पर जिला प्रशासन एवं पुलिस ने उन लोगो को काफी समझाया। लेकिन वो लोग समझने को तैयार नहीं थे और प्रशासन को देख लेने की धमकी देने लगे। उक्त व्यक्तियो द्वारा जान बूझकर गिरोह बनाकर सरकारी कार्य में बाधा पहुचायी गयी है। तथा मृत व्यक्ति के शव का अपमान किया गया है। अतः उपरोक्त व्यक्तियो के विरुद्ध आवश्यकीय कार्यवाही करने की कृपा कर दी जाये। पिथौरागढ़ पुलिस ने इस मामले में तीनों नामजद लोगों के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 147, 186, 297 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।


इससे पहले की राजस्व उपनिरीक्षक द्वारा दर्ज मुकदमें की जांच शुरू हो, तहसीलदार पंकज चंदोला ने एक और तहरीर पुलिस कोतवाली में पहुंचा दी। इस तहरीर में सोशल मीडिया का सहारा लेकर हत्या के मामले को उछालने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष गौतम बौद्ध के खिलाफ आरोप लगाया है। जो दूसरा मुकदमा इस मामले में भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष को निशाना बनाते हुए दर्ज कराया गया है, उसमें तहसीलदार पंकज चन्दोला ने कहा है कि दिनांक 24.11.2022 को राजस्व उपनिरीक्षक इग्यार द्वार वादी रमेश राम पुत्र श्री देव राम निवासी ग्राम बेड़ा पट्टी इग्यार तहसील एवं जिला पिथौरागढ़ की तहरीर पर पट्टी इग्यार में मु.अ.सं. 01/2022 धारा 302,201 आई0पी0सी0 बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया था। जिसमें उनके द्वारा विवेचना की जा रही थी। उक्त मामला वर्तमान में नियमित पुलिस को हस्तान्तरित किया जा चुका है। दिनांक 24.11.2022 की शाम को फेसबुक पर जिसकी आई.डी. गोविन्द बौद्ध नाम से है, फेसबुक पर यह सूचना डाली गयी थी कि ग्राम बेड़ा में स्वर्ण समाज के लोगो द्वार चनर राम की हत्या कर दी गयी है। तथा परिवार को धमकाया गया है। तथा उसके द्वारा अपने फेसबुक पर लाइव आकर घटना के सम्बन्ध में भ्रामक सूचना दी जा रही थी। गोबिन्द बौद्ध द्वारा फेसबुक पर दो जातियों के मध्य सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने तथा जातिय वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से उक्त गलत सूचना डाली गयी है। जिसकी स्क्रीन शाट की छायाप्रतिया संलग्न है। अतः उक्त गोबिन्द बैद्ध के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने का कष्ट करें। तहसीलदार की शिकायत पर यह मुकदमा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153 ए के तहत दर्ज किया गया है।

इस मामले में भीम आर्मी के गोविंद बौद्ध ने जनज्वार को बताया कि प्रशासन हमेशा दलितों मजलूमों की आवाज को दबाने की कोशिश में लगा रहता है। दलितों की आवाज उठाने वाली भीम आर्मी की क्रांतिकारिता से प्रशासन इतना खौफजदा है कि जिन दलितों की जीते जी कोई सुनवाई नहीं होती, उनकी मौत के बाद शव के अपमान का बहाना बनाकर वह भीम आर्मी नेताओं पर मुकदमें थोपकर उनकी आवाज कुचलने का प्रयास कर रहा है। जबकि सवर्ण समाज के लोगों से क्षेत्र में दलितों को लगातार खतरा बना हुआ है। बौद्ध ने कहा कि वह प्रशासन की इस दमनकारी नीति के आगे घुटने नहीं टेकेंगे। यदि इस मामले में दलित समाज के साथ न्याय नहीं हुआ तो भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण के तत्वाधान में पूरे उत्तराखंड का दलित समाज सड़कों पर उतरकर आंदोलन के लिए मजबूर होगा। कुल मिलाकर चनरराम की हत्या के मामले की जांच नियमित पुलिस को सौंपी गई है। हत्यारे कौन हैं और उन्होंने हत्या क्यों की, यह पुलिस की जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन यह मामला जिले में चर्चाओं का विषय बन गया है।

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