Uttarakhand Election News: केदार सिंह रावत का बड़ा बयान, इस नेता पर भीतरघात का आरोप

Uttarakhand Election News: विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्याले में उठा भीतरघात का तूफान शांत होने को तैयार नहीं है। अभी पिछले आरोपों पर पार्टी में कोई कार्यवाही शुरू भी नहीं हो पाई थी कि एक और प्रत्याशी ने भाजपा संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों पर भीतरघात कर उन्हें चुनाव हरवाने की कोशिश करने का आरोप लगा दिया है।

Update: 2022-02-19 12:56 GMT

Uttarakhand Election News: केदार सिंह रावत का बड़ा बयान, इस नेता पर भीतरघात का आरोप

Uttarakhand Election News: विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्याले में उठा भीतरघात का तूफान शांत होने को तैयार नहीं है। अभी पिछले आरोपों पर पार्टी में कोई कार्यवाही शुरू भी नहीं हो पाई थी कि एक और प्रत्याशी ने भाजपा संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों पर भीतरघात कर उन्हें चुनाव हरवाने की कोशिश करने का आरोप लगा दिया है। शनिवार को यह ताजा आरोप लगा है यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी केदार सिंह रावत की ओर से।

विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा की भीतरघात एक्सप्रेस का पहला स्टेशन हरिद्वार जनपद की लक्सर विधानसभा सीट रहा। जहां भाजपा प्रत्याशी व मौजूदा विधायक संजय गुप्ता ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही अपने को चुनाव हरवाने के षडयंत्र रचने का आरोप लगाया था। गुप्ता के द्वारा भीतरघात का आरोप लगाने के बाद कई विधानसभा क्षेत्रों से भीतरघात किये जाने के आरोप पार्टी प्रत्याशियों द्वारा खुलकर लगाए जाने शुरू हो गए थे। इन तमाम आरोपों की गंभीरता से दिल्ली बैठे भाजपा आलाकमान के माथे तक पर बल पड़ने शुरू हो गए थे। जिसके बाद केंद्रीय आलाकमान द्वारा भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) से इन प्रकरण की रिपोर्ट तलब कर ली थी। शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की दिल्ली यात्रा को भी भीतरघात के जवाब देने के आलोक में ही देखा जा रहा है। ऐसी सूरत में अब भाजपा के यमुनोत्री विधानसभा प्रत्याशी केदार सिंह रावत ने भी चुनाव में भीतरघात का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है।

यमुनोत्री सीट से भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान विधायक केदार सिंह रावत का कहना है कि भाजपा प्रदेश संगठन में अहम पद पर बैठे पदाधिकारी के द्वारा भी यमुनोत्री विधानसभा सीट पर उनके खिलाफ काम किया गया है, जिससे पार्टी को नुकसान पहुंचा है। पार्टी के द्वारा यदि उनसे पूछा जाएगा तो वह नाम भी बताने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी से नहीं बल्कि निर्दलीय प्रत्याशी संजय डोभाल जिन्हें कांग्रेस और भाजपा के भीतर घात करने वालों का साथ मिला है, से है। लेकिन कड़ा मुकाबला होने के वावजूद वह अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।

भीतरघात या गलत टिकट वितरण ?

चुनाव में भीतरघात कमोवेश सभी पार्टियों में चलता है। हर पार्टी में सेकेंड लाइन की लीडरशिप प्रथम पंक्ति में आने के लिए प्रथम पंक्ति के नेता को असफल साबित करने के लिए रोड़े अटकाती रहती है। हर चुनाव के बाद सभी बड़ी पार्टियों में यह आम बात है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी में इस बार भीतरघात के आरोपों की जो झड़ी लगनी शुरू हुई है, उसका मिजाज कुछ अलग किस्म का महसूस हो रहा है। खुद भाजपा में अंदरखाने यह चर्चा चल रही है। पार्टी के अंदर जो खुसर-पुसर चर्चाओं की चल रही है, उस पर भरोसा किया जाए तो टिकट वितरण में इस बार पार्टी से चूक हुई है। कई ऐसे जिताऊ प्रत्याशियों पर पार्टी ने ऐसे लोगों को टिकट दे दिया, जिनके बारे में पहले से साफ था कि वह चुनाव शायद ही निकाल पाएं। अब ऐसे ही प्रत्याशी जनादेश बाहर आने से पहले ही भीतरघात का आरोप लगाकर आने वाले प्रतिकूल परिणाम की भूमिका तैयार कर रहे हैं। जिससे मतगणना के बाद आयोजित होने वाली मंथन बैठक में वह अपने आप को पाक-साफ साबित करते हुए चुनावी पराजय का ठीकरा भीतरघात पर फोड़ सके।

बहरहाल, प्रत्याशियों द्वारा लगाए जा रहे भीतरघात के आरोपों में कितना दम है, यह तो पार्टी की जांच के बाद ही साफ होगा। लेकिन भीतरघात के आरोपों को लेकर जिस दूसरी संभावना की चर्चा की जा रही है, उसे भी सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता।

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