बीजापुर में मजदूरी की मांग को लेकर 50 गांवों के लोग डीएम कार्यालय में बेरिकेड तोड़ घुस आये

छत्तीसगढ के बीजापुर में मजदूरी नहीं मिलने से नाराज 50 गांवों के लोग जबरन डीएम कार्यालय में घुस गए और शर्ताें के साथ फिलहाल अपना आंदोलन रोका...

Update: 2020-06-30 02:26 GMT
बीजापुर डीएम कार्यालय के सामने सोमवार को मजदूरी की मांग को लेकर जुटे ग्रामीण.

जनज्वार। एक तो कोरोना महामारी और लाॅकडाउन ने लोगों की रोजी-रोटी पर पहले ही बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। उस पर सरकारी सिस्टम लापरवाही करे तो जनता का गुस्सा फुटना लाजिमी है। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ से सामने आया है। सोमवार (29 जून 2020) को बीजापुर जिले के 50 गांव के लोग जबरन बेरिकोडिंग तोड़ते हुए जिला कलेक्टर के ऑफिस में घुस गए। अपने हक की मांग को लेकर सड़कों पर इस कदर उतरी जनता के सामने बड़ी संख्या में तैनात की गई बंदूक धारी पुलिस लाचार नजर आई।

दरअसल, यह वह भीड़ थी जो जिला प्रशासन ने तेंदू पत्ता तुड़ाई की मजदूरी मांग रही थी, लेकिन प्रशासन से उन्हें आशाजनक जवाब नहीं मिल रहा था। लाॅकडाउन ने तो सुदूर ग्रामीण इलाकों की भी आर्थिक सेहत खराब की है। ऐसे में इनके पास अपनी मेहनत मजदूरी का पैसा मांगने के अलावा और क्या विकल्प था? जब प्रशासन ने इनकी बातें नहीं सुनी तो 50 गांव के लोग एकजुट हुए और फिर चरपाल गांव से बड़ी भीड़ के रूप में 25 किलोमीटर पैदल चलते हुए जिला मुख्यालय बीजापुर पहुंचे।

जब प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तो कलेक्टर कार्यालय के चारों ओर बेरिकेडिंग कर दी गई और संतरी तैनात कर दिए गए कि वे उग्र जनता को रोक लेंगे। पर ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे और वे बेडिकोडिंग तोड़ कार्यालय के अंदर घुस गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

फिर तेंदू पत्ता श्रमिकों और जिला प्रशासन की बात हुई और उसमें यह आश्वासन दिया गया कि इन्हें दो दिन के भीतर नकद भुगतान कर दिया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर व प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम फिर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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