बीजापुर में मजदूरी की मांग को लेकर 50 गांवों के लोग डीएम कार्यालय में बेरिकेड तोड़ घुस आये
छत्तीसगढ के बीजापुर में मजदूरी नहीं मिलने से नाराज 50 गांवों के लोग जबरन डीएम कार्यालय में घुस गए और शर्ताें के साथ फिलहाल अपना आंदोलन रोका...
जनज्वार। एक तो कोरोना महामारी और लाॅकडाउन ने लोगों की रोजी-रोटी पर पहले ही बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। उस पर सरकारी सिस्टम लापरवाही करे तो जनता का गुस्सा फुटना लाजिमी है। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ से सामने आया है। सोमवार (29 जून 2020) को बीजापुर जिले के 50 गांव के लोग जबरन बेरिकोडिंग तोड़ते हुए जिला कलेक्टर के ऑफिस में घुस गए। अपने हक की मांग को लेकर सड़कों पर इस कदर उतरी जनता के सामने बड़ी संख्या में तैनात की गई बंदूक धारी पुलिस लाचार नजर आई।
#WATCH Chhattisgarh: Residents of 50 villages in Bijapur break Police barricading to enter Collector Office with their demands, including cash payment to them for collection of Tendu leaves. They had walked to the office from Cherpal village, covering 25 km on foot. (29.06) pic.twitter.com/gYZnbMoQZG
— ANI (@ANI) June 29, 2020
दरअसल, यह वह भीड़ थी जो जिला प्रशासन ने तेंदू पत्ता तुड़ाई की मजदूरी मांग रही थी, लेकिन प्रशासन से उन्हें आशाजनक जवाब नहीं मिल रहा था। लाॅकडाउन ने तो सुदूर ग्रामीण इलाकों की भी आर्थिक सेहत खराब की है। ऐसे में इनके पास अपनी मेहनत मजदूरी का पैसा मांगने के अलावा और क्या विकल्प था? जब प्रशासन ने इनकी बातें नहीं सुनी तो 50 गांव के लोग एकजुट हुए और फिर चरपाल गांव से बड़ी भीड़ के रूप में 25 किलोमीटर पैदल चलते हुए जिला मुख्यालय बीजापुर पहुंचे।
Chhattisgarh: Residents of 50 villages in Bijapur y'day met the Dist Collector with their demands, including cash payment to them for collection of Tendu leaves. Say, "The Collector told us that we will be given cash within two days. If that doesn't happen we will protest again." pic.twitter.com/TA7knl5ZtV
— ANI (@ANI) June 29, 2020
जब प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तो कलेक्टर कार्यालय के चारों ओर बेरिकेडिंग कर दी गई और संतरी तैनात कर दिए गए कि वे उग्र जनता को रोक लेंगे। पर ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे और वे बेडिकोडिंग तोड़ कार्यालय के अंदर घुस गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
फिर तेंदू पत्ता श्रमिकों और जिला प्रशासन की बात हुई और उसमें यह आश्वासन दिया गया कि इन्हें दो दिन के भीतर नकद भुगतान कर दिया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर व प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम फिर विरोध प्रदर्शन करेंगे।