Who is Mahua Maji : कौन हैं महुआ मांझी ? जिन्हें हेमंत सोरेन की झामुमो ने राज्यसभा के लिए बनाया है उम्मीदवार

Who is Mahua Maji : आपको बता दें कि झारखंड में दो सीटों पर राज्यसभा का चुनाव होना है। इसके लिए 10 जून को वोट डाले जाएंगे। राज्यसभा चुनाव के लिए एक तरफ जहां भाजपा ने आदित्य साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी आज अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी। साहित्यकार व झामुमो की नेता महुआ मांझी पर पार्टी ने भरोसा जताते हुए उन्हें और उन्हें राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है...

Update: 2022-05-30 13:05 GMT

Who is Mahua Maji : कौन हैं महुआ माजी? जिन्हें हेमंत सोरेन की झामुमो ने राज्यसभा के लिए बनाया है उम्मीदवार

Who is Mahua Maji : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की करीबी महुआ माजी (Mahua Maji) को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। राज्य के सीएम व झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने आज झामुमो नेत्री व साहित्यकार महुआ माजी के नाम की घोषणा की। राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाए जाने के बाद मीडिया से बातचीत में महुआ माजी ने कहा कि वे पार्टी की उम्मीदों पर हर संभव खरा उतरने का प्रयास करेंगी। सदन में वे झारखंड के दबे-कुचलों की की आवाज बनेंगी।

झारखंड मुक्ति मोर्चा को उम्मीद सदन में झारखंड की आवाज करेंगी बुलंद

आपको बता दें कि झारखंड में दो सीटों पर राज्यसभा का चुनाव होना है। इसके लिए 10 जून को वोट डाले जाएंगे। राज्यसभा चुनाव के लिए एक तरफ जहां भाजपा ने आदित्य साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी आज अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी। साहित्यकार व झामुमो की नेत्री महुआ माजी (Mahua Maji) पर पार्टी ने भरोसा जताते हुए उन्हें और उन्हें राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है।

आपको बता दें कि महुआ माजी (Mahua Maji) साहित्यकार होने के साथ-साथ झामुमो के महिला मोर्चा की कमान भी संभाल चुकी हैं। इतना ही नहीं उन्होंने झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। ऐसे में झामुमो को उम्मीद है कि प्रदेश के लोगों की आवाज को वे राज्यसभा में बुलंदी से रखेंगी।

साहित्य के क्षेत्र में बना महुआ बना चुकी हैं पहचान

आपको बता दें कि झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी महुआ माजी (Mahua Maji) को उनके उपन्यास 'मैं बोरिशाइल्ला' के लिए कई पुरस्कार मिले हैं. इनका दूसरा उपन्यास 'मरंग गोड़ा नीलकंठ हुआ' है। हंस, कथादेश, कथाक्रम, नया ज्ञानोदय के साथ-साथ कई पत्र-पत्रिकाओं में इनकी कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं।

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